नई दिल्ली:न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी और अन्य लंबित मांगों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा 500 जिलों में 'वादाखिलाफी विरोधी सभा' आयोजित करेगा. साथ ही किसान आंदोलन की लंबित मांगों को लेकर 31 जुलाई को देशभर में चक्का जाम करेगा. अग्निपथ योजना के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा 7 अगस्त से 14 अगस्त तक देश भर में 'जय जवान, जय किसान' सम्मेलन आयोजित करेगा. वहीं, आजादी की 75वीं जयंती पर 18, 19, 20 अगस्त को लखीमपुर खीरी में 75 घंटे का मोर्चा होगा.
गाजियाबाद में संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े सभी किसान संगठनों के चुनिंदा प्रतिनिधियों की राष्ट्रीय बैठक में किसान आंदोलन को लेकर तीन महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. संयुक्त किसान मोर्चा ने इस बात पर निराशा व्यक्त की, कि 9 दिसंबर 2021 को मोर्चा उठाने पर सरकार ने किसानों से जो वादे किए थे उन पर केंद्र सरकार पूरी तरह मुकर गई है. ना तो एमएसपी पर कमेटी का गठन हुआ है और ना ही आंदोलन के दौरान किसानों पर लगाए गए मुकदमें वापस लिए गए हैं.
सरकार बिजली बिल को संसद में लाने का प्रयास कर रही है. किसानों की सबसे बड़ी मांग, न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी, पर सरकार विचार करने को भी तैयार नहीं है. सरकार के इस वादाखिलाफी के विरोध में 18 जुलाई को संसद के मानसून सत्र की शुरुआत से 31 जुलाई शहीद उधम सिंह की शहादत दिवस पर देशभर में जिला स्तर पर 'वादाखिलाफी विरोधी सभा' आयोजित की जाएगी.
इस अभियान के अंत में 31 जुलाई को सरदार उधम सिंह के शहादत दिवस पर सुबह 11:00 से दोपहर 3:00 बजे तक देशभर में मुख्य मार्ग पर चक्का जाम किया जाएगा. इस आयोजन से आम जनता को परेशानी ना हो इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा. बैठक में यह फैसला भी लिया गया कि अग्निपथ योजना के विरुद्ध किसान संगठन, बेरोजगार युवाओं और पूर्व सैनिकों को लामबंद करेगा, क्योंकि यह योजना राष्ट्र-विरोधी और युवा-विरोधी होने के साथ-साथ किसान-विरोधी भी है.