दिल्ली

delhi

G20 Summit : दिल्ली घोषणापत्र चर्चाओं के अनुरूप, यूक्रेन में शांति के लिए प्रारंभिक प्रयास: यूरोपीय संघ

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 10, 2023, 1:55 PM IST

जी20 में दिल्ली घोषणापत्र पर यूरोपीय संघ को उम्मीद है कि यह युक्रेन में शांति के लिए प्रारंभिक प्रयास होगा. ईयू ने कहा कि दिल्ली घोषणापत्र चर्चाओं के अनुरुप है. साथ ही ईयू ने घोषणापत्र पर संतुष्टि भी जताई है.

Etv Bharat
भारत की जी-20 सम्मेलन का फोटो

नई दिल्ली : नई दिल्ली में आयोजित जी-20 सम्मेलन रविवार को 'वन फ्यूचर' थीम के साथ समाप्त हो जाएगा. साथ ही अगले जी-20 सम्मेलन के लिए ब्राजील को इसकी मेजबानी सौंप दी गई. भारत में जी-20 सम्मेलन पर बोलते हुए एक यूरोपीय संघ के अधिकारी ने कहा, जी-20 नेताओं द्वारा अपनाई गई नई दिल्ली घोषणा पर पहुंचने के लिए बातचीत मुश्किल थी, लेकिन यह हमारी चर्चाओं के अनुरूप थी. अधिकारी ने कहा कि यूरोपीय संघ घोषणापत्र से संतुष्ट है.

अधिकारी ने अद्भुत कार्य के लिए भारतीय नेतृत्व की प्रशंसा की और कहा कि नई दिल्ली घोषणा यूक्रेन में शांति लाने के लिए एक प्रारंभिक पहल थी. अधिकारी ने कहा कि घोषणापत्र में कहा गया है कि जी-20 देश यूक्रेन में न्यायसंगत और टिकाऊ शांति के लिए एकजुट होंगे, जो आगे चलकर मददगार होगा. शनिवार को अपनाए गए नई दिल्ली घोषणापत्र में कहा गया

हम वैश्विक अर्थव्यवस्था पर युद्ध के प्रतिकूल प्रभाव को दूर करने के अपने प्रयास में एकजुट होंगे. और यूक्रेन में व्यापक, न्यायसंगत और टिकाऊ शांति का समर्थन करने वाली सभी प्रासंगिक और रचनात्मक पहलों का स्वागत करेंगे. 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' की भावना में राष्ट्रों के बीच शांतिपूर्ण, मैत्रीपूर्ण और अच्छे पड़ोसी संबंधों को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सभी उद्देश्यों और सिद्धांतों को कायम रखेंगे.

अधिकारी को उम्मीद है कि भारत से जी20 की अध्यक्षता लेने वाला ब्राजील इस मामले को आगे बढ़ाएगा. काला सागर अनाज समझौते पर बोलते हुए यूरोपीय संघ के अधिकारी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि रूस इस पहल पर कायम नहीं रहा. वैश्विक खाद्य संकट को कम करने में मदद के लिए चल रहे युद्ध के बावजूद, एक साल पहले यूक्रेन को अपने काला सागर बंदरगाहों से अनाज निर्यात करने की अनुमति देने वाले अनाज सौदे को हाल ही में मास्को द्वारा समाप्त कर दिया गया था, जिसमें दावा किया गया था कि विस्तार की आवश्यकताओं की अनदेखी की गई थी.

यूरोपीय संघ के अधिकारी ने महत्वाकांक्षी भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे पर भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि डील पर पिछले कुछ समय से काम चल रहा था, आगे यह दिलचस्प होगा. उन्होंने कहा कि यूरोप को एशिया से जोड़ने वाला गलियारे का ऐतिहासिक महत्व का है. इस पहल को महामारी के बाद पूरी तरह से विकसित विश्व व्यवस्था में एक वैकल्पिक आपूर्ति श्रृंखला के रूप में देखा जा सकता है. भारत को महत्वपूर्ण लाभ होने की उम्मीद है क्योंकि यह भारत को दक्षिण पूर्व एशिया से खाड़ी, पश्चिम एशिया और यूरोप तक व्यापार प्रवाह के मार्ग पर मजबूती से खड़ा करता है, जिससे भारत को महत्वपूर्ण रणनीतिक और आर्थिक लाभ मिलता है, इसके अलावा रसद और परिवहन क्षेत्र में बड़े अवसर पैदा होते हैं.

ये भी पढ़ें :G20 Summit : भारत, अमेरिका के बीच मित्रता वैश्विक भलाई के लिए भूमिका निभाना जारी रखेगी: पीएम मोदी

(एएनआई)

ABOUT THE AUTHOR

...view details