नई दिल्ली : दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (DMRC) रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर को भुगतान करने के लिए 48 घंटों के अंदर एक हजार करोड़ रुपये एस्क्रो अकाउंट में जमा करेगी. दिल्ली मेट्रो ने दिल्ली हाईकोर्ट से आर्बिट्रेशन के फैसले के मुताबिक और पैसे जमा करने के लिए समय देने की मांग की. मामले की अगली सुनवाई 22 दिसंबर को होगी.
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस सुरेश कैत की बेंच से कहा कि अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनी सरकार के साथ कई प्रोजेक्ट में काम कर रही है. वो सरकार से पैसे वसूलने के लिए जिस तरीके से दबाव बना रही है उसे देखते हुए सरकार को अपनी नीतियों में बदलाव लाना पड़ सकता है. मेहता ने आर्बिट्रेशन की रकम को सवालों के घेरे में खड़ा करते हुए कहा कि ये 7100 करोड़ रुपये नहीं है बल्कि पांच हजार करोड़ रुपये है.
रिलायंस इंफ्रास्ट्र्क्चर की सब्सिडियरी कंपनी दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड (DAMEPL) द्वारा तैयार किए गए प्रोजेक्ट ऐसेट्स का उपयोग जुलाई 2013 से ही DMRC कर रही है.