नई दिल्ली : वैश्विक अर्थव्यवस्था अगर रफ्तार नहीं पकड़ पाती है तो अगले वित्त वर्ष में भारत की निर्यात वृद्धि सपाट रहने की संभावना है. आर्थिक समीक्षा (Economic Survey 2023) में मंगलवार को यह कहा गया.
समीक्षा में कहा गया कि वैसे तो भारत का व्यापारिक निर्यात 2021-22 में 422 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर को छू गया, लेकिन विश्व अर्थव्यवस्था के समक्ष प्रतिकूल परिस्थितियां हैं और वैश्विक व्यापार में सुस्ती का असर भारत की निर्यात वृद्धि पर पड़ेगा.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, वैश्विक मांग में नरमी के कारण दिसंबर, 2022 में भारत का निर्यात 12.2 प्रतिशत घटकर 34.48 अरब डॉलर रह गया और इसी अवधि के दौरान व्यापार घाटा बढ़कर 23.76 अरब डॉलर हो गया.
चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-दिसंबर अवधि के दौरान देश का कुल निर्यात नौ प्रतिशत बढ़कर 332.76 अरब डॉलर हो गया, जबकि आयात 24.96 फीसदी बढ़कर 551.7 अरब डॉलर हो गया. इस दौरान व्यापार घाटा बढ़कर 218.94 अरब डॉलर हो गया, जो अप्रैल-दिसंबर 2021 में 136.45 अरब डॉलर था.