उत्तराखंड: प्रदेश में देर रात से हो रही बारिश के कारण जन जीवन बुरी तरह अस्त व्यस्त हो गया है. जगह जगह तेज बारिश, बादल फटने से आयी आपदा की वजह से कई जगह जनहानि की सूचनाएं आ रही हैं. अब तक 13 लोगों के लापता होने की खबर है. SDRF ने रेस्क्यू के दौरान दो शव बरामद किए हैं. देहरादून कंट्रोल रूम से लगातार ड्रोन के माध्यम से नुकसान का जायजा लिया जा रहा है. वहीं, सीएम धामी ने राज्य आपदा प्रबंधन विभाग और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को देहरादून सहित गढ़वाल संभाग में भारी बारिश के बाद हुई तबाही को देखते हुए अलर्ट मोड पर रहने का आदेश दिया है.
देहरादून में कल से ही मूसलाधार बारिश हो रही है. बारिश की वजह से हजारों लोगों पर असर पड़ा है. बताया जा रहा है कि कई जगहों पर बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं. अचानक रिहायशी इलाकों में पानी घुस गया है. लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है. देहरादून के पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश का असर अब मैदानी इलाकों में दिखने लगा है. भारी बारिश के बाद कई नदियां ऊफान पर हैं. इससे बाढ़ की स्थिति भी बनी हुई है. कई जगहों पर सड़कें टूटने और घरों पानी घुसने की बात सामने आई है.
दून से सटे पहाड़ी इलाकों में आफत: डीजीपी अशोक कुमार के मुताबिक अधिकांश आपदा से हताहत और सड़क सहित अन्य भारी नुकसान की सूचनाएं टिहरी, मालदेवता, मसूरी, धनौल्टी, यमकेश्वर से आ रही हैं .कई रास्ते जनपद मुख्यालय से कट चुके हैं. राहत बचाव और खाद्य सामग्री के लिए ऑपरेशन एसडीआरएफ स्थानीय प्रशासन की मदद से लगातार किया जा रहा है.
13 लापता लोगों ढूंढना पहली पहली प्राथमिकता:डीजीपी अशोक कुमार के मुताबिक सबसे अधिक टिहरी गढ़वाल के मालदा, मालदेवता, धनौल्टी, ग्वाल जैसे क्षेत्रों में ये घटनाएं हुई हैं. यहां कई गांव में तबाही मची है. जहां पर लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन संचालित हैं. इन इलाकों में जनहानि मकान टूटने और पशु हानि भी काफी हुई है. यमकेश्वर में लैंडस्लाइडिंग की वजह से एक व्यक्ति के दबने सूचना है. टिहरी जनपद के कई मुख्य मार्ग बुरी तरह टूट चुके हैं.
तोता घाटी, देवप्रयाग के रास्ते नुकसान के कारण बंद हो चुके हैं. वहीं, चंबा का रास्ता टूटने की वजह से देहरादून और टिहरी की तरफ आने वाले आवाजाही को मसूरी की तरफ से डायवर्ट किया गया. अभी तक 2 शवों के बरामद की के अलावा 13 लोग लापता बताए जा रहे हैं. दुर्घटनाग्रस्त लोगों को उपचार के लिए अस्पतालों में पहुंचाया जा रहा है. डीजीपी ने कहा बचाव टीमें लापता लोगों की तलाश में जुटीं हैं.
एक्शन में SDRF कंट्रोल रूम:एसडीआरएफ कमांडेंट मणिकांत मिश्रा के मुताबिक टिहरी, मालदेवता, मसूरी जैसे इलाकों में बादल फटने के कारण मची तबाही की पहली सूचना देर रात 2:18 पर SDRF कंट्रोल रूम को प्राप्त हुई. उसके तत्काल बाद से अलग-अलग स्थानों में टीमें रवाना कर लगातार रेस्क्यू अभियान लगातार जारी है.. मसूरी के धनौल्टी ग्वाल में भवन दबने से 7 लोगों की दबने की सूचना में कार्रवाई करते हुए दो के शव बरामद कर लिए गए हैं. मलबे में दबे अन्य लोगों की तलाश की जा रही है.
मणिकांत मिश्रा ने संभाला मोर्चा: सेनानायक SDRF मणिकांत मिश्रा ने ऐसे नाजुक मौके पर मोर्चा संभाला हुआ है. वे खुद आपदा से सबसे ज़्यादा प्रभावित क्षेत्र में मालदेवता में रेस्क्यू आपरेशन की कमान संभाले हुए हैं. वहीं, दूसरी और उन्होंने वाहिनी मुख्यालय के सभी अधिकारी और कर्मचारियों के साथ-साथ SDRF कंट्रोल रूम को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है.
SDRF इन जगहों पर चला रही रेस्क्यू ऑपरेशन
- जनपद देहरादून में ग्राम सरखेत रायपुर में बादल फटने की सूचना पर SDRF टीम रात्रि से ही रेस्क्यू ऑपेरशन चला रही है. सरखेत ग्राम से 40 से अधिक लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है. SDRF टीम का आपदा राहत बचाव कार्य अभी जारी है.
- जनपद देहरादून, थानों-रायपुर रोड के बीच में पुल टूटने से एक व्यक्ति के फंसे होने की सूचना पर एसडीआरएफ टीम द्वारा तत्काल घटनास्थल पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया. घटनास्थल पर फंसे हुए एक वाहन में पांच व्यक्तियों को सकुशल रेस्क्यू किया. जिसमे एक गर्भवती महिला को रेस्क्यू कर जौलीग्रांट अस्पताल भिजवाया गया.
- जनपद पौड़ी, यम्केश्वर ब्लॉक अवी गांव में नदी आने के कारण एक परिवार के फंसे होने की सूचना पर SDRF टीम द्वारा घटनास्थल के लिये रवाना हुई. मलबा आने के कारण मार्ग बाधित है.
- जनपद पिथौरागढ़ में मल्लिकार्जुन स्कूल के पास घरों में मलबा आने की सूचना पर एसडीआरएफ टीम तत्काल घटनास्थल पर पहुंची. जहां गौशाला की दीवार टूटने से एक गाय घायल हो गयी. एक बकरी दब गई थी.
टपकेश्वर महादेव मंदिर को नुकसान: देहरादून के प्रसिद्ध टपकेश्वर मंदिर से लगकर बहने वाली तमसा नदी भारी बारिश से उफान पर है. पानी के तेज बहाव के चलते रात 4:30 बजे टपकेश्वर में तमसा नदी के उस पार मौजूद संतोषी माता मंदिर में जाने वाला लोहे का पुल पूरी तरह से क्षतिग्रस्त होकर बह गया. जिसकी वजह से जहां एक तरफ संतोषी माता मंदिर में जाने वाला मार्ग बंद हो गया, इसके अलावा टपकेश्वर में लगी बड़ी हनुमान जी की मूर्ति के आसपास मौजूद सभी छोटी मूर्तियां पानी में बह गईं. इसके अलावा संतोषी माता मंदिर के बगल में मौजूद मां वैष्णो देवी गुफा मंदिर को भी नुकसान हुआ है और मंदिर के पुजारी आचार्य विपिन जोशी का कहना है कि लगातार कल से हो रही बारिश के चलते मंदिर परिसर में काफी नुकसान हुआ है. उनका कहना है कि वर्ष 2013 के बाद पहली दफा इस तरह का मंजर टपकेश्वर में देखने को मिल रहा है.
सरखेत में एसएसपी ने संभाला मोर्चा: थाना रायपुर क्षेत्र के सरखेत में बादल फटने की घटना पर एसएसपी सुबह खुद मौके पर पहुंचे. जिसके बाद उन्होंने स्वयं राहत और बचाव कार्यों की कमान संभाली. साथ ही उन्होंने सभी राजपत्रित अधिकारियों, थाना प्रभारी और चौकी प्रभारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों पर स्वयं मौजूद रहते हुए किसी भी सूचना पर तत्काल रिस्पांस करने के निर्देश दिए.
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रुद्रप्रयाग में भी आफत की बारिश: रुद्रप्रयाग जिले में देर रात हुई मूसलाधार बारिश के कारण 25 लिंक मार्ग बंद पड़े हुए हैं. इन मोटरमार्गों पर भारी भूस्खलन हुआ है. जिस कारण यहां आवाजाही बंद हो गई है. इनमें तीन राज्य मार्ग भी शामिल हैं. इसके अलावा केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग के तहसील के पास और बांसबाड़ा में ऊपरी पहाड़ी से भूस्खलन होने के चलते लोगों को आवागमन में भारी परेशानी हो रही है. वहीं, बदरीनाथ हाईवे के नरकोटा और सिरोबगड़ में भी ऊपरी पहाड़ी से भूस्खलन होने के चलते घंटों आवाजाही ठप रही.
डीएम मयूर दीक्षित ने कहा जिले में 20 से ज्यादा लिंक व राज्य मार्ग बंद पड़े हैं. तीन लिंक मार्गो पर ज्यादा भूस्खलन के चलते खोलने में समय लग सकता है, जबकि अन्य मोटरमार्गों को जल्द खोल दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि लिंक मार्गो को खोलने के लिए विभागीय मशीनें तैनात हैं.