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Delhi EV policy: दिल्ली में 1.2 लाख से अधिक EV हो चुके पंजीकृत, बाजार में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों का दबदबा - दिल्ली की ताजा खबरें

परिवहन मंत्री ने 7 अगस्त, 2020 को लॉन्च होने के बाद से दिल्ली ईवी नीति की सफलता पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि इस नीति की शुरुआत से अब तक 1.20 लाख से अधिक इलेक्ट्रिक वाहन बेचे गए हैं. जिनमें इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री का योगदान लगभग 50 फीसदी है.

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Published : May 24, 2023, 9:40 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने इंडिया हैबिटेट सेंटर में आयोजित कार्यक्रम "दिल्ली ईवी पॉलिसी 2.0 स्टेकहोल्डर्स कंसल्टेशन" में विभिन्न हितधारकों को संबोधित किया. इस कार्यक्रम का उद्देश्य दिल्ली में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने की दिशा में केजरीवाल सरकार के प्रयासों को और मजबूती प्रदान करना है. कार्यक्रम का आयोजन क्लाइमेट ट्रेंड्स और रॉकी माउंटेन इंस्टीट्यूट (आरएमआई) इंडिया के साथ साझेदारी में परिवहन विभाग द्वारा आयोजित किया गया.

परिवहन मंत्री ने दिल्ली ईवी नीति की सफलता के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने इसकी सफलता का श्रेय दिल्ली सरकार की "3i मॉडल" (इन्क्लूजन, इंसेंटिवाइजेशन और इनोवेशन) को दिया. उन्होंने कहा कि 3i मॉडल का 'इन्क्लूजन' पहलू सभी हितधारकों को ईवी नीति की अवधारणा के चरण से सक्रिय रूप से शामिल करने पर केंद्रित रहा है. आरएमआई इंडिया के सहयोग से पॉलिसी के शुरुआती चरण में लगभग 300 लोगों ने दिल्ली सरकार द्वारा आयोजित हितधारकों के गोलमेज सम्मेलन में भाग लिया, जहां नीति के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श किया गया.

'इंसेंटिवाइजेशन' के तहत दी गई सब्सिडी: कैलाश गहलोत ने कहा कि दिल्ली सरकार ने 'इंसेंटिवाइजेशन' के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद के लिए पर्याप्त सब्सिडी दी. इलेक्ट्रिक कारों के लिए 1.5 लाख रुपए, ई-रिक्शा के लिए 30,000 रुपए और दोपहिया वाहनों के लिए 5,000 रुपए प्रति kWh की सब्सिडी प्रदान की गई. इसके अतिरिक्त, रोड टैक्स और पंजीकरण कर पर छूट प्रदान की गई, जिसके परिणामस्वरूप बेची गई 1.2 लाख ईवी के लिए 120 करोड़ की कुल टैक्स छूट दी गई.

दिल्ली ईवी पॉलिसी 2.0 स्टेकहोल्डर्स कंसल्टेशन

उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार ने 4.5 रुपए प्रति यूनिट के ईवी टैरिफ की शुरुआत की. साथ ही ई-साइकिल के लिए प्रोत्साहन प्रदान करने वाला दिल्ली देश का पहला राज्य है. लोगों को ईवी चार्जिंग और बैटरी स्वैपिंग स्टेशन के बारे में आसानी से जानकारी मिल सके, इसके लिए सरकार ने वन दिल्ली ऐप में सभी जानकारी समाहित की है.

दिल्ली में दौड़ रही 400 इलेक्ट्रिक बसें:परिवहन मंत्री ने दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन के लिए महत्वाकांक्षी योजनाओं को भी रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि वर्तमान में दिल्ली सरकार 400 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन करती है, जिसे 2023 के अंत तक 1,900 करने का लक्ष्य है. उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार का लक्ष्य 2025 तक 8,280 ई-बसों का एक प्रभावशाली बेड़ा तैयार करना है. इसके लिए दिल्ली में लगभग 60 बस डिपो का विद्युतीकरण किया जा रहा है. जिसमें 8,000 से अधिक इलेक्ट्रिक बसों के निर्बाध संचालन को सुनिश्चित करने के लिए 1,500 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है.

परिवहन मंत्री ने दिल्ली ईवी नीति की सफलता के बारे में विस्तार से बताया.

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उपभोक्ता जागरूकता अभियान: गौरतलब है कि दिल्ली में दिसंबर 2022 में बेचे गए कुल वाहनों में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी 16.8% थी. दिल्ली सरकार का लक्ष्य है कि 2024 तक दिल्ली में बिकने वाले कुल वाहनों में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी 25% हो. कार्यक्रम में परिवहन मंत्री ने हितधारकों से निरंतर मार्गदर्शन और सहयोग का आह्वान किया.

ईवी को बढ़ावा देने की भविष्य की योजनाओं के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा, "दिल्ली सरकार एक मजबूत चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर नेटवर्क बनाने पर ध्यान केंद्रित करेगी. 2025 तक 18,000 चार्जिंग पॉइंट्स को तैयार करने के लिए तीन साल की कार्य योजना तैयार की गई है. उन्होंने कहा कि लोगों को ईवी खरीद के लिए प्रोत्साहित करने के लिए स्विच दिल्ली 2.0 अभियान और उपभोक्ता जागरूकता अभियान चलाया जाएगा.

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