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आंदोलन का 86वां दिन : कृषि कानूनों के खिलाफ अब भी डटे हैं किसान

किसान आंदोलन
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Published : Feb 19, 2021, 9:11 AM IST

Updated : Feb 19, 2021, 4:07 PM IST

16:06 February 19

15:59 February 19

भाजपा नेताओं को कार्यक्रम का न्योता नहीं देंगे किसान

नरेश टिकैत का बयान

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि कोई भी भाई किसी भी गांव में भाजपा नेताओं को शादी, विवाह व तेहरवी का निमंत्रण नहीं देगा. अगर कोई व्यक्ति भाजपा नेताओं को चिट्ठी देने का दोषी पाया जाता है, तो अगले ही दिन वह अपने घर पर एक सौ आदमियों का खाना बनवाएगा. यह उसके लिए दंड स्वरूप होगा. नरेश टिकैत ने कहा भाजपा के प्रतिनिधियों को शादी का कार्ड न दिया जाए यह आदेश है, अब से हमारा अगर कोई व्यक्ति शादी के लिए निमंत्रण देता है और वह इस निमंत्रण पर शादी में पहुंचता है, तो कार्ड देने वाले पर सौ लोगों को स्पेशल खाना देने का दंड रखा जाएगा. टिकैत ने कहा किसान आंदोलन से भाजपा पार्टी में इस समय खूब खलबली मची हुई है.

08:20 February 19

कोटखवादा में पायलट की किसान महापंचायत आज

राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट आज को चाकसू के पास कोटखवादा में किसान महापंचायत को संबोधित करेंगे. पायलट के एक करीबी नेता ने इसकी जानकारी दी.

इस किसान महापंचायत का आयोजन पायलट के करीबी माने जाने वाले विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने किया है. महापंचायत का उद्देश्य केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के प्रति एकता दिखाना है. 

कार्यक्रम में पायलट के करीबी माने जाने वाले कई विधायकों के शामिल होने की संभावना है. उल्लेखनीय है कि पायलट इससे पहले दौसा व भरतपुर में भी ऐसी ही महापंचायत कर चुके हैं.

07:34 February 19

किसान आंदोलन

नई दिल्ली :केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 86वां दिन है. केंद्र के तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों ने गुरुवार को चार घंटे के अपने राष्ट्रव्यापी रेल रोको आह्वान को शांतिपूर्ण और सफल बताया.

नए कृषि कानूनों के विरोध में विभिन्न किसान संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के परचम तले आंदोलन कर रहे हैं. संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि केंद्र को कृषि कानूनों को वापस लेना होगा क्योंकि देश भर में किसानों का गुस्सा बढ़ रहा है.

संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बयान में दावा किया कि बृहस्पतिवार को देश भर में सैकड़ों स्थानों पर दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक ट्रेनों को रोका गया. हालांकि, रेलवे ने कहा कि किसानों के रेल रोको आंदोलन के कारण ट्रेन सेवाओं पर नगण्य या बहुत कम प्रभाव पड़ा।

संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा, यह एक शांतिपूर्ण और सफल आयोजन था. बड़ी संख्या में भारत के नागरिकों ने किसानों के आंदोलन के प्रति केंद्र के रवैये का विरोध किया है.

बयान में कहा गया है, किसानों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है और केंद्र को कानूनों को वापस लेना होगा. एसकेएम सदस्य जगमोहन सिंह ने कहा कि देश के लोगों के अनूठे समर्थन और चतुर्दिक सक्रियता ने आंदोलन को और मजबूत किया है. 

बयान में उनके हवाले से कहा गया है, किसानों का आंदोलन सफल होगा और (नरेंद्र) मोदी सरकार की मंशा को नाकाम किया जाएगा. इससे पहले दिन में भारतीय रेलवे के एक प्रवक्ता ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों के रेल रोको आह्वान का ट्रेन सेवाओं पर मामूली प्रभाव पड़ा. उन्होंने कहा कि अधिकतर जोनल रेलवे ने प्रदर्शन के कारण किसी भी घटना की सूचना नहीं दी है. 

प्रवक्ता ने कहा, रेल रोको आंदोलन बिना किसी अप्रिय घटना के समाप्त हो गया. देश भर में ट्रेनों की आवाजाही पर मामूली या न्यूनतम प्रभाव पड़ा. सभी जोन में ट्रेनों की आवाजाही अब सामान्य है. उन्होंने कहा कि रेल रोको आंदोलन के दौरान सभी संबंधितों पक्षों द्वारा अत्यंत संयम का परिचय दिया गया.

Last Updated : Feb 19, 2021, 4:07 PM IST

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