जम्मू : जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने नई पार्टी बनाने की घोषणा कर दी है. हालांकि, उन्होंने इसका नाम नहीं बताया है. उन्होंने कहा कि नाम का निर्णय जनता करेगी. उन्होंने कहा कि हम अपनी पार्टी का हिंदुस्तानी नाम रखेंगे. उन्होंने कहा कि हम सरकार के सामने फुल स्टेटहुड की मांग रखेंगे. उन्होंने कहा कि जमीन का अधिकार और स्थानीय वासियों को रोजगार मिले, यह हमारी प्राथमिकता होगी. Ghulam Nabi Azad announces new party.
कांग्रेस पार्टी पर हमला करते हुए गुलाम नबी आजाद ने इंदिरा गांधी के समय का एक किस्सा सुनाया. उन्होंने कहा कि बात 19 दिसंबर 1978 की है. यह इंदिरा गांधी की गिरफ्तारी से जुड़ा मामला है. आजाद ने कहा, 'आज जब कांग्रेस के लोग जेल जाते हैं. सुबह बस में ले जाते हैं, उसी वक्त डीजी पुलिस कमिश्नर को फोन करते हैं कि नाम लिख लीजिए और फिर छोड़ दीजिए इसलिए कांग्रेस आगे नहीं बढ़ सकी. जब 20 दिसंबर 1978 को इंदिरा गांधी को पार्लियामेंट से बर्खास्त किया और सीधे तिहाड़ जेल ले गए. मैंने जनरल सेक्रेटरी के नाते 5000 यूथ कांग्रेस का जुलूस निकाला जो दिल्ली के जामा मस्जिद से शुरू होकर संसद के रास्ते बढ़ा, हम सबको गिरफ्तार किया और जेल भेज दिया.'
आजाद ने कहा कि इंदिराजी को एक हफ्ते में छोड़ दिया गया, लेकिन हमें अगले साल जनवरी में छोड़ा गया, क्योंकि वो जमानत चाहते थे हमने जमानत नहीं लिया. सीमेंट का फर्श था, सीमेंट पर सोना था, जनवरी के महीने में एक कंबल बिछाने और आधा ओढ़ने के लिए. खाने के लिए दो चपाती और एक दाल.
आपको बता दें कि आजाद के समर्थन में पूर्व उप मुख्यमंत्री, आठ पूर्व मंत्री, एक पूर्व सांसद, नौ विधायक और बड़ी संख्या में पंचायती राज संस्थान के सदस्यों, नगर निकाय पार्षदों और जमीनी कार्यकर्तओं ने कांग्रेस से नाता तोड़ लिया. जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री आजाद के जम्मू हवाई अड्डे पर पहुंचने पर रविवार को बड़ी संख्या में उनके समर्थकों ने उनका स्वागत किया और फिर एक जुलूस में उन्हें रैली स्थल तक ले गये. आजाद के साथ मंच पर पूर्व उप मुख्यमंत्री तारा चंद, कांग्रेस से उनके समर्थन में इस्तीफा देने वाले कई पूर्व मंत्री एवं विधायक, पूर्व पीडीपी विधायक सैयद बशीर तथा अपनी पार्टी के पूर्व विधायक शोएब नबी लोन उपस्थित थे. आजाद ने इस मौके पर कहा कि उनकी नयी पार्टी जम्मू कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किये जाने, उसके नागरिकों के लिए भूमि और नौकरियों के अधिकार सुरक्षित करने तथा कश्मीरी पंडितों की वापसी एवं पुनर्वास पर ध्यान देगी. आजाद (73) ने कांग्रेस के साथ अपने पांच दशक लंबे संबंध को 26 अगस्त को तोड़ दिया था.