दुर्ग: दुर्ग में मलकीत सिंह नाम के युवक की मौत का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. परिजनों का आरोप है कि मलकीत सिंह की मौत एक समूह की तरफ से किए गए हमले में हुई है. बीते 15 और 16 सितंबर की दरमियानी रात को मलकीत सिंह की हत्या हुई थी. सोमवार को इस मामले में दुर्ग और भिलाई शहर में बंद बुलाया गया. इस बंद का समर्थन छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स और बीजेपी ने किया है. छत्तीसगढ़ सिख पंचायत द्वारा बुलाए गए बंद के दौरान दोनों शहरों में दोपहर तक व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे.
मलकीत सिंह की हत्या में चार लोगों की गिरफ्तारी (Death Of Malkit Singh In Chhattisgarh): इस मसले पर दुर्ग पुलिस ने कहा है कि मलकीत सिंह की हत्या मामले में कुल चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इसमें एक आरोपी नाबालिग है. पुलिस का कहना है कि मलकीत सिंह की पिटाई का आरोप उसके परिवार वाले लगा रहे हैं. लेकिन अभी तक इस हमले का सटीक कारण सामने नहीं आया है. मृतक व्यक्ति के परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया है कि "जब वह अपने दोस्त के साथ अपने मोबाइल फोन पर फिल्म गदर 2 देख रहा था. तो उसने भारत समर्थक नारे लगाए थे. जिसके बाद उसकी पिटाई की गई. उसके बाद इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई." हालांकि इन आरोपों की जिला प्रशासन ने अभी तक पुष्टि नहीं की है. मामले में जांच जारी है.
"मृतक का शव अभी भी रायपुर के एक अस्पताल में है. क्योंकि उसके परिवार के सदस्यों और समुदाय ने उसकी विधवा के लिए सरकारी नौकरी और 50 लाख रुपये के मुआवजे की मांग की है. जब तक परिवारवालों की मांगें पूरी नहीं होती है तब तक उन्होंने युवक का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया है. सोमवार को बुलाए गए बंद को अच्छी प्रतिक्रिया मिली. क्योंकि समाज के सभी वर्गों ने इस बर्बर घटना के खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज कराते हुए इसका समर्थन किया. दुर्ग भिलाई में लगभग सभी दुकानें और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद रहे. हालांकि, मेडिकल स्टोर, स्कूल और कॉलेज जैसी आवश्यक सेवाओं को बंद के दायरे से बाहर रखा गया था. विरोध जारी रहेगा और मांगें पूरी होने तक पीड़ित का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा": अरविंदर सिंह खुराना, गुरुद्वारा श्री गुरु के अध्यक्ष