ठाणे :मुंब्रा रेतीले तट के पास 16 जिलेटिन की छड़ें, 17 डेटोनेटर बरामद होने से सनसनी फैल गई. हालांकि बताया गया कि इन विस्फोटकों का इस्तेमाल पानी के अंदर विस्फोट करने के लिए किया जाता है. लेकिन चूंकि इनमें से कई छड़ें अभी भी जीवित हैं, इसलिए एक्सपर्ट ने संभावना जताई है कि इनका इस्तेमाल अन्य स्थानों पर विस्फोट करने के लिए किया जा सकता था.
अवैध रेत खनन:मुंब्रा रेत बंदरगाह लाशों को ठिकाने लगाने के लिए कुख्यात जगह बन गया है. साथ ही यहां वर्षों से अवैध रेत खनन चल रहा है. इस जगह पर मनसुख हिरेन के शव के साथ करीब 16 लाशें मिल चुकी हैं. हालांकि, आज एक बार फिर यह जगह जिलेटिन की छड़ें और डेटोनेटर मिलने से सुर्खियों में आ गई है. करोड़ों रुपये खर्च कर कलवा रेत बंदरगाह क्षेत्र का सौंदर्यीकरण किया गया. इस क्षेत्र के प्राकृतिक वातावरण को देखते हुए नगर निगम ने यह सुविधा नागरिकों के लिए उपलब्ध कराई थी, लेकिन अब स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यह सुविधा नागरिकों के लिए खतरनाक मानी जा रही है.
एक साल में मिलीं 15 लाशें:पिछले साल इस इलाके में 15 लाशें मिल चुकी हैं और हत्या के दो मामले सामने आए हैं. इस इलाके में सुरक्षा की कमी के कारण इलाके में इधर-उधर शव फेंके जा रहे हैं. पुलिस और नगर निगम की ढिलाई के कारण यहां अक्सर ऐसी घटनाएं हो रही हैं. चूंकि इस इलाके में हाईवे पर कोई पुलिस नहीं होती, इसलिए अपराधी शवों को फेंककर सबूत मिटाने की कोशिश करते हैं.
पुलिस पर सवालिया निशान: अब इस जगह पर जिंदा जिलेटिन, डेटोनेटर की छड़ें मिलने से प्रशासन के होश उड़ गए हैं. इससे पहले भी आतंकी जिलेटिन की छड़ों से कई जगहों पर धमाके कर चुके हैं. इसलिए खाड़ी के किनारे गश्त बढ़ाने की जरूरत है. इतनी गंभीर घटना के बाद भी तहसीलदार मौके पर मौजूद नहीं थे. इससे उनके प्रशासन पर सवालिया निशान खड़ा हो गया है. कलेक्टर कार्यालय के वरिष्ठ लिपिक सचिन भोईर ने कहा कि 'मेरे लिए प्रतिक्रिया देना उचित नहीं होगा.'