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उत्तर प्रदेश : ट्विटर व सात पर एफआईआर, कंपनी ने नियुक्त किया आईसीईओ

यूपी में गाजियाबाद जिले के लोनी में हुई घटना के बाद गाजियाबाद पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है. पुलिस का कहना है कि ट्विटर ने वीडियो को वायरल होने से रोकने के लिए कुछ भी नहीं किया. वहीं ट्विटर ने पहली बार भारत के लिए अंतरिम मुख्य अनुपालन अधिकारी की नियुक्ति की है.

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Published : Jun 16, 2021, 2:59 AM IST

Updated : Jun 16, 2021, 12:28 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद :उत्तर प्रदेश केगाजियाबाद (Ghaziabad) जिला लोनी बॉर्डर क्षेत्र में बुजुर्ग के साथ मारपीट और बदसलूकी करने का एक वीडियो जमकर वायरल हुआ है. इसे लेकर सियासत गरमाई तो सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) को भी मैदान में उतरना पड़ा. मामले की गंभीरता को देखते हुए यूपी पुलिस ने तत्परता से जांच-पड़ताल शुरू की और जो तथ्य सामने आए, उसके आधार पर ट्विटर सहित सात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है.

ट्विटर समेत सात पर एफआईआर

'घटना का कोई सांप्रदायिक कोण नहीं, इसे दूसरा रूप दिया गया'

गाजियाबाद डीआईजी अमित पाठक (Ghaziabad DIG Amit Pathak) का कहना है कि लोनी में घटना का कोई सांप्रदायिक कोण नहीं है. लेकिन जिस प्रकार इस घटना को दूसरा रूप देकर प्रस्तुत किया गया, इससे आपसी व्यमनस्ता, धार्मिक भाईचारा, समाज में शत्रुता का भाव समाज में उत्पन्न होने की प्रबल संभावना बनी और किसी को भी अधिकार नहीं है कि किसी घटना को तोड़ मरोड़कर प्रस्तुत कर सके. इस मामले का गंभीरता से संज्ञान लिया गया और सात नामजद व्यक्तियों व ट्विटर के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया.

वीडियो

क्या है मामला ?

जहां एक व्यक्ति की पिटाई की गई और उसकी दाढ़ी काटने की बात है तो यह दो पक्षों के बीच विवाद के बाद मारपीट से जुड़ा मामला है. पुलिस की जांच में यह तथ्य सामने आया कि पीड़ित व्यक्ति अब्दुल समद बीते बुलंदशहर के रहने वाले हैं. बीते 5 जून को वे लोनी बॉर्डर के बेहटा पहुंचे थे. अब्दुल समद वहां से एक अन्य व्यक्ति के साथ आरोपी प्रवेश गुज्जर के घर बंथला गए थे.

पुलिस का कहना है कि पीड़ित अब्दुल समद ताबीज बनाने का काम करते हैं, उनके द्वारा बनाए गए ताबीज का उल्टा असर होने पर आरोपी व उसके सहयोगियों ने यह कृत्य किया. इसके पीछे किसी तरह का सांप्रदायिक कारण नहीं है. पुलिस ने वीडियो वायरल होने से रोकने के कोई उपाय न करने पर ट्विटर व वीडियो वायरल करने के आरोप में कुल सात लोगों पर एफआईआर दर्ज कर ली है.

ट्विटर ने किया नियुक्त किया आईसीईओ

एक अन्य घटनाक्रम में ट्विटर ने कहा कि उसने भारत के लिए अंतरिम मुख्य अनुपालन अधिकारी नियुक्त कर लिया है और जल्द ही अधिकारी का ब्यौरा सीधे सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ साझा किया जाएगा. सरकार ने ट्विटर को कुछ दिन पूर्व दिए एक नोटिस में कहा था कि उसे सूचना प्रौद्योगिकी कानून संबंधी नए नियमों के अनुपालन का आखिरी मौका दिया जाता है.

उसे तत्काल नियमों का अनुपालन करना है. यदि वह इसमें विफल रहती है तो उसे आईटी कानून के तहत मध्यस्थ मंच के नाते दायित्व से जो छूट मिली है, वह वापस ले ली जाएगी. इसके साथ ही उसे आईटी कानून और अन्य दंडात्मक प्रावधानों के तहत कार्रवाई के लिए तैयार रहना होगा. नए दिशानिर्देश 26 मई से प्रभाव में आए हैं.

ट्विटर के एक प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी नए दिशानिर्देशों का पालन करने की हर कोशिश कर रही है और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को प्रक्रिया के हर कदम पर प्रगति की जानकारी दी जा रही है. उन्होंने कहा कि एक अंतरिम मुख्य अनुपालन अधिकारी नियुक्त किया गया है और इससे जुड़ा ब्यौरा जल्द ही मंत्रालय के साथ साझा किया जाएगा.

ऐसे में ट्विटर का यह कदम महत्वपूर्ण है क्योंकि माइक्रोब्लॉगिंग साइट को आईटी नियमों (IT Guidelines) का पालन करने में देरी के चलते सरकार के कड़े रूख का सामना करना पड़ रहा था. नए नियमों के तहत बड़े डिजिटल मंचों को अपने मंच पर चलने वाली सामग्री को लेकर अधिक जवाबदेह बनना होगा.

नए नियमों के तहत ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप जैसे बड़े सोशल मीडिया मंचों को अतिरिक्त उपाय करने की जरूरत होगी. इसमें भारत में मुख्य अनुपालन अधिकारी, नोडल अधिकारी और शिकायत अधिकारी की नियुक्ति आदि शामिल हैं.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Jun 16, 2021, 12:28 PM IST

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