मसूरी (उत्तराखंड): पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद अपने दो दिन के उत्तराखंड दौरे पर हैं. मंगलवार को पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री अकादमी में 'विपश्यना' शिविर कार्यक्रम में शिरकत की. इस दौरान उन्होंने 2022 बैच के ट्रेनी अधिकारियों के फेज-1 ट्रेनिंग कार्यक्रम के तहत 10 दिवसीय 'विपश्यना' कार्यक्रम में अधिकारियों को संबोधित किया.
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने LBS अकादमी के कार्यक्रम में की शिरकत, प्रशिक्षु IAS अधिकारियों को किया संबोधित
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री अकादमी के कार्यक्रम में भाग लिया. इस दौरान उन्होंने एलबीएस अकादमी में 2022 बैच के प्रशिक्षु आईएएस अधिकारियों को संबोधित किया. इस मौके पर उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह भी मौजूद रहे.
इस मौके पर पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा कि जब देश 2047 में स्वतंत्रता की एक शताब्दी बना रहा होगा तो आप सभी अधिकारी के हाथ में देश की बागडोर होगी. तब आपकी कार्यशैली पर देश की दिशा और दशा तय होगी. उन्होंने कहा कि भारत देश के स्वर्णिम भविष्य के लिए हमें आधुनिक तकनीक और सेवा परक कार्य शैली का विकास करना होगा, ताकि देश सही दिशा में आगे बढ़ पाये. साथ ही पूर्व राष्ट्रपति ने भ्रष्टाचार पर कहा कि देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ होने वाली हर गतिविधि में हमें बढ़-चढ कर भूमिका निभानी चाहिए. उन्होंने कहा कि देश में भ्रष्टाचार उन्मूलन में किया गया योगदान देश व समाज में नैतिकता पर आधारित व्यवस्था को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
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वहीं कार्यक्रम में उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) भी मौजूद रहे. उन्होंने कार्यक्रम की तारीफ करते हुए कहा कि इस प्रक्रिया से ट्रेनी अधिकारियों को परिचित कराना एक बेहद खूबसूरत पहल है. यह ट्रेनी अधिकारियों के आत्मावलोकन में लाभकारी साबित होगा. उन्होंने कहा कि यदि हम इस तरह से अपने अंतर्मन पर नियंत्रण कर लें, तो हम अपने सभी बाहरी कार्यों पर भी नियंत्रण पा सकते हैं. उन्होंने आगे कहा कि फील्ड में काम करने वाले ट्रेनी अधिकारियों के सामने कई बार कई प्रकार के चैलेंज और परिस्थितियां सामने आती हैं. जिस स्थिति में हमें खुद पर और खुद की भावनाओं पर नियंत्रण बेहद जरूरी होता है और यह इसी प्रकार के अभ्यासों से संभव है.