हरिद्वार:सोमवती अमावस्या का हिन्दू धर्म में खास महत्व है. सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना करने का विधान है. माना जाता है कि इस दिन गंगा स्नान और दान पुण्य करने से सारे मनोरथ पूरे होते हैं. वहीं धर्मनगरी हरिद्वार में सोमवती अमावस्या को लेकर गंगा घाटों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई. श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान के बाद पूजा-अर्चना कर सुख समृद्धि की कामना की. हरिद्वार में सोमवती अमावस्या के मौके पर साढ़े 7 लाख श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई है.
Somvati Amavasya 2023: हरिद्वार में साढ़े 7 लाख श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई आस्था की डुबकी
सोमवती अमावस्या पर हरिद्वार में गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. हरिद्वार में गंगा स्नान करने के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से पहुंचे. जिन्होंने पूजा कर दान पुण्य किया. हरिद्वार में सोमवती अमावस्या के मौके पर साढ़े 7 लाख श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई है.
हरिद्वार गंगा घाटों पर दिखी भीड़:हरिद्वार में सुबह से ही श्रद्धालुओं का रेला गंगा घाटों पर देखने को मिला. सबसे ज्यादा हर की पैड़ी क्षेत्र में श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली. श्रद्धालुओं ने पुरोहितों से पूजा कराकर दान पुण्य किया. पंडित मनोज त्रिपाठी का कहना है सोमवती अमावस्या का व्रत रखने से जीवन के सारे कष्ट दूर होते हैं और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है. इसलिए श्रद्धालु साल भर इस पर्व का बेसब्री से इंतजार करते हैं. पर्व पर पितरों की भी पूजा का विधान है, कहा जाता है कि इस दिन पितरों की पूजा करने से उनका आशीर्वाद सदा बना रहता है. इस दिन गंगा स्नान और दान करने से व्रत का फल कई गुना बढ़ जाता है. साल में अमूमन सोमवती अमावस्या एक या दो बार पड़ती है, जिसमें गंगा स्नान का खास महत्व बताया गया है.
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सोमवती अमावस्या पर ऐसे करें उपासना: सोमवती अमावस्या पर स्नान करें और सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए. साथ ही पर्व पर सच्चे मन से गायत्री मंत्र का पाठ करना शुभ माना जाता है. जिसके बाद उपासकों को भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए। वहीं महिलाएं पीपल के पेड़ की पूजा भी करती है. क्योंकि हिंदू धर्म में पीपल के पेड़ का खास महिमा का वर्णन मिलता है. सोमवती अमावस्या पर पितरों की पूजा करने का भी विधान है. इस दिन पितरों की पूजा करने से उनका आशीर्वाद मिलता है.