पणजी : गोवा कांग्रेस के वयोवृद्ध नेता लुइजिन्हो फलेरियो (Luizinho-Faleiro) ने ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने की खबरों के बीच आज 40 साल बाद कांग्रेस पार्टी छोड़ दी. इससे पहले आज, उन्होंने बंगाल की मुख्यमंत्री की प्रशंसा की और उन्हें 'स्ट्रीटफाइटर' कहा जो भाजपा को कड़ी टक्कर दे सकती हैं.
बता दें कि फलेरियो ने नवंबर, 1998 से फरवरी, 1999 और जून, 1999 से नवंबर 1999 के बीच गोवा के मुख्यमंत्री का पद संभाला था. सोमवार को लुइजिन्हो फलेरियो ने संवाददाताओं से कहा, ममता बनर्जी ने नरेंद्र मोदी को कड़ी टक्कर दी है. बंगाल में ममता के फॉर्मूले की जीत हुई है. फलेरियो ने जोर देकर कहा कि वह 'बड़े कांग्रेस परिवार के कांग्रेसी' बने रहेंगे,
उन्होंने कहा कि 'मैं कुछ लोगों से मिला. मैं 40 साल का कांग्रेसी हूं. मैं कांग्रेस परिवार का कांग्रेसी बना रहूंगा. सभी चार कांग्रेसियों में ममता हैं जिन्होंने (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी को कड़ी टक्कर दी है और उनकी बाजीगरी को भी. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम मोदी ने बंगाल में 200 बैठकें कीं, अमित शाह ने 250 बैठकें की. तब ईडी, सीबीआई थी, लेकिन ममता का फॉर्मूला जीत गया.
बनर्जी को एक स्ट्रीटफाइटर बताते हुए, फलेरियो ने कहा कि हमें ऐसे सेनानियों की आवश्यकता है जो एक ही पार्टी की विचारधारा, नीतियों, सिद्धांतों और कार्यक्रमों में हों. मैं चाहता हूं कि सभी कांग्रेस पार्टियां भाजपा से लड़ने के लिए एक साथ आएं.
गोवा में कदम रखेगी तृणमूल कांग्रेस
वहीं, पश्चिम बंगाल (West Bengal) विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) अब बंगाल के बाहर अपने राजनीतिक अवसरों के लिए कमर कस रही है. इसी कड़ी में त्रिपुरा और असम के बाद टीएमसी अब गोवा में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. तृणमूल कांग्रेस महासचिव और ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने कहा कि पार्टी आने वाले दिनों में गोवा (Goa elections 2022) में चुनावी मैदान में उतरेगी.
भवानीपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा, यह चुनाव केवल ममता बनर्जी को वोट देने के लिए नहीं है. भारत की स्थिति देखें. पांच या छह राष्ट्रीय दल हैं, लेकिन उनमें से केवल टीएमसी में सड़क पर लड़ने और लेने का साहस है. मुद्दों को आगे बढ़ाएं. यह सिर्फ भवानीपुर के लिए नहीं है, आप दिल्ली के लिए अपना फैसला दे रहे हैं. दिल्ली में बदलाव लाने के लिए लोग टीएमसी को वोट देंगे.
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बता दें, 30 सितंबर को होने वाला भवानीपुर उपचुनाव पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गया है. ममता बनर्जी को विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने हराया था. इसके बाद, मई में पश्चिम बंगाल के कृषि मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय द्वारा भबानीपुर विधानसभा सीट खाली कर दी गई थी, जिससे पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए अपने पद पर बने रहने के लिए भवानीपुर सीट से चुनाव लड़ने का रास्ता बन गया.