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हिमाचल के मंडी में ड्रोन के जरिये मेडिकल कॉलेज पहुंचाए जा रहे सैंपल, वक्त और पैसा दोनों की बचत

हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी का स्वास्थ्य विभाग अब आधुनिक हो गया है. यहां पर मंडी नेरचौक मेडिकल कॉलेज में विभिन्न स्थानों से ब्लड व अन्य सैंपल जांच के लिए ड्रोन के माध्यम से पहुंचाए जा रहे हैं. जिससे विभाग के पैसे और समय दोनों की बचत हो रही है. (Drone used in Mandi for sending Blood Sample) (Nerchowk Medical College)

Nerchowk Medical College
Drone used in Mandi for sending Blood Sample

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Published : Feb 13, 2023, 5:39 PM IST

मंडी का स्वास्थ्य विभाग ड्रोन के माध्यम से नेरचौक मेडिकल कॉलेज पहुंचा रहा ब्लड सैंपल.

मंडी:आधुनिकता और विज्ञान के इस दौर ने मनुष्य के जीवन को बेहद आसान बना दिया है. जिससे लोगों को काफी सुविधा भी मिल रही है. ऐसी ही आधुनिक तकनीक के माध्यम से हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी में स्वास्थ्य के क्षेत्र में तेजी आई है. दरअसल मंडी के नेरचौक स्थित मेडिकल कॉलेज में विभिन्न स्थानों से ब्लड व अन्य सैंपल जांच के लिए ड्रोन के माध्यम से पहुंचाए जा रहे हैं. जिससे समय और पैसे दोनों की बचत हो रही है.

ड्रोन से पैसे और समय की हो रही बचत- सीएमओ मंडी डॉ. देवेंद्र शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि अभी पहले चरण में मंडी जिले के जोगिंद्र नगर, सरकाघाट और जोनल अस्पताल मंडी से नेरचैक मेडिकल काॅलेज के लिए विभिन्न प्रकार के सैंपल ड्रोन के माध्यम से भेजे जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि वे जिले के दूरदराज के इलाकों में भी जरूरी दवाइयां, सैंपल व अन्य एक स्थान से बैठे- बैठे दूसरे स्थान तक भेज और रिसीव कर रहे हैं.

5 स्थानों से नेरचौक मेडिकल कॉलेज में ड्रोन से पहुंच रहे ब्लड सैंपल.

लोगों को होगी सुविधा-हिमाचल एक पहाड़ी राज्य है, जहां दूर दराज के दुर्गम इलाकों में परिवहन सुविधाएं बहुत सीमित हैं. स्थानीय अस्पतालों के पास लैब की सुविधा भी नहीं होती या फिर वहां सीमित टेस्ट होते हैं. ऐसे में बड़े अस्पताल या लैब तक सैंपल पहुंचाने में वक्त और पैसे की बर्बादी होती है. लेकिन ड्रोन से सैंपल भेजना आसान के साथ-साथ किफायती भी है. इससे समय की भी बचत होती है. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक चरणबद्ध तरीके से इस सेवा का विस्तार किया जाएगा. भविष्य में सैंपल के अलावा दवाएं, वैक्सीन या अन्य जरूरी उत्पादों को भी ड्रोन के माध्यम से भेजा जा सकेगा.

ड्रोन का डेढ़ वर्ष पहले भेजा था प्रपोजल-सीएमओ ने कहा कि आने वाले समय में मंडी जिले के करसोग, जंजैहली, बगस्याड़, निहरी व अन्य क्षेत्रों में भी ड्रोन की मदद से जनता तक स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाई जाएगी. देवेंद्र शर्मा के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग द्वारा ड्रोन के इस्तेमाल का प्रपोजल सरकार को करीब डेढ़ वर्ष पहले भेजा गया था. जिसके बाद सरकार ने भी जनहित में इस योजना को मंजूरी दी और इसे आगे बढ़ाया. सरकार ने स्काई एयर और क्रस्ना लैब के साथ करार किया है. जिससे अस्पतालों में लैब की सुविधा मिलती है लेकिन अगर कोई टेस्ट स्थानीय अस्पतालों में नहीं होता है तो इसे ड्रोन के जरिेए बड़े अस्पताल या मेडिकल कॉलेज भेजा जाता है. जिले के दूरदराज के स्थानों में इसका सफल ट्रायल भी किया गया था.

ड्रोन के इस्तेमाल से पैसे और समय दोनों की हो रही बचत.

ड्रोन नीति बनाने वाला पहला राज्य बना था हिमाचल-गौरतलब है कि साल 2022 में हिमाचल सरकार ने ड्रोन नीति बनाई थी. जिसके तहत ड्रोन प्रौद्योगिकी का विकास और युवाओं को उसका प्रशिक्षण देना भी शामिल है. इससे भविष्य में युवाओं के लिए रोजगार के अवसर तो पैदा होंगे, साथ ही वक्त और पैसे की भी बर्बादी नहीं होगी. ड्रोन का इस्तेमाल कृषि, बागवानी से लेकर स्वास्थ्य और कानून या ट्रैफिक व्यवस्था बनाने के लिए किया जा सकता है. हिमाचल ड्रोन नीति बनाने वाला देश का पहला राज्य बना था.

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