कोट्टायम (केरल) : केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (arif mohammad khan) ने गुरुवार को कहा कि वह हाल में राज्य की विधानसभा द्वारा पारित विश्वविद्यालय कानून संशोधन विधेयक को मंजूरी नहीं देंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि इस विधेयक में अनियमितताओं को वैध रूप देने की कोशिश की गई है. इससे मुख्यमंत्री व उनके मंत्रियों के कर्मचारियों के 'अयोग्य रिश्तेदारों' की नियुक्तियों का रास्ता साफ होगा.
'रबड़ स्टैंप के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता' :खान ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्हें रबड़ स्टैंप के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. राज्यपाल ने संकेत दिया कि वह विधानसभा द्वारा पारित लोक आयुक्त विधेयक के खिलाफ हैं. उन्होंने कहा कि कोई भी अपनी मनमर्जी से फैसले नहीं ले सकता.
खान ने विश्वविद्यालय कानून विधेयक के बारे में कहा, 'मैं ऐसा तंत्र अपनाने की अनुमति नहीं दे सकता, जिसका उपयोग करके सत्ता में बैठे लोगों के अयोग्य व कम योग्य रिश्तेदारों, मुख्यमंत्री व अन्य मंत्रियों के निजी कर्मचारियों के संबंधियों को विश्वविद्यालयों के पदों पर नियुक्त किया जा सके.' हाल ही में, मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के निजी सचिव की पत्नी को कन्नूर विश्वविद्यालय में मलयालम विभाग में नियुक्त करने के प्रयास पर विवाद खड़ा हो गया था. साक्षात्कार के चरण में उनका रिसर्च स्कोर सबसे कम था, लेकिन उन्हें चयन प्रक्रिया में प्रथम घोषित किया गया था.
विपक्षी यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के सदस्यों के विरोध और बहिष्कार के बावजूद केरल विधानसभा ने 30 अगस्त को विवादित लोकायुक्त (संशोधन) विधेयक और एक सितंबर को विश्वविद्यालय कानून संशोधन विधेयक पारित कर दिए थे. खान ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय कानून संशोधन विधेयक के जरिए सरकार अनियमितताओं को वैध रूप देने का प्रयास कर रही है.