बेंगलुरु :लाखों लोग कोरोना काल में जीने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन एक परिवार ऐसा है , जो खादी कपड़े के मास्क बना रहा है और लोगों की जान बचाने की कोशिश कर रहा है. कर्नाटक के हुबली शहर के विजयनगर इलाके के राघवेंद्र मुतालिक देसाई, खादी के खूबसूरत मास्कों की सिलाई कर रहे हैं. उन्होंने कई वर्षों तक आरके खादी के निदेशक के रूप में काम किया है और अब कोरोना लॉकडाउन के कारण अपने घर में खादी के मास्क बनाने का काम कर रहे हैं.
वे राज्य सहित पड़ोसी राज्यों को पहले ही दो लाख से अधिक मास्क बेच चुके हैं. वे कम कीमत में खादी का मास्क बेच रहे हैं.
दरअसल, कोरोना की दूसरी लहर के बाद खादी मास्क की मांग बढ़ गई है.
वह इस काम को लोगों की जान बचाने और अपने परिवार की आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए कर रहे हैं.
हालांकि अब खादी उत्पादों की मांग कम हो रही है, लेकिन राघवेंद्र और उनका परिवार 10 से अधिक परिवारों को जीवन दे रहा है. यह परिवार अभी भी खादी उत्पादों को बनाने और बेचने पर निर्भर हैं.
इन दिनों राघवेंद्र की पत्नी और उनके दो बच्चे भी खादी मास्क बनाने में व्यस्त हैं. उन्होंने बताया कि यहां आठ सर्जिकल रंग के मास्क तैयार किए जा रहे हैं. इसकी कीमत मास्क के आधार पर तय की जाती है.