नई दिल्ली: ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय (Ministry Of Civil Aviation) के ड्राफ्ट ड्रोन नियम 2021 (Draft Drone Rules 2021) का स्वागत किया है. कहा कि ये नियम भारतीय ड्रोन उद्योग के विकास के लिए महत्वपूर्ण होगा.
ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया के निदेशक स्मित शाह ने कहा कि जम्मू में हाल की ड्रोन घटनाओं (Drone Attack In Jammu) के बाद भी ड्रोन नीति को नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने उदार बनाने का हाल ही में निर्णय लिया. इससे साफ है कि सरकार ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा देना चाहती है. इससे ये भी तय है कि नकली ड्रोन द्वारा उत्पन्न खतरे को दूर करने के लिए काउंटर-ड्रोन तकनीक के विकास पर ध्यान केंद्रित होगा.
बताते चलें कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) ने गुरुवार को सार्वजनिक परामर्श के लिए अद्यतन ड्रोन नियम, 2021 जारी किया. ड्राफ्ट ड्रोन नियम 2021 को जब अंतिम रूप दिया जाएगा तो ये वर्तमान में प्रभावी मानव रहित विमान प्रणाली (यूएएस) नियम 2021 का स्थान लेगा. इसके तहत सार्वजनिक टिप्पणियों को प्राप्ति करने की अंतिम तिथि 5 अगस्त, 2021 है.
ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया ने कहा कि यह देखना उत्साहजनक है कि देश की सुरक्षा और सुरक्षा चिंताओं को संबोधित करते हुए ड्रोन तकनीक से होने वाले आर्थिक लाभों को समझने के साथ ही संतुलित दृष्टिकोण के साथ नियम बनाए गए हैं. विश्वास, स्व-प्रमाणन और गैर-घुसपैठ निगरानी के आधार पर निर्मित ये नियम भारतीय ड्रोन उद्योग के विकास के लिए महत्वपूर्ण होंगे. साथ ही विभिन्न उद्योगों में ड्रोन को अपनाने में वृद्धि को सक्षम करेंगे.
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आरव अनमैन्ड सिस्टम्स के सह-संस्थापक और सीईओ विपुल सिंह ने कहा कि यह नियम ड्रोन उद्योग और बड़े पैमाने पर देश के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है. ये नए नियम भारत में ड्रोन पारिस्थितिकी तंत्र के विकास को सकारात्मक रूप से बढ़ावा देने जा रहे हैं और नवाचार, अनुकूलन, निवेश और नौकरियों में भी वृद्धि होगी. कहा कि विशेष रूप से, मसौदा नियमों ने विभिन्न अनुमोदनों की आवश्यकता को समाप्त कर दिया है.
इस नियम के तहत अनुरूपता का प्रमाण पत्र, रखरखाव, आयात मंजूरी, मौजूदा ड्रोन की स्वीकृति, ऑपरेटर परमिट, आर एंड डी संगठन का प्राधिकरण और छात्र दूरस्थ पायलट लाइसेंसों के मिलने में आसानी होगी. मसौदा नियमों में कहा गया है कि किसी भी उड़ान की अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी. हालांकि, ड्रोन नियम 2021 के तहत ड्रोन का कवरेज 300 किलोग्राम से बढ़ाकर 500 किलोग्राम कर दिया गया है.