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उत्तराखंड में बादलफाड़ मुसीबत, सड़क से लेकर कस्बे तक डूबे, कहीं मकान ढहे तो कहीं गाड़ियां बहीं

उत्तराखंड में बारिश ने जमकर कहर बरपाया है. बारिश, भूस्खलन और बादल फटने के कारण अब तक 3 मौतें हो चुकी हैं, जबकि 12 लोग घायल हुए हैं. इन घटनाओं में 13 लोग लापता बताए जा रहे हैं. एसडीआरएफ की टीमें लापता लोगों की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है. वहीं, सीएम धामी ने राज्य आपदा प्रबंधन विभाग और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को देहरादून सहित गढ़वाल संभाग में भारी बारिश के बाद हुई तबाही को देखते हुए अलर्ट मोड पर रहने का आदेश दिया है.

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उत्तराखंड में बादलफाड़ मुसीबत

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Published : Aug 20, 2022, 5:22 PM IST

Updated : Aug 20, 2022, 8:12 PM IST

उत्तराखंड: प्रदेश में देर रात से हो रही बारिश के कारण जन जीवन बुरी तरह अस्त व्यस्त हो गया है. जगह जगह तेज बारिश, बादल फटने से आयी आपदा की वजह से कई जगह जनहानि की सूचनाएं आ रही हैं. अब तक 13 लोगों के लापता होने की खबर है. SDRF ने रेस्क्यू के दौरान दो शव बरामद किए हैं. देहरादून कंट्रोल रूम से लगातार ड्रोन के माध्यम से नुकसान का जायजा लिया जा रहा है. वहीं, सीएम धामी ने राज्य आपदा प्रबंधन विभाग और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को देहरादून सहित गढ़वाल संभाग में भारी बारिश के बाद हुई तबाही को देखते हुए अलर्ट मोड पर रहने का आदेश दिया है.

देहरादून में कल से ही मूसलाधार बारिश हो रही है. बारिश की वजह से हजारों लोगों पर असर पड़ा है. बताया जा रहा है कि कई जगहों पर बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं. अचानक रिहायशी इलाकों में पानी घुस गया है. लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है. देहरादून के पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश का असर अब मैदानी इलाकों में दिखने लगा है. भारी बारिश के बाद कई नदियां ऊफान पर हैं. इससे बाढ़ की स्थिति भी बनी हुई है. कई जगहों पर सड़कें टूटने और घरों पानी घुसने की बात सामने आई है.

उत्तराखंड में बादलफाड़ मुसीबत

दून से सटे पहाड़ी इलाकों में आफत: डीजीपी अशोक कुमार के मुताबिक अधिकांश आपदा से हताहत और सड़क सहित अन्य भारी नुकसान की सूचनाएं टिहरी, मालदेवता, मसूरी, धनौल्टी, यमकेश्वर से आ रही हैं .कई रास्ते जनपद मुख्यालय से कट चुके हैं. राहत बचाव और खाद्य सामग्री के लिए ऑपरेशन एसडीआरएफ स्थानीय प्रशासन की मदद से लगातार किया जा रहा है.

13 लापता लोगों ढूंढना पहली पहली प्राथमिकता:डीजीपी अशोक कुमार के मुताबिक सबसे अधिक टिहरी गढ़वाल के मालदा, मालदेवता, धनौल्टी, ग्वाल जैसे क्षेत्रों में ये घटनाएं हुई हैं. यहां कई गांव में तबाही मची है. जहां पर लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन संचालित हैं. इन इलाकों में जनहानि मकान टूटने और पशु हानि भी काफी हुई है. यमकेश्वर में लैंडस्लाइडिंग की वजह से एक व्यक्ति के दबने सूचना है. टिहरी जनपद के कई मुख्य मार्ग बुरी तरह टूट चुके हैं.

उत्तराखंड में बादलफाड़ मुसीबत

तोता घाटी, देवप्रयाग के रास्ते नुकसान के कारण बंद हो चुके हैं. वहीं, चंबा का रास्ता टूटने की वजह से देहरादून और टिहरी की तरफ आने वाले आवाजाही को मसूरी की तरफ से डायवर्ट किया गया. अभी तक 2 शवों के बरामद की के अलावा 13 लोग लापता बताए जा रहे हैं. दुर्घटनाग्रस्त लोगों को उपचार के लिए अस्पतालों में पहुंचाया जा रहा है. डीजीपी ने कहा बचाव टीमें लापता लोगों की तलाश में जुटीं हैं.

एक्शन में SDRF कंट्रोल रूम:एसडीआरएफ कमांडेंट मणिकांत मिश्रा के मुताबिक टिहरी, मालदेवता, मसूरी जैसे इलाकों में बादल फटने के कारण मची तबाही की पहली सूचना देर रात 2:18 पर SDRF कंट्रोल रूम को प्राप्त हुई. उसके तत्काल बाद से अलग-अलग स्थानों में टीमें रवाना कर लगातार रेस्क्यू अभियान लगातार जारी है.. मसूरी के धनौल्टी ग्वाल में भवन दबने से 7 लोगों की दबने की सूचना में कार्रवाई करते हुए दो के शव बरामद कर लिए गए हैं. मलबे में दबे अन्य लोगों की तलाश की जा रही है.

मणिकांत मिश्रा ने संभाला मोर्चा: सेनानायक SDRF मणिकांत मिश्रा ने ऐसे नाजुक मौके पर मोर्चा संभाला हुआ है. वे खुद आपदा से सबसे ज़्यादा प्रभावित क्षेत्र में मालदेवता में रेस्क्यू आपरेशन की कमान संभाले हुए हैं. वहीं, दूसरी और उन्होंने वाहिनी मुख्यालय के सभी अधिकारी और कर्मचारियों के साथ-साथ SDRF कंट्रोल रूम को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है.

टपकेश्वर महादेव मंदिर को नुकसान.

SDRF इन जगहों पर चला रही रेस्क्यू ऑपरेशन

  1. जनपद देहरादून में ग्राम सरखेत रायपुर में बादल फटने की सूचना पर SDRF टीम रात्रि से ही रेस्क्यू ऑपेरशन चला रही है. सरखेत ग्राम से 40 से अधिक लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है. SDRF टीम का आपदा राहत बचाव कार्य अभी जारी है.
  2. जनपद देहरादून, थानों-रायपुर रोड के बीच में पुल टूटने से एक व्यक्ति के फंसे होने की सूचना पर एसडीआरएफ टीम द्वारा तत्काल घटनास्थल पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया. घटनास्थल पर फंसे हुए एक वाहन में पांच व्यक्तियों को सकुशल रेस्क्यू किया. जिसमे एक गर्भवती महिला को रेस्क्यू कर जौलीग्रांट अस्पताल भिजवाया गया.
  3. जनपद पौड़ी, यम्केश्वर ब्लॉक अवी गांव में नदी आने के कारण एक परिवार के फंसे होने की सूचना पर SDRF टीम द्वारा घटनास्थल के लिये रवाना हुई. मलबा आने के कारण मार्ग बाधित है.
  4. जनपद पिथौरागढ़ में मल्लिकार्जुन स्कूल के पास घरों में मलबा आने की सूचना पर एसडीआरएफ टीम तत्काल घटनास्थल पर पहुंची. जहां गौशाला की दीवार टूटने से एक गाय घायल हो गयी. एक बकरी दब गई थी.

टपकेश्वर महादेव मंदिर को नुकसान: देहरादून के प्रसिद्ध टपकेश्वर मंदिर से लगकर बहने वाली तमसा नदी भारी बारिश से उफान पर है. पानी के तेज बहाव के चलते रात 4:30 बजे टपकेश्वर में तमसा नदी के उस पार मौजूद संतोषी माता मंदिर में जाने वाला लोहे का पुल पूरी तरह से क्षतिग्रस्त होकर बह गया. जिसकी वजह से जहां एक तरफ संतोषी माता मंदिर में जाने वाला मार्ग बंद हो गया, इसके अलावा टपकेश्वर में लगी बड़ी हनुमान जी की मूर्ति के आसपास मौजूद सभी छोटी मूर्तियां पानी में बह गईं. इसके अलावा संतोषी माता मंदिर के बगल में मौजूद मां वैष्णो देवी गुफा मंदिर को भी नुकसान हुआ है और मंदिर के पुजारी आचार्य विपिन जोशी का कहना है कि लगातार कल से हो रही बारिश के चलते मंदिर परिसर में काफी नुकसान हुआ है. उनका कहना है कि वर्ष 2013 के बाद पहली दफा इस तरह का मंजर टपकेश्वर में देखने को मिल रहा है.

उत्तराखंड में बादलफाड़ मुसीबत.

सरखेत में एसएसपी ने संभाला मोर्चा: थाना रायपुर क्षेत्र के सरखेत में बादल फटने की घटना पर एसएसपी सुबह खुद मौके पर पहुंचे. जिसके बाद उन्होंने स्वयं राहत और बचाव कार्यों की कमान संभाली. साथ ही उन्होंने सभी राजपत्रित अधिकारियों, थाना प्रभारी और चौकी प्रभारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों पर स्वयं मौजूद रहते हुए किसी भी सूचना पर तत्काल रिस्पांस करने के निर्देश दिए.

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रुद्रप्रयाग में भी आफत की बारिश: रुद्रप्रयाग जिले में देर रात हुई मूसलाधार बारिश के कारण 25 लिंक मार्ग बंद पड़े हुए हैं. इन मोटरमार्गों पर भारी भूस्खलन हुआ है. जिस कारण यहां आवाजाही बंद हो गई है. इनमें तीन राज्य मार्ग भी शामिल हैं. इसके अलावा केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग के तहसील के पास और बांसबाड़ा में ऊपरी पहाड़ी से भूस्खलन होने के चलते लोगों को आवागमन में भारी परेशानी हो रही है. वहीं, बदरीनाथ हाईवे के नरकोटा और सिरोबगड़ में भी ऊपरी पहाड़ी से भूस्खलन होने के चलते घंटों आवाजाही ठप रही.

देहरादून सरखेत के पास बादल फटा

डीएम मयूर दीक्षित ने कहा जिले में 20 से ज्यादा लिंक व राज्य मार्ग बंद पड़े हैं. तीन लिंक मार्गो पर ज्यादा भूस्खलन के चलते खोलने में समय लग सकता है, जबकि अन्य मोटरमार्गों को जल्द खोल दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि लिंक मार्गो को खोलने के लिए विभागीय मशीनें तैनात हैं.

नैनीताल जिले में भी कई सड़कें हुई बंद:नैनीताल जिले में तीन राज्य मार्ग, एक प्रमुख जिला मार्ग और 11 ग्रामीण सड़कें बाधित हो गईं हैं. कुमाऊं मंडल के बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिले में काफी सड़कों के बंद होने की सूचना है. कुमाऊं में नदियों का जलस्तर बढ़ने की भी सूचना है. हल्द्वानी में गौला नदी का जलस्तर 1807 क्यूसेक और कोसी नदी का जलस्तर 5900 क्यूसेक के आसपास पहुंच गया है. कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने सभी जिला अधिकारियों को आपदा के लिहाज से अलर्ट रहने और बंद पड़ी सड़कों को जल्द से जल्द खोलने के निर्देश दिये हैं.

पौड़ी में बारिश से हाहाकार: देर रात से हो रही है बारिश के कारण उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों का जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हो गया है. आलम ये है कि नेशनल हाईवे 58 ऋषिकेश से देवप्रयाग के बीच पांच जगहों पर बाधित हो गया है. मजबूरन प्रशासन को श्रीनगर ओर ऋषिकेश से आने जाने वाले वाहनों को दूसरे मार्गों की तरफ डाइवर्ट करना पड़ा है. नेशनल हाईवे कल देर रात 11 बजे से बंद है. मार्ग को लोक निर्माण विभाग खोलने की कोशिश में जुटा हुआ है.

टिहरी जिले के धनौल्टी क्षेत्र के ग्वाड़ में भवन मलवे में दब गया. मलबे में 7 लोग दब गए. दो लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. इसके साथ ही चमोली ओर रुद्रप्रयाग जनपदों में हो रही बारिश के कारण अलकनंदा नदी के जलस्तर पर भी असर पड़ा है. जलस्तर सामान्य दिनों की तुलना में तेजी के साथ बढ़ रहा है. इससे नदी के आसपास और किनारे रहने वालों लोगों को खतरा पैदा हो गया है.

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देवप्रयाग थाने से मिली जानकारी के मुताबिक नेशनल हाईवे 58 ऋषिकेश और देवप्रयाग के बीच पांच जगहों पर बंद है. मार्ग तीनधारा, रोलीधार, तोताघाटी, सोड पानी, और बछेलिखाल के समीप बंद हो गया है. इन सभी जगहों पर पहाड़ी से भारी बोल्डर आकर नेशनल हाईवे पर गिर गए हैं. इस कारण गढ़वाल की ये लाइफ लाइन बंद हो गयी है. ये हाईवे टिहरी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों को जोड़ता है. कर्णप्रयाग से यही हाईवे कुमाऊं के अल्मोड़ा और बागेश्वर जिलों को जोड़ता है.

देवप्रयाग थाना प्रभारी एसएचओ देवराज शर्मा ने बताया कि मार्ग कल देर रात्रि 11 बजे से बंद है. इस कारण श्रीनगर से आने वाले वाहनों को मलेथा टिहरी चंबा होते हुए ऋषिकेश भेजा जा रहा है. टिहरी से आने वाले वाहनों को नरेंद्रनगर, चम्बा, टिहरी और मलेथा से श्रीनगर की तरफ भेजा जा रहा है. उन्होंने बताया कि मार्ग को खोलने के पूरे प्रयास किये जा रहे हैं.
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यमकेश्वर में बादल फटने से महिला की मौत:पौड़ी जिले में शनिवार तड़के हुई बारिश यमकेश्वर तहसील के लिए आफत बनकर टूट पड़ी. बदल फटने से यमकेश्वर तहसील में तीन गांवों में जनजीवन प्रभावित हो गया है. कई गांवों में लोगों के घर जमींदोज हो गए हैं. एक महिला की मलबे में दबकर मौत हो गयी है. वहीं ग्रामीणों के कई मवेशियों के बह जाने का भी अंदेशा है.

पौड़ी के जिला आपदा प्रबंधन केंद्र के अनुसार यमकेश्वर तहसील क्षेत्र के अंतर्गत तड़के साढ़े 3 बजे बादल फटने से भारी तबाही हो गयी है. बताया जा रहा है कि तहसील के ग्राम बिनक में भवन के क्षतिग्रस्त होने से 70 वर्षीय महिला की मौत हो गयी. वहीं डिवोगी निवासी धर्म सिंह की दुकान क्षतिग्रस्त हो गई है. गौशाला ढह गई है. गौशाला में बंधे मवेशी भी बह गए. ग्राम आवई, उदयपुर मल्ला व ग्राम पम्बा वल्ला में एक एक आवासीय भवन बारिश से जमींदोज हो गये हैं. गनीमत रही कि समय रहते सभी वाशिंदे सही सलामत सुरक्षित जगह पहुंच गए.

वहीं जिलाधिकारी डॉ विजय कुमार जोगदंडे ने जनपद आपदा कंट्रोल रूम तथा संबंधित विभागीय अधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश जारी किए हैं. साथ ही स्थानीय स्तर पर संबंधित विभागों को तत्काल प्रभावित स्थलों का मौका मुआयना करने को कहा है. इसके साथ ही प्राथमिक रेस्क्यू की कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए हैं. तहसील प्रशासन और संबंधित विभागों द्वारा प्रभावित स्थानों पर लोगों की मदद को कहा गया है. डीएम ने एसडीआरएफ की टीमें भी मौके पर रवाना कर दी हैं.

टिहरी के नैलचामी में अतिवृष्टि: देर रात्रि को हुई बारिश ने उत्तराखंड के कई क्षेत्रों में तबाही मचाई है. जनपद टिहरी के नैलचामी क्षेत्र में भी मूसलाधार बारिश ने लोगों की मुसीबतें बढ़ा दी हैं. ग्रामीण आनंद बिष्ट और कपिल बडोनी ने बताया कि नैलचामी के मंदार गांव के ऊपरी क्षेत्र में अतिवृष्टि होने से गनाबांज गदेरे में पानी का अत्यधिक बहाव आया है. इससे सड़क मार्ग पर मलवा आ गया है और यातायात बाधित हो गया है. पेयजल लाइन भी ध्वस्त हो गई है. अन्य किसी प्रकार के नुकसान की कोई खबर नहीं है. नैलचामा गाड़ का जलस्तर काफी बढ़ा हुआ है.

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जाखन नदी में बाढ़: देर रात से हो रही मूसलाधार बारिश के चलते नदियां ओर बरसाती नाले उफान पर हैं. सौंग, सुसुआ और जाखन नदियों का जल स्तर बढ़ गया है. जिससे नदी के किनारे रहने वाले लोगों को खतरा पैदा हो गया है. डोईवाला में सौंग नदी के किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया है. वही सुसुआ नदी के किनारे रहने वाले लोग भी दहशत में हैं. जाखन नदी में तेज बहाव का पानी आने से रानीपोखरी का वैकल्पिक मार्ग बह गया है. जिससे बड़े वाहनों को लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है. छोटे वाहनों को नव निर्मित पुल से निकाला जा रहा है.

रायपुर क्षेत्र में मूसलाधार बारिश होने से कई गांवों में पानी घुसने की खबर है. थानों क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता सुधीर जोशी ने बताया कि पहाड़ी क्षेत्रों में अधिक बारिश होने से कई गांव जलमग्न हो गए हैं जन जीवन भी अस्त व्यस्त हो गया है. उप प्रधान विशाल तोमर ने बताया कि रानीपोखरी का महादेव नाला उफान पर है. हर साल यह नाला तबाही लेकर आता है. इस नाले का सारा पानी लोगों के घरों में घुसता है. लेकिन अभी तक समाधान के कोई उपाय नहीं किये गए हैं.
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रानीपोखरी के चौकी प्रभारी शिशुपाल राणा ने बताया कि रानीपोखरी पुल के नीचे के वैकल्पिक मार्ग में पानी आ जाने की वजह से बड़े वाहनों के लिए मार्ग बंद कर दिया गया है. छोटे वाहनों को नए पुल से भेजा जा रहा है. वहीं रायपुर क्षेत्र में सोडा सरोली पुल पर सड़क का एक हिस्सा बह गया है. रानीपोखरी के ग्राम प्रधान सुधीर रतूड़ी ने बताया कि अगर आज भी ऐसी ही मूसलाधार बारिश होती रही तो क्षेत्र में भारी नुकसान हो सकता है.

Last Updated : Aug 20, 2022, 8:12 PM IST

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