रायपुर: छत्तीसगढ़ में चुनावी साल चल रहा है, लेकिन प्रवर्तन निदेशालय ED की छापेमार कार्रवाई थमने का नाम नहीं ले रही है. मंगलवार तड़के सुबह ED ने एक बार फिर दबिश दी है. ईडी की टीम नेताओं के अलावा कई कारोबारियों के घर पहुंची है. महासमुंद विधायक व संसदीय सचिव विनोद सेवन लाल चंद्राकर के घर दो गाड़ियों में सवार होकर ईडी के अफसर पहुंचे हैं. कांग्रेस कोषाध्यक रामगोपाल अग्रवाल के गोरे परिसर, सिविल लाइन स्थित ऑफिस में भी ED की टीम पहुंची है. कुछ कारोबारियों के घर भी ईडी की छापामार कार्रवाई चल रही है. रायपुर समेत बिलासपुर, रायगढ़ और भिलाई में भी ईडी की कार्रवाई की सूचना है.
जमीन कारोबारियों के घर भी ईडी:छत्तीसगढ़ में लंबे समय से ईडी के अफसर जमे हुए हैं. प्रदेश में मनी लॉन्ड्रिंग और कोल ट्रांसपोर्टिंग से जुड़े मामलों को लेकर ईडी कार्रवाई कर रही है. कुछ अफसर और कारोबारी इस मामले में जेल में है. कांग्रेस के कई नेताओं पर भी ईडी की नजर है. इस बार ईडी ने महासमुंद विधायक के अलावा जमीन से जुड़े कारोबारियों के घर भी दबिश दी है. रायपुर के शक्ति नगर में कारोबारी कमल सारडा के घर और जमीन से जुड़े कारोबारी सुरेश बांधे के घर ईडी पहुंची है. दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं.
भिलाई में दीपांशु काबरा के घर ईडी: भिलाई में जनसंपर्क आयुक्त आईपीएस दीपांशु काबरा के घर भी ईडी ने दबिश दी है. भिलाई स्थित उनके निवास में ईडी के अफसर पहुंचे हुए हैं. दीपांशु काबरा के पास परिवहन विभाग में एडिशनल कमिश्नर का प्रभार भी है. दीपांशु काबरा 1997 बैंच के IPS अफसर हैं
ईडी पर भूपेश बघेल का निशाना: छत्तीसगढ़ में ईडी की कार्रवाई को लेकर सीएम भूपेश बघेल ने निशाना साधा है. उन्होंने कहा "आज छत्तीसगढ़ में फिर ईडी आई है. उद्योगपति, व्यापारी, ट्रांसपोर्टर, अधिकारी, नेता, किसान कोई ऐसा नहीं बचा है जिनके घर ईडी का छापा ना पड़ा हो. मध्य प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड में कभी ईडी कार्रवाई नहीं करती, वहां ईडी का ऑफिस ही नहीं है. महाराष्ट्र में जब तक उद्धव ठाकरे की सरकार थी, तब तक ईडी, सीबीआई सक्रिय थी. जैसे ही खरीद फरोख्त हुआ, सरकार बदली, ईडी का वहां कोई काम नहीं रहा. भारतीय जनता पार्टी और केंद्र की सरकार के इशारे पर सब काम हो रहा है. ईडी निष्पक्ष होना चाहिए. अडानी के घर में ईडी छापा नहीं मारती, नान और चिटफंड कंपनी के खिलाफ ईडी कार्रवाई नहीं करती. महादेव एप पर भी कार्रवाई नहीं हो रही. क्योंकि भाजपा शासित राज्यों के नाम उससे जुड़े हैं. "