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ED ने 'बीबीसी इंडिया' के खिलाफ विदेशी फंडिंग में अनियमितता का मामला किया दर्ज

ईडी ने विदेशी मुद्रा विनिमय संबंधी कथित उल्लंघन को लेकर बीबीसी इंडिया के खिलाफ विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत मामला दर्ज किया है. उन्होंने कहा कि संघीय जांच एजेंसी ने फेमा के प्रावधानों के तहत कंपनी के कुछ कार्यकारी अधिकारियों के बयानों की रिकॉर्डिंग और दस्तावेज मांगे हैं. सूत्रों ने बताया कि कंपनी द्वारा कथित प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के उल्लंघन की जांच की जा रही है.

बीबीसी इंडिया
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Published : Apr 13, 2023, 12:32 PM IST

नई दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने विदेशी फंडिंग में अनियमितताओं के लिए विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत बीबीसी इंडिया के खिलाफ मामला दर्ज किया है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि यह कार्रवाई बीबीसी इंडिया द्वारा विदेशी फंडिंग की अनियमितताओं, फंड के डायवर्जन और फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट, 1999 (फेमा) के तहत नियमों के उल्लंघन की जांच के लिए की गई थी. यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब आयकर विभाग ने फरवरी में नई दिल्ली और मुंबई में ब्रिटिश ब्रॉडकास्टर के कार्यालयों में आयकर ने सर्वे चलाया था.

आयकर विभाग के प्रशासनिक निकाय केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने उस समय कहा था कि मीडिया समूह बीबीसी की भारत में संचालित विभिन्न संस्थाओं की तरफ से दिखाए गए आय एवं लाभ के आंकड़े भारत में उनके परिचालन के अनुरूप नहीं हैं और उसकी विदेशी इकाइयों ने विदेश भेजी गई कुछ रकम पर कर का भुगतान नहीं किया है. बीबीसी, भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर तब आया जब उसने एक विवादित डॉक्यूमेंट्री, 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' प्रकाशित की, जिसने भारत सरकार की तीखी आलोचना की और उस पर देश की छवि को धूमिल करने का आरोप लगाया गया.

आयकर विभाग के एक सर्वे के बाद ईडी ने इससे पहले बीबीसी को समन भेजकर मामले की जांच की मांग की थी. बीबीसी के प्रशासनिक और संपादकीय विभागों के एक अधिकारी से यहां ईडी के मुख्यालय में पूछताछ की जा रही है. बता दें कि सरकार ने जनवरी में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म यूट्यूब में वीडियो और ट्विटर पोस्ट के जरिये डॉक्यूमेंट्री के लिंक साझा किये जाने के तुरंत बाद ब्लॉक करने का निर्देश दिया था. 2002 के गुजरात दंगों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका पर सवाल उठाने वाले इस डॉक्यूमेंट्री की भारत सरकार और देश की जनता के कई वर्गों ने व्यापक रूप से आलोचना की. बीबीसी को फर्जी समाचार और प्रचार प्रसार के आरोपों का सामना करना पड़ा और भारत सरकार ने प्रसारक पर देश को अस्थिर करने की कोशिश करने का आरोप लगाया.

(एएनआई-भाषा)

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