नई दिल्ली :केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने अपना आंदोलन तेज करने के लिए 23 से 27 फरवरी के बीच कई कार्यक्रम आयोजित करने की घोषणा की. उन्होंने यह भी कहा कि वे प्रदर्शन को लंबे समय तक चलाने के लिए जल्द ही नई रणनीति तैयार करेंगे.
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन अभी भी जारी है. किसान यूपी, हरियाणा, पंजाब के साथ ही राजस्थान में महापंचायत भी कर रहे हैं. लेकिन अब महापंचायत मध्यप्रदेश पहुंच चुकी है, किसानों की महापंचायत श्योपुर में होगी. किसान नेता यहां केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को घेरेंगे.
अमृतसर में प्रमुख किसान नेता की मौत
इसी बीच किसान संगठनों का दावा है कि 150 से अधिक किसान जो आंदोलन में शामिल हुए, उनकी अलग-अलग कारणों से मौत हो चुकी है. ताजा घटनाक्रम में किसान संघर्ष में अग्रणी भूमिका निभाने वाले पंजाब के एक प्रमुख संगठन कीर्ति किसान यूनियन (पंजाब) के प्रदेश अध्यक्ष दातार सिंह का अमृतसर में निधन हो गया. दातार सिंह अमृतसर में एक सेमिनार में बोल रहे थे, तभी अचानक नीचे गिर पड़े. मौके पर मौजूद लोग उन्हें अमृतसर के एक निजी अस्पताल में ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
8 मार्च को श्योपुर में किसान महापंचायत
8 मार्च को श्योपुर में किसान महापंचायत का आयोजन होगा. इस महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत और किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह सहित कई किसान नेता शामिल होंगे.
राजस्थान से लेकर MP के 6 जिलों के किसान होंगे शामिल
किसान महापंचायत में राजस्थान के कोटा, बारा, माधवपुर सहित मध्य प्रदेश के श्योपुर, शिवपुरी, गुना सहित 6 जिलों के किसान महापंचायत में शामिल होंगे. यह किसान पंचायत कृषि बिलों के विरोध में 8 मार्च को जिले की जैदा मंडी में आयोजित किया जाएगा.
किसान बिकाऊ नहीं, टिकाऊ हैं: कक्काजी
कई राज्यों में हो चुकी है महापंचायत
केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहा किसान आंदोलन अब दिल्ली की सरहदों या हरियाणा-पंजाब तक ही सीमित नहीं रह गया है. हरियाणा के जींद और रोहतक, उत्तराखंड के रुड़की और उत्तर प्रदेश के मथुरा में किसानों के मुद्दों को लेकर किसान महापंचायतों का आयोजन हो चुका है, इसके साथ ही यूपी के बिजनौर, सहारनपुर और राजस्थान में भी महापंचायत हो चुकी है.
राकेश टिकैत की भावुक अपील के बाद महापंचायत
26 जनवरी की घटना के बाद दिल्ली-उत्तर प्रदेश के गाज़ीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान नेता राकेश टिकैत की भावुक अपील के बाद उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान और हरियाणा में गांव-गांव में किसान सक्रिय हो गए हैं और किसान आंदोलन में अपना योगदान दे रहे हैं.
क्यों हो रही महापंचायत ?
इन महापंचायतों का एक स्पष्ट असर ये है कि अब बड़ी तादाद में किसान दिल्ली कूच कर रहे हैं. किसानों नेताओं का कहना है कि यूपी में इन क़ानूनों के ख़िलाफ़ जाट-गूजर सब एक हो गए हैं. जब तक कानून वापस नहीं होंगे, धरना और मज़बूत होता रहेगा. बहराल अब मध्यप्रदेश में भी राकेश टिकैत पहुंच रहे हैं देखना होगा कि 8 मार्च को कितने किसान यहां पहुंचते हैं.
प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनके प्रस्तावित कार्यक्रम के तहत 23 फरवरी को 'पगड़ी संभाल दिवस' और 24 फरवरी को 'दमन विरोधी दिवस' मनाया जाएगा और इस दौरान इस बात पर जोर दिया जाएगा कि किसानों का सम्मान किया जाए और उनके खिलाफ कोई 'दमनकारी कार्रवाई' नहीं की जाए.
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- सुबह 10 बजे शुरू होगी सर्व जातीय किसान महापंचायत
- किसान नेता राकेश टिकैत, गुरनाम सिंह चढूनी समेत कई नेता होंगे शामिल
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मोर्चा ने कहा कि 26 फरवरी को 'युवा किसान दिवस' और 27 फरवरी को 'मजदूर किसान एकता दिवस' मनाया जाएगा. किसान नेता दर्शनपाल ने कहा कि 23 फरवरी को 'पगड़ी संभाल दिवस' मनाया जाएगा, जो चाचा अजीत सिंह और सहजानंद सरस्वती की याद में मनाया जाएगा. इस दिन किसान अपने क्षेत्र की पगड़ी पहनेंगे. उन्होंने कहा कि 24 फरवरी को 'दमन विरोधी दिवस' मनाया जाएगा जिसमें किसान और नागरिक, किसान आंदोलन को दबाने के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे. इस दिन तहसील और जिला मुख्यालयों के जरिए भारत के राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा जाएगा.
पाल ने कहा कि 26 फरवरी को इस आंदोलन में युवाओं के योगदान का सम्मान करते हुए कि युवा किसान दिवस' आयोजित किया जाएगा. इस दिन एसकेएम के सभी मंचों का संचालन युवा करेंगे. उन्होंने कहा कि 27 फरवरी को गुरु रविदास जयंती और शहीद चंद्रशेखर आज़ाद के शहादत दिवस के मौके पर 'किसान मजदूर एकता दिवस' मनाया जाएगा. स्वराज इंडिया के नेता योगेन्द्र यादव ने कहा कि सरकार प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी, उन्हें हिरासत में लेने और उनके खिलाफ मामले दर्ज कर हर दमनकारी उपाय अपना रही है. सिंघू बॉर्डर पर किलेबंदी कर दी गई है और वह एक अंतरराष्ट्रीय सीमा की तरह प्रतीत होता है.
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उन्होंने कहा कि संसद के आठ मार्च से शुरू हो रहे सत्र के मद्देनजर आंदोलन के लिए दीर्घकालिक योजना पर चर्चा की जाएगी और एसकेएम की अगली बैठक में रणनीति साझा की जाएगी. पाल ने भी सरकार पर 'दमन' का आरोप लगाया. उन्होंने बताया कि गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय राजधानी में 'ट्रैक्टर परेड' के दौरान हुई हिंसा और तोड़फोड़ के मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए 122 लोगों में से 32 को जमानत मिल चुकी है.