नई दिल्ली :एक ओर रूस-यूक्रेन संकट ने दुनिया भर के शेयर बाजारों को औंधे मुंह गिरा दिया, दूसरी ओर कच्चे तेल की कीमत भी 14 साल के उच्चतम स्तर पर है. शेयर बाजार में बाजार में मौजूदा उतार-चढ़ाव और महंगाई से आशंकित लोग अब सुरक्षित निवेश के लिए गोल्ड का रुख कर रहे हैं. बढ़ती मांग के कारण गोल्ड भी अपने नए रेकॉर्ड की ओर बढ़ रहा है. सोमवार को ग्लोबल गोल्ड प्राइस (global gold price) 2,000 डॉलर प्रति औंस हो गया.
एक्सपर्टस का मानना है कि रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण आपूर्ति में कमी की आशंकाओं ने सोने की कीमतों को बढ़ाया है. सोने का प्रमुख उत्पादक देश रूस पर प्रतिबंध के कारण इम्पोर्ट में कमी होने की आशंका ने भी सोने की कीमतों में इजाफा किया है. पिछले हफ्ते, एमसीएक्स सोना 4.66 फीसदी की तेजी के साथ ₹52,559 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गया. इसके बाद भी भारतीय बाजारों में सोने की कीमतों में जोरदार उछाल आया. एमसीएक्स पर, सोना वायदा 1.8% बढ़कर ₹53,500 प्रति 10 ग्राम हो गया. इसके अलावा, 'स्पॉट गोल्ड' की कीमत 4.30 प्रतिशत बढ़कर 1,970.35 डॉलर प्रति औंस हो गई है.
कैपिटल वाया ग्लोबल रिसर्च के कमोडिटीज एंड करेंसीज के प्रमुख क्षितिज पुरोहित ने बताया कि यूक्रेन पर रूस पर हमले के बाद निवेशकों ने सामरिक और आर्थिक परिणामों का आकलन किया. संकट के दौर पर सोने में निवेश सबसे सुरक्षित माना जाता है. यह ग्लोबल ट्रेंड है, मांग बढ़ने के कारण सोना 2,000 डॉलर प्रति औंस से ऊपर जला गया है. मांग बनी रही तो सोने की कीमत और बढ़ सकती हैं.