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उत्तराखंड की राजनीति में ये क्या हो रहा, जानिए क्या है 'खटमल' और 'लीख' की लड़ाई - Hardas attack on Gama and Premchand

2022 के चुनावी महाभारत में अभी 5 से 6 महीने बाकी हैं. पर उत्तराखंड की सियासत अभी से गर्मा गई है. टोपीलाल, हरिद्वारीलाल और इतवारीलाल से मुंहजुबानी जंग अब 'खटमल' और 'लीख' तक पहुंच गई है.

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Published : Aug 9, 2021, 4:44 PM IST

देहरादून : 2022 के रण में फ्री बिजली का मुद्दा गरम था. फिर हरीश रावत और अनिल बलूनी का ट्विटर वॉर सामने आया. अब मामला रोजगार की ओर मुड़ गया है. बीजेपी और कांग्रेस में तलवारें खिंच गई हैं. पूर्व मुख्यमंत्री हरदा बीजेपी के एक कार्यकाल में तीन मुख्यमंत्रियों को लेकर आए दिन ताने मारते रहते हैं.

हरीश रावत ने तंज कसा कि बीजेपी के एक कार्यकाल के तीन मुख्यमंत्रियों ने मिलकर दस लाख नौकरियों का दावा कर दिया, लेकिन ये नहीं बता पा रहे हैं कि किस विभाग में कितनी नौकरियां दी गई हैं. बस फिर क्या था हरीश रावत पर बीजेपी तीर-कमान लेकर दौड़ी पड़ी. बीजेपी के प्रवक्ताओं ने आरोप जड़ दिया कि हरीश रावत की सरकार में बैकडोर से नौकरियों की जो बंदरबांट हुई वो किसी से छिपा नहीं है.

वार पर प्रतिवार हुआ तो हरीश रावत भला कहां चुप बैठने वाले थे. तुरंत हरदा की कमान से तीर निकला. बोले- बीजेपी प्रवक्ता कह रहे हैं कि मैंने बैकडोर से भर्तियां की. बीजेपी वाले ये मान रहे हैं कि मैंने 32 हजार भर्तियां फ्रंट डोर से की हैं. हरीश रावत ने सफाई दी कि बैकडोर भर्तियां कराने का आरोप बेबुनियाद है.

हरदा ने स्पीकर प्रेमचंद अग्रवाल और मेयर सुनील उनियाल गामा के बहाने बीजेपी पर तीखा हमला बोला है. हरीश रावत ने कहा कि मेरे कार्यकाल में किसी स्पीकर या मेयर के बच्चों के लिए सारे नियम ताख पर रखकर नियुक्तियां नहीं की गईं. कांग्रेस नेता ने कहा कि बीजेपी के दोस्त मेरे शरीर की लीखें खोजने की बजाय कुछ ताकत अपने शरीर में पड़े खटमलों को भगाने में लगाएं.

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हरीश रावत ने लिखा-भाजपा के प्रवक्तागणों ने मुझ पर हमला बोलते हुये कहा है कि मैंने बैकडोर से भर्तियां कीं. मगर यह मान लिया है कि 32 हजार मैंने फ्रंट डोर से भर्तियां कीं. बैकडोर से जो भर्तियां करने का आरोप है वो निराधार है. जो कुछ भी किया गया है, वह राज्य के कानून और परंपरा के अनुरूप किया गया है. मगर मेरे कार्यकाल में किसी स्पीकर या मेयर के बच्चों के लिये सारे रूल्स को ताक रखकर नियुक्तियां नहीं की गईं. भाजपा के दोस्तों कभी-कभी अपने शरीर में पड़े हुए खटमलों को देख लिया करो, मेरे शरीर में लीखे खोजने में जितनी ताकत व समय लगाते हो, उतनी अपने शरीर के खटमलों को यदि दूर करने में लगाओ तो शायद कुछ कर पाओ.

इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और बीजेपी के राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी की जुबानी जंग जोरों पर थी. अनिल बलूनी ने हरीश रावत को हरिद्वारी लाल कहा था. हरीश रावत ने भी अनिल बलूनी को इतवारी लाल कह दिया था. दोनों एक-दूसरे पर तंज कस रहे हैं.

उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी द्वारा पूर्व सीएम हरीश रावत को हरिद्वारी लाल कहे जाने के बाद अब इस मामले पर सियासत तेज हो गई. दरअसल, यह बात किसी से छुपी नहीं है कि मुख्यमंत्री रहते हुए हरीश रावत का ज्यादातर फोकस हरिद्वार पर रहा है. इतना ही नहीं अपनी पत्नी को हरिद्वार से लोकसभा चुनाव लड़वाना हो या खुद हरिद्वार ग्रामीण से विधानसभा का चुनाव लड़ना, वो हमेशा सक्रिय रहे हैं.

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