नई दिल्ली: पहलवान यौन उत्पीड़न मामले में आरोपित भारतीय कुश्ती संघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह और निलंबित सहायक सचिव विनोद तोमर पर आरोप तय करने को लेकर लगातार तीसरे दिन शुक्रवार को भी बहस हुई. इस दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से सरकारी वकील अतुल श्रीवास्तव ने राउज एवेन्यू कोर्ट स्थित एडिशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल की कोर्ट में बहस के दौरान कहा कि चार्जशीट में पेश तथ्यों के आधार पर आरोपित और सह आरोपित दोनों पर प्रथम दृष्टया मामला बनता है.
आरोपी व्यक्तियों पर उन अपराधों के लिए आरोप तय किए जाने चाहिए, जिनके लिए उनके खिलाफ चार्जशीट दायर की गई है. सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल), 354-ए (यौन उत्पीड़न) और 354-डी (पीछा करना) सहित आरोप तय करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं. सरकारी वकील की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 19 अगस्त को तय कर दी है. इस दिन शिकायतकर्ता महिला पहलवानों के वकील आरोप के बिंदु पर अपनी दलीलें दे सकते हैं.