लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 3 अप्रैल की तारीख ने पूरे राज्य में हड़कंप मचा दिया था. सीएम योगी आदित्यनाथ जिस मठ के महंत हैं, उसी गोरखनाथ मठ में इसी दिन अहमद मुर्तजा अब्बासी ने सुरक्षा में तैनात तीन पीएसी के जवानों पर धारदार हथियार से हमला कर दिया था. मुर्तजा ने सिर्फ हमला ही नहीं किया था, बल्कि धार्मिक नारे भी जोर जोर से लगा रहा था. यूपी सरकार ने इसे आतंकी साजिश बता जांच यूपी ATS को सौंपी तो खुलासे चौकाने वाले थे. जाकिर नाईक का फॉलोवर मुर्तजा के तार देवबंद से भी जुड़ते दिख रहे हैं. फिलहाल ATS मुर्तजा को लखनऊ मुख्यालय ले आई है. अब आगे की पूछताछ होगी.
गोरखनाथ मठ में सुरक्षाकर्मियों पर हमला करने वाला मेकेनिकल इंजीनियर अहमद मुर्तजा अब्बासी यूपी ATS की गिरफ्त में है. मुर्तजा ATS के सामने खुद को अल्लाह का बंदा बता रहा है. एजेंसी को मुर्तजा के पास से जो लैपटॉप मिला है, उसमें वेब सर्च हिस्ट्री में जाकिर नाईक के कई भाषण के लिंक मिले हैं. यही, नहीं सीरिया व आईएस से जुड़े वीडियो भी मुर्तजा के लैपटॉप में मिले हैं. सूत्रों की मानें तो कोई था जो मुर्तजा को जिहादी वीडियो भेज रहा था. मुर्तजा पिछले दो सालों से अपने घर के एक कमरे में अकेला ही रहता था. मोबाइल व लैपटॉप में वो जेहादी वीडियो देखा करता था. सूत्रों के मुताबिक, एक साजिश के तहत मुर्तजा अब्बासी का ब्रेन वाश किया जा रहा था.
मुर्तजा अब्बासी पहले कुछ दिन वीडियो देखता था फिर वो निकल जाता था. धार्मिक स्थलों की रेकी करने वो नेपाल, बौद्ध गया, कपिलवस्तु समेत कई जगहों पर चुका है. ऐसा नहीं था कि मुर्तजा को दूसरे धर्म व उनसे जुड़े स्थलों से कोई खास लगाव था, बल्कि जेहाद से जुड़े वीडियो देखने के बाद जो उसका ब्रेन वॉश करता था उन्हीं से उसे आर्डर भी दिए जा रहे थे. हालांकि, यूपी एटीएस को इस बात का कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला है, लेकिन सूत्र बताते हैं कि एजेंसी के हाथ कई सबूत इस ओर इशारा कर रहे हैं.
बॉम्बे IIT से मेकेनिकल इंजीनियरिंग कर चुका अहमद मुर्तजा अब्बासी मुम्बई, गुजरात के अलावा गोरखपुर में रहता था. हालांकि, वो घूमने के लिए कई बार अलग-अलग इलाकों में गया था. यूपी एटीएस अब जानने की कोशिश कर रही है कि क्या वो पश्चिमी यूपी कभी गया था कि नहीं. हाल ही में यूपी एटीएस ने देवबंद के एक होस्टल से इनामुल हक़ को गिरफ्तार किया था. इनामुल का यूपी में एक ही काम था कि पाकिस्तान से भेजे जाने वाले जिहाद से जुड़े वीडियो को भोले भाले युवाओं को दिखा कर उन्हें उकसाना होता था.