नई दिल्ली :भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) ने सोमवार को उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों द्वारा प्रौद्योगिकी पर प्रतिबंध लगाने और तकनीकी बुनियादी ढांचे के उन्नयन के लिए आवंटित सरकार के धन का उपयोग नहीं करने पर निराशा व्यक्त की. सीजेआई ने कहा कि वह कुछ मुख्य न्यायाधीशों से 'काफी परेशान' (deeply disturbed) हैं.
सीजेआई ने कहा कि 'यह सबसे ज्यादा परेशान करने वाली बात है कि उच्च न्यायालयों के कुछ मुख्य न्यायाधीश वर्चुअल सुनवाई के लिए स्थापित तकनीक को खत्म कर रहे हैं. यह जनता के पैसे के साथ डील करने का तरीका नहीं है. ऐसा नहीं है कि आप टेक्नोलॉजी फ्रेंडली हैं या नहीं, लेकिन आप उनको बुनियादी ढांचे से दूर नहीं कर सकते.'
उन्होंने कहा कि एक कारण जो न्यायाधीश देते हैं वह यह है कि अगर वे अदालतों में पेश हो सकते हैं तो वकील भी कर सकते हैं लेकिन जिन शर्तों के तहत एक न्यायाधीश को काम के लिए पेश होना पड़ता है और जिन शर्तों के तहत एक वकील पेश होता है वे पूरी तरह से अलग होते हैं. उन्होंने कहा कि अदालतों को एक-एक अधिवक्ता तक पहुंचना है, सरकार द्वारा दिए गए पैसे का सदुपयोग करना है.
सीजेआई ने कहा कि प्रौद्योगिकी केवल महामारी के लिए नहीं थी, यह यहां हमेशा के लिए रहने वाली है. उन्होंने कहा कि मोबाइल फोन की तरह, जिसका इस्तेमाल आजकल हर कोई करता है, कोर्ट की तकनीक का इस्तेमाल करने की जरूरत है. सुप्रीम कोर्ट यह सुनिश्चित करेगा कि हर कोई एक ही लाइन पर खड़ा हो, इसे पसंद करने या न करने का कोई सवाल ही नहीं है.