मुंबई: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को राकांपा नेता और पूर्व मंत्री हसन मुश्रीफ (Former Minister Hasan Mushrif) के कार्यालयों और परिसरों पर छापे मारे. इन छापों के बीच शरद पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने कहा कि ये छापे नेताओं परेशान करने की सरकार की रणनीति का हिस्सा थी, विशेष रूप से उन जो इसके खिलाफ बोलते हैं. सूत्रों के मुताबिक, अप्पासाहेब नलवाडे चीनी मिल में कथित 100 करोड़ रुपये के घोटाले के सिलसिले में मुश्रीफ के यहां छापेमारी की जा रही है.
पूर्व मंत्री हसन मुश्रीफ पर भाजपा नेता किरीट सोमैया (BJP leader Kirit Somaiya) ने लगातार भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. उन्होंने पहले दावा किया था कि मुश्रीफ मनी लॉन्ड्रिंग और बेनामी लेनदेन में शामिल थे. सोमैया ने कहा था कि मुश्रीफ और उनके परिवार के नाम पर कई कंपनियां हैं. सोमैया ने आरोप लगाया है कि दस्तावेजों से पता चलता है कि इन कंपनियों का कोलकाता की शेल कंपनियों से लेन-देन है. सोमैया ने कहा कि सभी दस्तावेज ईडी और आयकर विभाग को सौंप दिए गए हैं.
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किरीट सोमैया ने मुश्रीफ की पत्नी और उनके बेटे नवीद से पूछताछ की मांग की थी. आरोप के बाद हसन मुश्रीफ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की और कहा कि किरीट सोमैया द्वारा मुझ पर लगाए गए आरोप गलत हैं. यह स्पष्ट किया गया कि उनके खिलाफ 100 करोड़ के हर्जाने का दावा दायर किया जाएगा. एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि हमने देश में देखा है कि ईडी के 90-95 प्रतिशत छापे विपक्षी दलों के नेताओं पर किए जाते हैं.