मुंबई : उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बार से मिले विस्फोटक सहित एसयूवी और इसके बाद मनसुख हिरेन की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इस मामले में मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह का पत्र सामने आने के बाद गृह मंत्री अनिल देशमुख सवालों के घेरे में हैं. भाजपा नेता और महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस इस मामले में लगातार आक्रामक हैं.
ताजा घटनाक्रम में फडणवीस ने कहा कि 'पुलिस रिकॉर्ड में मौजूद वीआईपी मूवमेंट के अनुसार, अनिल देशमुख 17 फरवरी को सह्याद्री गेस्ट हाउस गए थे, और 24 फरवरी को मंत्राालय में थे.'
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि कल आदरणीय पवार साहब को सही ब्रीफिंग नहीं दी गई थी, एक राष्ट्रीय नेता के मुंह से गलत बातें कहलवाई गईं. 15 से 27 फरवरी के बीच गृह मंत्री जो होम क्वारंटीन थे, वो आइसोलेशन में नहीं थे. कई लोग उनसे मिले हैं.
फडणवीस ने कहा कि देशमुख 15-27 फरवरी के बीच वे भले ही होम क्वारंटाइन में थे, लेकिन वे अधिकारियों से मिले थे. फडणवीस ने कहा, 'मुझे लगता है कि पवार साहब को ठीक से ब्रीफ नहीं किया गया.'
उन्होंने कहा कि ट्रांसफर का रैकेट कमिश्नर ऑफ इंटेलिजेंस ने पकड़ा, पकड़ने से पहले DG और ACS होम की अनुमति ली और मुख्यमंत्री तक रिपोर्ट पहुंचाई. अब तक रिपोर्ट पर कार्रवाई नहीं की गई. मैंने आज दिल्ली में गृह सचिव से मिलने का समय मांगा है, मैं CBI से जांच कराने की मांग करूंगा.
भाजपा नेता ने कहा कि केंद्रीय गृह सचिव से मिलने का समय मांगा है और आईपीएस और गैर-आईपीएस अधिकारियों के कथित ट्रांसफर पोस्टिंग रैकेट से संबंधित कॉल रिकॉर्डिंग और कुछ दस्तावेजों के 6.3 जीबी से अधिक डेटा उन्हें सौंपने के लिए कहा है.
इंटेलिजेंस कमिश्नर ने अगस्त 2015 में महानिदेशक महाराष्ट्र को हस्तांतरण रैकेट में शामिल होने के लिए संदिग्ध कॉल की एक रिपोर्ट भेजी. बाद में इसे सीएम को भेज दिया गया और उन्होंने चिंता व्यक्त की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. मेरे पास 6.3 जीबी डेटा है जिसमें सभी जानकारी है.
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बता दें कि सोमवार को एक प्रेस वार्ता में शरद पवार ने परमबीर सिंह के आरोपों का जिक्र करते हुए कहा था कि 6-16 फरवरी के बीच देशमुख अस्पताल में थे.
पवार ने कहा था कि कहा कि पूर्व कमिश्नर के पत्र में उन्होंने जिक्र किया है कि फरवरी महीने में उन्हें कुछ अधिकारियों से गृह मंत्री के निर्देशों की जानकारी मिली थी, 6 से 16 फरवरी तक देशमुख कोरोना की वजह से अस्पताल में भर्ती थे. उन्होंने कहा कि एटीएस मेन केस में सही दिशा में जा रही है, जांच की दिशा भटकाने की कोशिश की जा रही है और अब सच सामने आ रहा है.
एनसीपी प्रमुख ने कहा कि जिस मंत्री के बारे में आरोप था, उनकी उस समय की स्थिति साफ हो गई है और ऐसी परिस्थिति में उनके इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता.
गौरतलब है कि इससे पहले रविवार को भी पवार ने कहा था कि शरद पवार ने परमबीर और अनिल देशमुख के प्रकरण में कहा कि परमबीर के पत्र में यह नहीं लिखा गया है कि पैसा किसके पास गया. उन्होंने कहा कि पत्र पर दस्तखत भी नहीं है. उन्होंने कहा कि अनिल देशमुख पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. उन्होंने कहा कि कैबिनेट के मंत्री के इस्तीफे का फैसला सीएम उद्धव ठाकरे को करना है.
वहीं, महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस प्रभारी एचके पाटिल ने कहा कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के इस्तीफे का फैसला सीएम उद्धव ठाकरे के निर्णय पर छोड़ दिया गया है.
उन्होंने कहा कि अशोक चौहान और बालासाहेब थोराट कल कोर कमेटी के सदस्यों से मिले और अब बालासाहेब थोराट और अशोक चौहान सीएम से मिलेंगे.
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