नई दिल्ली : सरकार ने शुक्रवार को कहा कि उसने व्यक्तिगत उपयोग के लिए ई-कॉमर्स पोर्टल से डाक या कुरियर के जरिए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के आयात की अनुमति दी है.
देश में कोविड-19 महामारी के प्रकोप के बीच ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को छूट प्राप्त श्रेणी में शामिल किया गया है.
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की एक अधिसूचना के अनुसार ऑक्सीजन का उपयोग करने वालों के लिए यह छूट केवल व्यक्तिगत उपयोग के लिए 31 जुलाई 2021 तक के लिए दी गई है.
वर्तमान में, देश मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता में आपूर्ति की कमी का सामना कर रहा है, जिस कारण, इसका आयात आवश्यक है. इसके अलावा, इस तरह के उपकरणों की उच्च मांग के कारण इसकी कीमतें भी बढ़ गई हैं, और इस कदम को ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की बढ़ती लागत को रोकने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है.
क्या है ऑक्सीजन कंसंट्रेटर
ऑक्सीजन कंसंट्रेटर एक चिकित्सा उपकरण है, आसपास के परिवेश से ऑक्सीजन जमा करता है. देश में कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच इन उपकरणों की मांग तेजी से बढ़ी है.
ये उपकरण ऑक्सीजन सिलेंडर के विपरीत हवा से ऑक्सीजन को फिल्टर करते हैं, और इनकी मदद से ऑक्सीजन की एक निश्चित मात्रा को ही स्टोर किया जा सकता है.
कैसे मिलेगा लाभ
डीजीएफटी द्वारी जारी अधिसूचना में कहा गया, 'डाक या कूरियर के जरिए ई-कॉमर्स पोर्टलों से खरीदे गए सामानों सहित वस्तुओं का आयात, जहां सीमा शुल्क निकासी की अनुमति उपहार के रूप में मांगी जाती है, जीवन रक्षक दवाओं, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और राखी (लेकिन राखी से जुड़े उपहार नहीं) को छोड़कर अन्य उत्पादों के लिए प्रतिबंधित है.'
इस सूची में पहले ऑक्सीजन कंसंट्रेटर शामिल नही था, और कोविड-19 संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी के बाद मांग बढ़ने के चलते इसे जोड़ा गया है.
इससे पूर्व सरकार ने उपकरणों के बेसिक कस्टम ड्यूटी से भी छूट देने का निर्णय लिया था. सरकार ने नेबुलाइजर्स, ऑक्सीजन कॉन्सट्रेटर, सीपीएपी उपकरण, बीआईपीएपी उपकरण, फ्लो मीटर, रेगुलेटर, कनेक्टर और ट्यूबिंग के साथ ऑक्सीजन कॉन्सट्रेटर, वैक्यूम दबाव स्विंग अवशोषण (वीपीएसए) और दबाव स्विंग अवशोषण (पीएसए) ऑक्सीजन संयंत्र, क्रायोजेनिक ऑक्सीजन वायु पृथक्करण इकाइयां, ऑक्सीजन कनस्तर, ऑक्सीजन फिलिंग सिस्टम, ऑक्सीजन सिलेंडर जिसमें क्रायोजेनिक सिलेंडर, ऑक्सीजन जेनरेटर आदि उपकरणों के आयात में शर्तों की ढील दी है.
ये भी पढ़ें :भारत में बढ़ते काेराेना मामलाें पर अमेरिकी सांसदाें ने जताई चिंता