नई दिल्ली : सांसद के मानसून सत्र (parliament monsoon session) के दौरान राज्यसभा में 'अशोभनीय आचरण' के लिए निलंबित किए गए 12 सांसद, इस कार्रवाई के विरोध में बुधवार को संसद परिसर में धरने पर बैठ गए और कहा कि वे निलंबन रद्द होने तक विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे. विपक्ष की तमाम पार्टियां भी सरकार का विरोध कर रही हैं और उनके निलंबन वापसी की मांग कर रही हैं, जिससे राज्यसभा की कार्यवाही लगातार हंगामे में धूल रही है और पिछले सत्र की तरह इस सत्र में भी राज्यसभा में कार्यवाही ठप पड़ी है. इस मसले पर ईटीवी भारत से शिवसेना सांसद अरविंद सावंत (shiv sena mp Arvind Sawant)ने कहा का कि लोकसभा में कार्रवाई अब सुचारू रूप से चल रही है बिल पास हो रहे हैं, लेकिन सरकार चाहती नहीं कि ऐसे ही कार्रवाई राज्यसभा में भी शुरू हो.
अरविंद सावंत ने कहा कि यदि सरकार को राज्यसभा भी सुचारू रूप से चलाना है तो 12 सांसद जिन्हें, पिछले सत्र में हंगामे की वजह से इस सत्र में निलंबित किया गया है, उन्हें वापस लेना होगा और उनके निलंबन को वापस कराना होगा.
सावंत ने कहा कि जब भाजपा विपक्ष में थी, तब स्वर्गीय अरुण जेटली ने जमकर विरोध किया था और जिसके चलते एक दिन भी लोकसभा का सत्र नहीं चल पाया था था. अरुण जेटली ने ने खुद सदन के वेल में धरना भी दिया था. तब उस समय जेटली ने कहा था कि यह हमारा संवैधानिक अधिकार है. ऐसे में यदि विपक्ष मांग उठा रहा है तो उसका निलंबन क्यों? उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने भी सत्र की शुरुआत के समय ही कहा था कि विपक्ष अपनी बातों को रचनात्मक तरीके से रख सकता है फिर ऐसे में विपक्ष को अपनी बात क्यों नहीं रखने दी जा रही है.