मुंबई :महाराष्ट्र कैबिनेट ने बुधवार को स्थानीय निकायों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को आरक्षण के लिए अध्यादेश के आदेश में संशोधन करने के प्रावधान वाले प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने आखिरकार ओबीसी आरक्षण पर संशोधित अध्यादेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. इससे ओबीसी को आरक्षण मिलने का रास्ता साफ हो गया है.
गुरुवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद अध्यादेश राज्यपाल को भेजा गया. राज्यपाल ने इसकी जानकारी दी थी. इसके बाद संशोधित अध्यादेश राज्यपाल को भेजा गया. संशोधित अध्यादेश पर राज्यपाल ने हस्ताक्षर कर दिए हैं.
इस मामले अजीत पवार का कहना है कि राज्य में फिलहाल 52 फीसदी आरक्षण है. आदिवासी बहुल जिलों में अक्सर ओबीसी समुदाय को न्याय नहीं मिलता है. ओबीसी समुदाय के साथ इस अन्याय को अन्य जिलों से दूर किया जाना चाहिए.
उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने जानकारी दी थी कि कल हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में इस मामले पर चर्चा हुई थी. उन्होंने केंद्र सरकार से इस सीमा को लगातार 50 प्रतिशत बढ़ाने का आग्रह किया. हालांकि केंद्र सरकार ने इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की है.
वहीं भाजपा नेता चंद्रशेखर बावनकुले का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी के राजनीतिक आरक्षण को रद्द कर दिया. कोर्ट ने चुनाव आयोग को स्थानीय निकाय चुनाव कराने का भी निर्देश दिया है. उस आदेश के बाद, चुनाव आयोग किसी भी समय धुले, नंदुरबार, अकोला, वाशिम और नागपुर में उपचुनाव की तारीखों की घोषणा कर सकता है. इसे देखते हुए राज्य सरकार ने राज्य कैबिनेट की बैठक में ओबीसी को राजनीतिक आरक्षण का लाभ देने के लिए अध्यादेश जारी किया.