हरियाणा में ब्राह्मण डिप्टी सीएम पर भूपेंद्र हुड्डा का बयान. चंडीगढ़:इंडियन नेशनल कांग्रेस पहले ही यह ऐलान कर चुकी है कि वह जातीय जनगणना के पक्ष में है. जिन राज्यों में उनकी सरकार है वहां भी जातीय जनगणना करवाने की बात कह रहे हैं. इन सब के बीच आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में जातीय समीकरण साधने के लिए हरियाणा में भी नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एक बड़ा दांव खेला है.
जातीय समीकरण साधने में जुटी कांग्रेस- भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने दो दिन पहले कहा था कि अगर उनकी सरकार हरियाणा में बनती है तो एक ब्राह्मण उप मुख्यमंत्री बनाया जाएगा. उनके इस बयान के बाद हरियाणा के सत्ताधारी दल भाजपा ने इस बयान को लेकर पलटवार किया था. इस सब के बीच अब भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एक और बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि अगर उनकी सरकार हरियाणा में बनती है तो चार उपमुख्यमंत्री बनाए जाएंगे.
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कांग्रेस सत्ता में आई तो बनाएंगे 4 उप मुख्यमंत्री- दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने यह बयान दिया है कि हरियाणा में अगर कांग्रेस पार्टी की सरकार बनती है तो प्रदेश के सभी वर्गों को सरकार में उचित प्रतिनिधित्व दिया जाएगा. जिसके तहत एक उपमुख्यमंत्री ब्राह्मण समाज से, एक दलित समाज, एक ओबीसी और एक सामान्य वर्ग से डिप्टी सीएम बनाए जायेंगे. इसके लिए उनका 2019 से ही फार्मूला तैयार है.
हरियाणा में क्या है जातीय समीकरण- हरियाणा में अगर जातीय समीकरण की बात की जाए तो प्रदेश में 17 प्रतिशत से अधिक जाट समाज का वोट है. इसके बाद ब्राह्मण, बनिया और पंजाबी मतदाताओं की संख्या 30 प्रतिशत है. वहीं ओबीसी मतदाता करीब 24 प्रतिशत है. इसके साथ ही करीब 21 फीसदी मतदाता अनुसूचित जाति और बाकी गुर्जर और अन्य जातियों से हैं.
नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कांग्रेस की सरकार आने पर चार डिप्टी सीएम बनाने के बयान पर राजनीतिक मामलों के जानकार प्रो गुरमीत सिंह का कहना है कि जिन छोटे राज्यों में 10 से 15 मंत्री होते हैं, वहां 4 उपमुख्यमंत्री बनाने का औचित्य नहीं है. जातियों को लेकर हमारे देश में पहले से ही राजनीति होती रही है. बिहार में जातीय जनगणना के बाद से ये मामला और तूल पकड़ चुका है.
प्रोफेसर गुरमीत सिंह का कहना है कि पहले 4 जातियां निकालो. उनके उपमुख्यमंत्री बना दो. कल कोई और जाति दावेदारी पेश करने लग जाएगी. यह एक तरह से पिंडोरा बॉक्स है. उपमुख्यमंत्री का कोई संवैधानिक पद होता नहीं है. हम सब जानते हैं कि प्रदेश कि सत्ता मुख्यमंत्री के हाथ में होती है. उपमुख्यमंत्री बनाने की बात दावेदारों को संतुष्ट करने के लिए होती है. भूपेंद्र सिंह हुड्डा जाट बिरादरी का प्रतिनिधित्व करते हैं इसलिए उन्होंने अपने हिसाब से यह बात कही होगी.
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