कासरगोड:केरल के उत्तरी जिले कासरगोड में गंभीर स्वास्थ्य चिंता पैदा हो गई है, क्योंकि ऐसी खबरें आई हैं कि मनरेगा श्रमिकों को एक्सपायर्ड एंटी-रेबीज गोलियां जारी की गईं हैं. यहां किनानूर करिंथलम पंचायत में सौ से अधिक मनरेगा मजदूर स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही का शिकार हो गए. बताया गया कि किनानूर-करिंथलम पंचायत के वार्ड नंबर 8 मलुरकायम में मजदूरों को एक्सपायर हो चुकी डॉक्सीसाइक्लिन की गोलियां बांटी गईं.
टैबलेट की एक्सपायरी डेट पिछले साल मई में खत्म हो गई थी. सरकार द्वारा नियुक्त अधिकारी द्वारा पिछले गुरुवार (6 जुलाई) को डिस्पेंसरी से निवारक गोलियों पर हस्ताक्षर किए गए और खरीदा गया. बाद में शुक्रवार (7 जुलाई) को, नौकरी की गारंटी के लिए आए सभी लोगों को गोलियाँ खाने को दे दी गईं. जिन लोगों ने स्वास्थ्य कर्मियों पर आंख मूंदकर विश्वास कर गोलियां खा लीं, वे अब काफी परेशान हैं. वे गोलियां खाने से पहले एक्सपायरी डेट देखना भूल गए. रिपोर्ट सामने आने के बाद गरीब मनरेगा मजदूरों को लग रहा है कि स्वास्थ्य कर्मियों ने उनके साथ धोखा किया है. उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों की कार्रवाई के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. साथ ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. शिकायत मिलने पर कासरगोड डीएमओ ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं.
जांच के लिए डिप्टी डीएमओ डॉ. गीता को अधिकृत किया गया है. पुरानी गोलियां खाने वाले किसी भी कर्मचारी में अब तक कोई बीमारी या बेचैनी की सूचना नहीं मिली है. दवा पंचायत के स्वामित्व वाले पारिवारिक स्वास्थ्य केंद्र से वितरित की गई थी. मजदूरों ने बताया कि पिछले शुक्रवार को दवा का वितरण किया गया था. "चूंकि यह एक निवारक दवा है, इसलिए कई लोगों ने समाप्ति तिथि देखे बिना इसे ले लिया."