नई दिल्ली : देशभर में इंजीनियरिंग कोर्स की नई फीस तय की गई है. काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन द्वारा बनाया गया यह फीस स्ट्रक्चर अब केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा स्वीकृत कर लिया गया है. विभिन्न राज्यों द्वारा इसे स्वीकृति दिया जाना अभी भी बाकी है. दरअसल विभिन्न शैक्षणिक पाठ्यक्रम की फीस निर्धारित करने के लिए देश के प्रत्येक राज्य की अपनी एक रिव्यू कमेटी है. राज्यों की रिव्यू कमिटी इस नए फीस स्ट्रक्चर की समीक्षा करेगी.
शिक्षा मूलत: राज्य का विषय है. इसलिए इस फीस स्ट्रक्चर को लागू करने के लिए राज्यों की मंजूरी महत्वपूर्ण एवं आवश्यक है. खास तौर पर राज्य स्तरीय विश्वविद्यालयों, इंजीनियरिंग कॉलेजों व राज्य सरकार के नियमों के अंतर्गत कार्य करने वाले प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज, राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत की गई सिफारिशों को ही लागू करते हैं.
इसको देखते हुए एआईसीटीई का कहना है कि यदि किसी राज्य को इस नए फीस स्ट्रक्चर में कोई कमी या आपत्ति होगी, उनसे संवाद किया जाएगा. एआईसीटीई ने इंजीनियरिंग कोर्स के लिए न्यूनतम फीस लगभग 68,000 रुपये तय करने की सिफारिश है. शिक्षा मंत्रालय ने एआईसीटीई की इस महत्वपूर्ण सिफारिश को स्वीकार कर लिया.
केंद्र सरकार की मंजूरी मिलने के उपरांत एआईसीटीई ने सभी राज्यों से इसे लागू करने के लिए कहा है. इसके लिए राज्य सरकारों को एआईसीटीई ने पत्र लिखा है. एआईसीटीई ने अपनी रिपोर्ट में इंजीनियरिंग के तीन वर्षीय डिप्लोमा कार्यक्रम के लिए न्यूनतम सालाना फीस 67,900 रुपये और अधिकतम 1,40,900 रुपये रखी गई है. वहीं चार साल के डिग्री प्रोग्राम के लिए सालाना न्यूनतम फीस 79,600 रुपये और अधिकतम 1,89,800 रुपये की सिफारिश की गई है.