नई दिल्ली :दिल्ली पुलिस नेरूस का वीजा दिलाने के नाम पर लोगों से ठगी करने वाले एक गैंग का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने इस गैंग के दो लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के पास से 73 भारतीय पासपोर्ट, 10 नेपाली पासपोर्ट, एक लैपटॉप, एक प्रिंटर, 15 फर्जी वीजा, दूतावास के तीन फर्जी स्टांप और अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं.
ये लोग अब तक सैकड़ों लोगों से ठगी कर चुके हैं. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि 13 जुलाई को चाणक्यपुरी थाने में ओमप्रकाश नामक के शख्स ने शिकायत दर्ज कराई थी. तहरीर में पीड़ित ने बताया कि वह एक इंजीनियर है. उसे इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर का 14 महीनों का अनुभव है. वह 20 अगस्त, 2020 को रूसी दूतावास में वीजा बनवाने के लिए आया था, लेकिन उसे कोविड-19 के चलते ऑनलाइन आवेदन करने को कहा गया.
पुलिस के मुताबिक, पीड़ित ने तहरीर में बताया है कि रूसी दूतावास के बाहर संजीव अरोड़ा नामक एक शख्स मिला. जिसने उसे बताया कि वह 25 हजार रुपये में उसे वीजा दिलवा देगा. पीड़ित उसकी बातों में आ गया और 25 हजार रुपये और अपना पासपोर्ट उसे दे दिए. संजीव अरोड़ा ने अपना मोबाइल नंबर उसे दिया. 5 जून 2021 को संजीव अरोड़ा ने उसे कॉल कर बताया कि 12 हजार रुपये चारू शर्मा के अकाउंट में ट्रांसफर करे. उसने यह रकम ट्रांसफर कर दी. इसके बाद संजीव अरोड़ा ने उसे 28 हजार रुपये फ्लाइट की टिकट बुक कराने के लिए ट्रांसफर करने को कहा. इसलिए उसने यह रकम भी ट्रांसफर कर दी.
शिकायत के मुताबिक, 65 हजार रुपये देने के बाद भी जब ओमप्रकाश को अपना पासपोर्ट और वीजा नहीं मिला तो वह फरीदाबाद स्थित संजीव अरोड़ा के दफ्तर में पहुंचा तो उसे संजीव अरोड़ा की कर्मचारी चारू शर्मा मिली, जिसने उसे रूस के वीजा की फोटोकॉपी दी. उसे शक हुआ तो वह वीजा को लेकर दूतावास पहुंचा. जहां उसे पता चला कि यह फर्जी है.