नई दिल्ली : लोक सभा में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अनुदान मांगों पर चर्चा (discussion and voting on demands for grants under morth) की गई. यूनियन बजट 2022 के तहत सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को किए गए आवंटन के अतिरिक्त वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अनुदान मांगों पर चर्चा की गई. कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों ने सड़क सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने और दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने की दिशा में ठोस कदम उठाने की लोकसभा में मांग की.
लोक सभा में सोमवार को चर्चा की शुरुआत आंध्र प्रदेश की राजमुंद्री सीट से निर्वाचित वाईएसआर कांग्रेस सांसद भरत राम मार्गनी ने की. उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण में हो रही देरी और कई क्षेत्रों को जोड़ने वाली सड़कों को लेकर केंद्र सरकार से उसका रूख पूछा.
वाईएसआर कांग्रेस सांसद के बाद उत्तर प्रदेश की मुरादाबाद लोक सभा सीट से निर्वाचित समाजवादी पार्टी के सांसद एसटी हसन ने अपने लोक सभा क्षेत्र में एक्सप्रेसवे निर्माण पर खुशी जाहिर की. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि एक्सप्रेसवे के अलावा भी कई इलाकों में सड़कों का निर्माण तेज करने की जरूरत है. एसटी हसन ने मुरादाबाद से गुजरने वाले कुछ राजमार्गों के अधूर पड़े कामों का उल्लेख करते हुए कहा कि सड़क परिवहन मंत्रालय को इस पर ध्यान देना चाहिए.
महाराष्ट्र की रायगड लोक सभा सीट से निर्वाचित राकांपा सांसद सुनील दत्तात्रेय तटकरे ने भी चर्चा में भाग लिया. उन्होंने रायगड जिले के लिए नेशनल हाईवे परियोजना की घोषणा की गई थी, लेकिन आज तक यह प्रोजेक्ट शुरू नहीं हुआ है. रास्ते पर बने 80-100 साल पुराने पुलों की जर्जर स्थिति का भी जिक्र किया. उन्होंने मालेगांव में प्राथमिकता के आधार पर बाईपास बनवाने की मांग भी की.
इसके बाद बिहार की जहानाबाद लोक सभा सीट से निर्वाचित जेडीयू सांसद चंद्रशेखर प्रसाद सिंह ने अपनी बातें रखीं. उन्होंने कहा कि उनके इलाके में बनने वाली सड़कों के लिए वे अपने संसदीय क्षेत्र की जनता की ओर से सरकार का आभार प्रकट करते हैं. सड़क हादसों की बढ़ती संख्या पर चिंता जताते हुए जदयू सांसद चंद्रशेखर ने कहा कि तमाम कदम उठाने के बावजूद सड़क हादसों में कमी नहीं आ रही है. उन्होंने कहा कि मंत्रालय को दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ज्यादा कारगर कदम उठाने चाहिए.
उन्होंने कहा कि शराब पीकर गाड़ी चलाना, वाहन चलाते समय मोबाइल का प्रयोग और सड़कों में गड्ढों के कारण बड़ी संख्या में दुर्घटनाएं हो रही हैं. उन्होंने कहा कि एक साल में करीब 1.50 लाख लोगों की मौत हादसों के कारण हो जाती है. उन्होंने परियोजना में क्वालिटी कंट्रोल की जरूरत पर बल दिया. उन्होंने कहा कि सड़क से संबंधित अनेक परियोजनाओं के पूरा होने में आर्थिक पहलू भी संवेदनशील है. उन्होंने कहा कि केंद्र से राज्यों को आवंटित होने वाले फंड जल्दी मिलने पर प्रोजेक्ट तेजी से पूरे किए जा सकते हैं.
चंद्रशेखर प्रसाद के बाद तमिलनाडु की अरनी लोक सभा सीट से निर्वाचित कांग्रेस सांसद डॉ एमके विष्णु प्रसाद ने कहा कि सरकार को अनुदान मांगों पर चर्चा करनी चाहिए, लेकिन पैसों के आवंटन से पहले सरकार को स्पष्ट रूप से बताना चाहिए कि किस परियोजना के लिए कितनी राशि का आवंटन किया जाना है. एमके विष्णु प्रसाद ने कहा कि पूर्व की कांग्रेस सरकारों ने सड़क निर्माण में जो काम किया था, उस कारण आज सड़कों के मामले में भारत दुनिया में नंबर दो पर है.
उन्होंने कहा कि सड़कों की गुणवत्ता में जर्मनी नंबर एक है, लेकिन भारत का 44वां स्थान है. सरकार सड़कों की गुणवत्ता पर पूरा ध्यान नहीं दे रही है. प्रसाद ने कहा, 'सड़क सुरक्षा पर आवंटित बजट का करीब दो प्रतिशत ही खर्च हो रहा है, जबकि अमेरिका में बजट का छह फीसदी खर्च होता है.' उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि सड़क सुरक्षा पर उसे गंभीरता से ध्यान देना चाहिए.
इसके बाद अरुणाचल प्रदेश के भाजपा सांसद तापिर गाओ ने अपनी बातें रखीं. उन्होंने कहा कि केंद्रीय राज्यमंत्री जनरल (रिटायर्ड) वीके सिंह की मौजूदगी के कारण उन्हें विशेष खुशी है. उन्होंने कहा कि सेना से जुड़े होने के कारण अच्छी सड़कों की जरूरत वीके सिंह अच्छी तरह समझते हैं. उन्होंने कहा कि गडकरी के कार्यकाल में देशभर में सड़कों का जाल बिछाने में सफलता मिली है.