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राकेश टिकैत बोले- यूपी और उत्तराखंड में नहीं होगा चक्का जाम

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चक्का जाम पर राकेश टिकैत का बड़ा बयान

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Published : Feb 5, 2021, 10:22 AM IST

Updated : Feb 5, 2021, 10:57 PM IST

21:47 February 05

केरल: सचिन तेंदुलकर के कट आउट पर काला तेल डाला गया

कोच्चि में भारतीय युवा कांग्रेस के सदस्यों ने सचिन तेंदुलकर के कट आउट पर काला तेल डाला.

21:42 February 05

कर्नाटक: चक्का जाम के समर्थन में राज्य और राष्ट्रीय राजमार्ग बंद रहेंगे

राज्य किसान संयुक्त संघर्ष समिति शनिवार को दिल्ली में किसान संघर्ष के समर्थन में राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों को जाम करेगी. किसानों, कामगारों और दलित संगठनों के समर्थन से देशभर में राष्ट्रीय राजमार्ग बंद का आह्वान किया गया है. बता दें, 500 से अधिक किसान पहले ही राज्य से दिल्ली चले गए हैं. कोडिहल्ली चंद्रशेखर के नेतृत्व में राज्य के किसान दिल्ली पहुंच गए हैं. नेता कुरुबुर शांताकुमार के नेतृत्व में किसान बैंगलोर-डोड्डाबल्लपुरा राज्य राजमार्ग को जाम करेंगे और बादलपाल नागेंद्र के नेतृत्व में किसान, बैंगलोर-मैसूर रोड और बिदादी और मंड्या की सड़क को जाम करेंगे. चमरसा माली पाटिल रायचूर अस्सीहाल के पास राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध करेगा.

21:34 February 05

दौसा: सचिन पायलट ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना

राजस्थान के दौसा में शुक्रवार 5 फरवरी को किसान महापंचायत में सचिन पायलट ने कृषि कानूनों को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. सचिन पायलट ने कहा कि मोदी सरकार ने अपनी निरंकुशता के चलते यह तीनों कानून पारित करने से पहले किसी भी राज्य की सरकार से नहीं पूछा और जबरदस्ती सदन में पेश करके देश के ऊपर थोप दिया. 

इसके बावजूद भी देश की भाजपा सरकार यह कहती है कि यह तीनों कानून किसानों के हित में हैं. ऐसा है तो क्यों देश के किसानों में सरकार के खिलाफ आक्रोश है. ये कानून किसानों को पूरी तरह बर्बाद करने वाले हैं. किसानों की जमीनों पर बड़े उद्योगपतियों का कब्जा जमाने वाले हैं, जिसके चलते हमारे किसान दिल्ली की सड़कों पर पिछले दो महीने से भी अधिक समय से कड़कड़ाती ठंड में बैठे हैं.

पायलट ने कहा कि सैकड़ों किसान शहीद हो गए, लेकिन उसके बावजूद भी केंद्र सरकार इन किसान विरोधी कानूनों को वापस लेना नहीं चाहती. हम किसानों के साथ हैं, पूरे देश के किसान एकजुट हैं और केंद्र सरकार जब तक इन किसान विरोधी कानूनों को वापस नहीं लेती, हम गांधीवादी तरीके से सरकार के खिलाफ आंदोलन करते रहेंगे.

21:34 February 05

नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर पर किए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

गणतंत्र दिवस पर हुई ट्रैक्टर मार्च के दौरान दिल्ली में हिंसा देखने को मिली थी. जिससे सबक लेते हुए अब दिल्ली पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. किसानों के 6 फरवरी को होने वाले देशव्यापी चक्का जाम को मद्देनजर रखते हुए दिल्ली से उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाले नेशनल हाईवे-9 पर 14 लेयर की बैरिकेडिंग की गई है. बैरिकेडिंग पर कंटीले तार लगाए गए हैं. साथ ही चार लेयर की बैरिकेडिंग के बाद दिल्ली पुलिस ने सीमेंटेड बैरिकेडिंग भी की है. बैरिकेडिंग के पीछे भारी तादाद में पुलिस बल तैनात किया गया है. साथ ही सीआरपीएफ के जवानों की भी तैनाती की गई है.

दिल्ली पुलिस और उत्तर प्रदेश पुलिस का तालमेल

किसान नेताओं का कहना है कि चक्का जाम पूरी तरह से शांतिपूर्ण होगा, लेकिन दिल्ली पुलिस इस बार किसी प्रकार की कोताही नहीं बरतना चाहती है. नेशनल हाईवे-9 को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. दिल्ली पुलिस की तरफ से ड्रोन कैमेरे से नजर रखी जा रही है. बैरिकेडिंग के पार दिल्ली पुलिस की तरफ वॉटर कैनन और दंगा नियंत्रण वाहन भी लगाए गए हैं. नेशनल हाईवे-9 के आसपास खाली पड़े खेतों में गहरे गड्ढे खोदकर कंटीले तारें लगाई गई हैं, जिससे कि किसान खेतों के रास्ते दिल्ली में प्रवेश न कर सकें. सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए दिल्ली पुलिस और उत्तर प्रदेश पुलिस तालमेल बनाकर काम कर रही है.

दिल्ली पुलिस कमिश्नर की चक्का जाम बैठक

दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव की तरफ से किसानों के 6 फरवरी को होने वाले प्रस्तावित चक्का जाम को लेकर एक बैठक भी की गई. बैठक में पुलिस कमिश्नर ने साफ कर दिया है कि राजधानी में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए हल्का बल प्रयोग करना पड़ा तो इससे भी दिल्ली पुलिस पीछे नहीं हटेगी.

19:52 February 05

सुरक्षा व्यवस्था को किया गया चाक-चौबंद

नई दिल्ली:दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर इन दिनों सुरक्षा व्यवस्था को और भी ज्यादा चाक-चौबंद कर दिया गया है .कल किसानों ने चक्का जाम की घोषणा करी है जिसको देखते हुए प्रशासन अपनी तैयारियां पूरी कर चुका है. सिंघु बॉर्डर पर भी सड़कों पर सीमेंट बिछाकर कीले बिछा दी गई हैं. साथ ही साथ कई लेयर में सुरक्षा व्यवस्था को भी बांट दिया गया और बैरिकेडिंग भी बढ़ा दी गई है.

दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर पिछले करीब 2 महीने से ज्यादा का वक्त हो चुका है, जब किसान अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं. आंदोलनकारियों द्वारा लगातार कानून को वापस लेने की मांग की जा रही है. इससे पहले 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च के दौरान दिल्ली की सड़कों पर जिस तरीके से हिंसा हुई और लाल किले पर पहुंचकर आंदोलनकारियों ने तिरंगे का अपमान किया और देश को भी शर्मसार किया उसके बाद अब एक बार फिर से आंदोलनकारियों ने कल चक्काजाम करने की घोषणा की है, जिसको लेकर के भी प्रशासन कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहता. यही वजह है कि सिंघु बॉर्डर पर भी सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया गया है. पहले से काफी ज्यादा फोर्स हो गई है और साथ ही साथ बैरिकेडिंग भी कई लेयर में बढ़ा दी गई है. 

2 किलोमीटर दूर से सभी गाड़ियों को रोकने का काम जारी

2 किलोमीटर पहले ही बैरिकेडिंग लगाकर के सभी गाड़ियों को रोका जा रहा है. साथ ही साथ मीडिया तक की गाड़ियां को अंदर नहीं आने दिया जा रहा है. मीडिया को भी 5 लेयर बैरिकेड में आई कार्ड दिखाने के बाद ही एंट्री मिल रही है. साधारण व्यक्ति को 2 किलोमीटर पहले ही रोक दिया गया है और वह अंदर नहीं आ सकता.
पुलिस के रुख को देखकर यह साफ कहा जा सकता है कि 26 तारीख को भले ही पुलिस ने नरमी बरती हो, लेकिन इस बार अगर चक्का जाम करके हिंसा करने की कोशिश आंदोलनकारियों द्वारा की गई तो पुलिस नरमी नहीं, बल्कि सख्ती बरतने से भी गुरेज नहीं करने वाली है और यह कहा जा रहा है कि पुलिस अब आंदोलनकारियों को रोकने के लिए बल प्रयोग भी कर सकती है.

18:51 February 05

दिल्ली: देशव्यापी चक्का जाम को कांग्रेस का समर्थन

नई दिल्ली:दिल्ली में हरियाणा के कांग्रेसी नेताओं संग बैठक के बाद कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हमने किसानों के आंदोलन का समर्थन करने की बात कही है. हमारी पार्टी का निर्णय है कि नए कृषि कानून वापस होने चाहिए. 

18:12 February 05

भरतपुर: कल होगा किसान महापंचायत का आयोजन

कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन के बीच अब राजस्थान की कांग्रेस सरकार के पूर्व मंत्री व कुम्हेर-डीग से कांग्रेस विधायक विश्वेन्द्र सिंह कल एक किसान महापंचायत का आयोजन करने जा रहे हैं, जिसमें हजारों लोगों की भीड़ जुटने की संभावना है. इस महापंचायत में राजस्थान के अलावा उत्तर प्रदेश के किसान भी भाग लेंगे, जो मिलकर कृषि कानूनों का विरोध करेंगे. इसकी जानकारी उन्होंने ट्वीट करके भी दिया है. 

विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने जो किसान विरोधी कानून पास किये हैं, उसके खिलाफ हमारा पुरजोर विरोध है, साथ ही इसका विरोध करने के लिए हम डीग उपखण्ड के गांव बहज में किसान महापंचायत कल करने जा रहा हैं. यह गांव उत्तर प्रदेश बॉर्डर से लगता है. इस पंचायत में राजस्थान के अलावा उत्तर प्रदेश से लोग शामिल होंगे. पंचायत में विरोध-प्रदर्शन कर हम केंद्र सरकार को यह दिखाना चाहते हैं कि किसान ही इस देश को चलाता है. 

किसान महापंचायत की तैयारियां जोरों

डीग के गांव बहज में शनिवार को होने वाली किसान महापंचायत के लिए तैयारियां जोरों पर हैं. इसमें कांग्रेस नेता सचिन पायलट भी शामिल हो सकते हैं. कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन के दौरान पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक विश्वेन्द्र सिंह इस किसान महापंचायत का आयोजन कर रहे हैं, जिसमें हजारों लोगों की भीड़ जुटने का अनुमान है. इसमें राजस्थान के अलावा उत्तर प्रदेश के किसान भी हिस्सा लेंगे.

इस महापंचायत की तैयारियां आज शाम तक पूरी कर दी जाएंगी, वहीं महापंचायत में करीबन 20 से 25 हजार लोगों के आने की संभावनी है. स्थानीय ग्रामीण ने बताया कि सरकार अगर हमारी मांगों को नहीं मानेगी तो हम एक बड़ा आंदोलन करेंगे.

18:10 February 05

नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली में नहीं देशव्यापी चक्का जाम

नए कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन को और तेज करने के लिए 6 फरवरी को संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से देश भर में चक्का जाम का आह्वान किया गया है. लेकिन दिल्ली में यह चक्का जाम नहीं होगा. वहीं, किसान नेताओं के मुताबिक दो अन्य राज्यों में भी चक्का जाम नहीं किया जाएगा.

शुक्रवार को भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के अध्यक्ष बलबीर सिंह राजेवाल पहुंचे. गाजीपुर बार्डर और किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत से मुलाकात की. 6 जनवरी को होने वाले देशव्यापी चक्का जाम को लेकर राकेश टिकैत और बलवीर राज्यपाल की करीब आधे घंटे वार्ता चली. 

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में 6 फरवरी को चक्का जाम नहीं किया जाएगा. किसान केवल जिला प्रशासन को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपेंगे. उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के किसानों को कभी भी दिल्ली बुलाया जा सकता है इसलिए दिल्ली आने के लिए तैयार रहेंगे. दिल्ली को पहले से ही सरकार ने जाम कर रखा है. इसलिए दिल्ली में भी किसानों द्वारा चक्का जाम नहीं किया जाएगा. 

बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में गन्ने की कटाई में किसान मसरूफ हैं. इसलिए दोनों प्रदेशों में 6 फरवरी को चक्का जाम नही होगा. 

18:08 February 05

देहरादून: प्रशासन को ज्ञापन सौंपेंगे किसान

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन 72 दिनों से जारी है. इस बीच किसानों ने 6 फरवरी को दोपहर 12 बजे से दोपहर तीन बजे तक चक्का जाम की घोषणा की है. लेकिन, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि यूपी और उत्तराखंड में चक्काजाम नहीं होगा. राकेश टिकैत ने बयान जारी करते हुए कहा कि 6 फरवरी को उत्तराखंड में चक्का जाम नहीं किया जाएगा. प्रशासन को मांगों को लेकर यूनियन से जुड़े किसान अपना ज्ञापन सौंपेंगे. फैसला गन्ना किसानों को लेकर लिया गया है.

राकेश टिकैत ने की शांतिपूर्ण जाम की अपील

राकेश टिकैत ने समर्थकों से अपील की है कि जो लोग यहां नहीं आ पाए वो अपनी-अपनी जगहों पर शनिवार को चक्का जाम शांतिपूर्ण तरीके से करें.

72 दिनों से जारी है किसानों का प्रदर्शन

नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन पिछले 72 दिनों से जारी है. किसान लगातार तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं. किसानों की मांग है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी दी जाए और तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द किया जाए.

चक्काजाम को लेकर किसानों की बैठक

वहीं, काशीपुर में 6 फरवरी को किसान आंदोलन को धार देने के लिए बैठक का आयोजन किया गया. काशीपुर में मुरादाबाद रोड स्थित मंडी गेस्ट हाउस में आयोजित बैठक में किसान नेताओं द्वारा चक्का जाम को शांतिपूर्ण तरीके से सफल बनाने का निर्णय लिया गया. किसान पदाधिकारियों ने शनिवार को किसानों को काशीपुर अनाज मंडी में सुबह 10 बजे पहुंचने का आहृवान किया गया है. इसके साथ ही बैठक में चक्का जाम के दौरान एंबुलेंस एवं जरूरतमंद वाहनों को नहीं रोकने का निर्णय लिया गया.

15:19 February 05

राकेश टिकैत ने कहा- यूपी-उत्तराखंड में कल नहीं होगा चक्का जाम

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि 6 फरवरी को सिर्फ 2 राज्यों में चक्का जाम नहीं होगा. ये 2 राज्य हैं- उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड. इन 2 राज्यों और दिल्ली को छोड़कर पूरे देश में चक्का जाम होगा.

14:28 February 05

बॉर्डर पर सुरक्षाबल की तैनाती

टीकरी बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए बॉर्डर पर सुरक्षाबल की तैनाती जारी है. 

14:26 February 05

इंटरनेट की समस्याओं से निपटने के लिए नई रणनीति.

किसान आंदोलन में इंटरनेट की समस्याओं से निपटने के लिए किसानों ने अब मंदिर गुरुद्वारों का सहारा लेना शुरू कर दिया है. गांव के किसान अब मंदिर गुरुद्वारों के अंदर अनाउंसमेंट कर बैठक की जानकारी देते हैं और एक जगह पर इकट्ठे होकर रणनीति बनाते हैं. 

6 तारीख को किसानों ने चक्का जाम का आह्वान किया है, जिसको लेकर सिरसा के कंगनपुर गांव में इसी तरह का नजारा देखने को मिला. 6 फरवरी को संयुक्त किसान मोर्चा की आह्वान पर पूरे देश में दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक चक्का जाम करने का ऐलान किया है. 

हरियाणा प्रदेश के कई जिलों में इंटरनेट सेवा बंद है. सिरसा जिले में भी इंटरनेट सेवा तीन दिन बंद रही थी. ऐसे में किसानों ने अब पुराने दौर को अपने प्रचार का माध्यम बनाया है.

किसानों का कहना है कि सरकार के इंटरनेट बंद करने से कुछ फर्क नहीं पड़ता. उनका कहना है कि किसान आंदोलन पहले की ही तरह चलेगा और जब तक कृषि कानून रद्द नहीं होते तब तक जारी रहेगा.

11:21 February 05

गाज़ीपुर बॉर्डर से किसान नेता जगतार सिंह बाजवा ने कहा कि सभी राज्य और ज़िलों के हाइवे पर कल चक्का जाम किया जाएगा. दिल्ली में तो पहले से ही किसान बैठे हैं इसलिए यहां चक्का जाम वाली स्थिति नहीं होगी. देश की अन्य जगहों पर 12 बजे से 3 बजे तक चक्का जाम की स्थिति रहेगी. 

11:20 February 05

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि जो लोग यहां नहीं आ पाए वो, अपने-अपने जगहों पर कल चक्का जाम शांतिपूर्ण तरीके से करेंगे. ये जाम दिल्ली में नहीं होगा.

09:30 February 05

किसान नेता जगतार सिंह बाजवा ने कहा कि आज 10 बजे की बैठक में हम ये तय करेंगे कि किस तरह से शांतिपूर्ण ढंग से ये आंदोलन करना है. साथ ही संयुक्त मोर्चा की तरफ से दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे. 

07:23 February 05

किसान आंदोलन का आज 72वां दिन

जम्मू-कश्मीर में डोगरा फ्रंट के सदस्यों ने गायिका रिहाना का विरोध किया

नई दिल्ली :केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 72वां दिन है. दिल्ली से लगती हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सीमाओं पर हजारों की संख्या में किसान लगातार कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं. गतिरोध खत्म करने के लिए केंद्र और किसान संगठनों के बीच 11 दौर की वार्ता भी हो चुकी है, सरकार कानून में संशोधनों के कई प्रस्ताव भी दे चुकी है, जिसे किसान संगठनों ने खारिज कर दिया है. 

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार इन कानूनों को डेढ़ साल तक स्थगित कर सकती है, इस पर किसानों को विचार करना चाहिए. हालांकि, इस परिस्थिति में भी केंद्र सरकार की नीयत पर सवाल खड़े कर रहे किसान संगठनों की ओर से बिना शर्त कानूनों को रद्द न किए जाने की मांग की जा रही है. 

विगत 26 फरवरी को हुई ट्रैक्टर परेड में हिंसा के बाद प्रशासनिक कार्रवाई को लेकर भी किसान खफा हैं और वे कानूनों को रद्द करने की अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं.

इसी बीच कई अंतरराष्ट्रीय टिप्पणियां भी सामने आई हैं, इसमें अमेरिकी गायिका रिहाना का नाम भी शामिल है. भारत में इन प्रतिक्रियाओं को लेकर काफी विरोध किया जा रहा है. जम्मू-कश्मीर में डोगरा फ्रंट के सदस्यों ने किसान आंदोलन के समर्थन में ट्वीट करने के लिए गायिका रिहाना के खिलाफ एक विरोध प्रदर्शन किया.

Last Updated : Feb 5, 2021, 10:57 PM IST

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