नई दिल्ली/गाजियाबाद :उत्तर प्रदेश केगाजियाबाद (Ghaziabad) जिला लोनी बॉर्डर क्षेत्र में बुजुर्ग के साथ मारपीट और बदसलूकी करने का एक वीडियो जमकर वायरल हुआ है. इसे लेकर सियासत गरमाई तो सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) को भी मैदान में उतरना पड़ा. मामले की गंभीरता को देखते हुए यूपी पुलिस ने तत्परता से जांच-पड़ताल शुरू की और जो तथ्य सामने आए, उसके आधार पर ट्विटर सहित सात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है.
'घटना का कोई सांप्रदायिक कोण नहीं, इसे दूसरा रूप दिया गया'
गाजियाबाद डीआईजी अमित पाठक (Ghaziabad DIG Amit Pathak) का कहना है कि लोनी में घटना का कोई सांप्रदायिक कोण नहीं है. लेकिन जिस प्रकार इस घटना को दूसरा रूप देकर प्रस्तुत किया गया, इससे आपसी व्यमनस्ता, धार्मिक भाईचारा, समाज में शत्रुता का भाव समाज में उत्पन्न होने की प्रबल संभावना बनी और किसी को भी अधिकार नहीं है कि किसी घटना को तोड़ मरोड़कर प्रस्तुत कर सके. इस मामले का गंभीरता से संज्ञान लिया गया और सात नामजद व्यक्तियों व ट्विटर के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया.
क्या है मामला ?
जहां एक व्यक्ति की पिटाई की गई और उसकी दाढ़ी काटने की बात है तो यह दो पक्षों के बीच विवाद के बाद मारपीट से जुड़ा मामला है. पुलिस की जांच में यह तथ्य सामने आया कि पीड़ित व्यक्ति अब्दुल समद बीते बुलंदशहर के रहने वाले हैं. बीते 5 जून को वे लोनी बॉर्डर के बेहटा पहुंचे थे. अब्दुल समद वहां से एक अन्य व्यक्ति के साथ आरोपी प्रवेश गुज्जर के घर बंथला गए थे.
पुलिस का कहना है कि पीड़ित अब्दुल समद ताबीज बनाने का काम करते हैं, उनके द्वारा बनाए गए ताबीज का उल्टा असर होने पर आरोपी व उसके सहयोगियों ने यह कृत्य किया. इसके पीछे किसी तरह का सांप्रदायिक कारण नहीं है. पुलिस ने वीडियो वायरल होने से रोकने के कोई उपाय न करने पर ट्विटर व वीडियो वायरल करने के आरोप में कुल सात लोगों पर एफआईआर दर्ज कर ली है.