कोलकाता : पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री (WB Finance Minister) अमित मित्रा (Amit Mitra) ने सोमवार को आरोप लगाया कि माल एवं सेवाकर परिषद (Goods and Services Tax Council-GST) अब बहुमत से निर्णय लेने वाली संस्था बन गई है. इसमें अब आम सहमति से फैसले नहीं लिये जाते हैं. उन्होंने कहा कि परिषद में मंत्री समूह की आवाज को अनुसना कर दिया जाता है.
मित्रा ने की मामले की जांच की मांग
मित्रा ने कहा कि 44वीं जीएसटी परिषद की बैठक में उन्होंने अपनी बात रखने का भरसक प्रयास किया था लेकिन ऐन मौके पर उनका वीडियो लिंक काट दिया गया. अमित मित्रा ने इस मामले की जांच की मांग की है कि जब बैठक चल रही थी तब कैसे और किसने उनके माइक्रोफोन की आवाज एन वक्त पर बंद कर दी. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि जीएसटी परिषद में अब अधिनायकवाद और बहुमतवाद का बोलबाला हो गया है. यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है.
जीएसटी परिषद के फैसलों से मित्रा असहमत
उन्होंने परिषद के फैसलों पर अपनी असहमति दर्ज कराने के लिये केन्द्रीय वित्त मंत्री (Union Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) को पत्र भी लिखा है. उन्होंने लिखा कि मुझे बैठक में बार-बार सुना गया, लेकिन बैठक के आखिरी हिस्से में मैंने अपना हाथ उठाया हुआ था और आप मुझे देख सकती थीं. अन्य सभी माइक्रोफोन केन्द्र की वेब प्रबंधन टीम द्वारा खुले रखे गये थे, मेरा माइक्रोफोन बंद था. मैं यह देख सकता था. मैं मूर्ख नहीं हूं. कृपया इसकी जांच करायें और मुझे बताएं. जब मैं अपनी असहमति जताना चाहता था तब मेरा माइक्रोफोन कैसे बंद कर दिया गया. मैं संदेह का लाभ देना चाहता हूं. मित्रा ने कहा कि उनके सीतारमण के साथ काफी अच्छे संबंध हैं. हालांकि, अभी तक उन्हें उनका जवाब नहीं मिला है.
पढ़ें :कोविड वैक्सीन पर जीएसटी कटौती नहीं करना 'जन विरोधी' : अमित मित्रा
अमित मित्रा ने कोविड- 19 टीके पर कर नहीं घटाने के जीएसटी परिषद के शनिवार की बैठक के फैसले को 'जन-विरोधी' बताया है. परिषद ने कोरोना वायरस की दवा जैसे रेमडेसिविर और टाक्लीजुमैब के साथ ही चिकित्सा आक्सीजन और आक्सीजन कंसन्ट्रेटर पर जीएसटी दर में कटौती की है लेकिन टीके पर कर घटाने की मांग को नकार दिया.
(पीटीआई-भाषा)