लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सोमवार को वित्त वर्ष 2021-22 के लिये विधानसभा में 55,0270 करोड़ रुपये का बजट पेश किया. वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने टैबलेट के जरिये 55,0270 करोड़ रुपये का बजट प्रस्ताव प्रस्तुत किया. इस बजट का आकार पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 37,410 करोड़ रुपये ज्यादा है.
प्रदेश के पहले पेपरलेस बजट के तहत सभी सदस्यों को भी टैबलेट पर बजट दस्तावेज उपलब्ध कराया गया. यह प्रदेश की योगी सरकार का पांचवां बजट है. इस बजट में 27,598.40 करोड़ रुपये की नयी योजनाओं का प्रस्ताव किया गया है.
खन्ना ने शायर मंजूर हाशमी की गजल के शेर यकीन हो तो कोई रास्ता निकलता है, हवा की ओट भी लेकर चिराग जलता है के साथ बजट भाषण को आगे बढ़ाते हुए कहा कि लंबे समय तक लॉकडाउन के कारण सरकार की राजस्व प्राप्तियां प्रभावित रहीं, लेकिन इसके बावजूद सरकार ने प्रभावी वित्तीय अनुशासन लागू किया. कर्मचारियों के वेतन और पेंशन का प्रवाह बना रहा तथा सार्थक कोशिशों से प्रदेश की अर्थव्यवस्था फिर से गति पकड़ रही है.
वित्त मंत्री ने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 का बजट प्रदेश के समग्र एवं समावेशी विकास द्वारा विभिन्न वर्गों का स्वावलंबन कर उनके सशक्तिकरण को समर्पित है. खन्ना ने कहा, पिछली सरकारों के कार्यकाल में प्रदेश के महत्वपूर्ण स्थानों पर सरकारी संपत्तियां बड़े पैमाने पर निष्प्रयोज्य हो गयी थीं. हमारी सरकार ने इसे संज्ञान लेते हुए ऐसी संपत्तियों को पुनर्जीवित करते हुए क्लस्टर स्थापित करने का निर्णय लिया है.