डॉ मनोज कुमार, विभागाध्यक्ष, माइक्रोबायोलॉजी विभाग, रिम्स रांची: झारखंड में इंसानों में बर्ड फ्लू (एवियन इन्फ्लूएंजा) का पहला केस पाया गया है. रिम्स में एक नौ महीने के बच्चे में बर्ड फ्लू का इन्फेक्शन मिला है. बच्चे को बुखार, सर्दी और सांस लेने में आ रही समस्या के बाद रिम्स में भर्ती कराया गया था. रिम्स के डॉक्टर ने बच्चे में बर्ड फ्लू का इन्फेक्शन मिलने की पुष्टि की है.
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जानकारी के मुताबिक, रामगढ़ के संवाडीह के रहने वाले एक शख्स के 9 महीने के बच्चे में बर्ड फ्लू का इन्फेक्शन पाया गया है. बच्चे में एवियन इन्फ्लूएंजा के इंफेक्शन पाए जाने को लेकर डॉक्टर मनोज कुमार ने बताया कि बच्चे को बुखार, सर्दी और सांस लेने में आ रही समस्या के बाद रिम्स में भर्ती कराया गया था. बच्चे में इंफेक्शन की आशंका को देखते हुए कोविड-19 और स्वाइन फ्लू का टेस्ट कराया गया. जिसमें बच्चे के अंदर H2N2 वायरस के स्ट्रेन पाए गए.
बच्चे को डॉक्टरों की निगरानी में किया गया आइसोलेट: H2N2 वायरस डिडेक्ट होने के बाद बच्चे को तुरंत ही आइसोलेट कर दिया गया है. बच्चे को डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है. वहीं डॉक्टर मनोज कुमार ने बताया कि बच्चे की उम्र कम होने की वजह से कहीं ना कहीं उसका इलाज करना चुनौती साबित होगा. लेकिन रिम्स के अनुभवी डॉक्टर बच्चे के इलाज के लिए फिकरमंद हैं. बच्चे का बेहतर तरीके से इलाज किया जा रहा है.
झारखंड में बर्ड फ्लू का पहला केस:वहीं उन्होंने बताया कि बर्ड फ्लू जब इंसान में होता है तो उसे मेडिकल टर्म में एवियन इन्फ्लूएंजा भी कहा जाता है. वहीं माइक्रोबायोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर मनोज कुमार ने बताया कि संभवतः झारखंड का यह पहला इंसानी बर्ड फ्लू पाया गया है.
रिम्स प्रबंधन ने शुरू की तैयारी:बर्ड फ्लू के पहले केस मिलने के बाद रिम्स प्रबंधन की तरफ से तैयारी शुरू कर दी गई है. राज्यवासियों से डॉक्टर मनोज कुमार ने अपील करते हुए कहा कि यदि किसी भी व्यक्ति में सर्दी, खांसी, बुखार और आंख आने (Conjunctivitis) के लक्षण पाए जाते हैं तो वो तुरंत ही नजदीकी चिकित्सक से संपर्क करें.