पतंजलि योगपीठ गुरुकुलम और आचार्यकुलम का शिलान्यास हरिद्वार (उत्तराखंड): आज शनिवार 6 जनवरी 2024 को पतंजलि योगपीठ का 29वां स्थापना दिवस है. साथ ही पतंजलि योगपीठ महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वी जयंती भी है. गुरुकुल के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती की जयंती के अवसर पर पतंजलि गुरुकुलम और आचार्यकुलम का शिलान्यास किया गया.
शिलान्यास कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल, उत्तराखंड के सीएम धामी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री भी मौजूद रहे. इस दौरान हरिद्वार के तमाम साधु संत भी कार्यक्रम में नजर आए. राज्यसभा सदस्य और बीजपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी भी गुरुकुलम और आचार्यकुलम के शिलान्यास के समय उपस्थित थे.
इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि गुरुकुल परंपरा अनादि काल से चलती आई है, जिसमें गुरुओं का बहुत महत्व होता है. गुरु ही हैं जिन्होंने आज के समय में भी भारत की संस्कृति व सनातन की संस्कृति को बचा कर रखा हुआ है. पतंजलि योगपीठ द्वारा हरिद्वार में पतंजलि गुरुकुलम व आचार्यकुलम का आज मेरे द्वारा शिलान्यास किया गया है. मुझे उम्मीद है आने वाले समय में इसी गुरुकुल से देश की सेवा करने के लिए कई छात्र-छात्राएं निकलेंगे. इसी के साथ उन्होंने कहा कि आज के समय में गुरुकुलों को एडवांस करने की आवश्यकता है, जिसमें आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ नए भारत में नया गुरुकुल बनाया जाना चाहिए, जिसमें छात्र वेदों के साथ क्वांटम शिक्षा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की पढ़ाई भी कर सकें. वास्तव में अगर ऐसा होता है तो अनोखे छात्र इन गुरुकुलों से बनकर निकलेंगे जो राष्ट्र को बाकी देशों के से आगे ले जाने का कार्य करेंगे.
इसी के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज के समय में राम मंदिर निर्माण हो या या फिर अन्य सांस्कृतिक स्ट्रक्चर डेवलपमेंट हर तरह का कार्य किया जा रहा है. इसी के साथ कल्चरल डेवलपमेंट में भी हम कार्य कर रहे हैं, जिससे आने वाली पीढ़ी को हमारी संस्कृति का ज्ञान हो.
सीएम धामी ने राजनाथ को शॉल ओढ़ाया
वहीं अपने मन की बात कहते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज के समय में संस्कृत को समझने वाले और संस्कृत का उच्चारण करने वाले बहुत कम लोग रह गए हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मेरा सभी गुरुकुल के आचार्य और सभी गणमान्य लोगों से निवेदन है कि वह संस्कृत को लेकर कार्य करना प्रारंभ करें, जिससे संस्कृत को सरल बनाकर लोगों को समझाया जा सके और हमारे देश में संस्कृत में बोलने वालों की कमी ना हो.
वहीं इसी दौरान उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि योग गुरु स्वामी रामदेव द्वारा हरिद्वार में पतंजलि गुरुकुलम की शुरुआत की गई है, जिससे छात्रों को शिक्षा के साथ-साथ वेदों का ज्ञान भी मिलेगा. इसके चलते हमें देश के लिए अच्छे नागरिक मिलेंगे. इसी के साथ योग गुरु रामदेव से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मांग की कि वह इस आचार्य गुरुकुलम में एनसीसी को भी अनिवार्य कराएं, ताकि शास्त्र ज्ञान के साथ-साथ छात्रों को शस्त्र ज्ञान भी मिल सके.
रक्षा मंत्री राजनाथ का स्वागत करते उत्तराखंड के सीएम
बाबा रामदेव ने इस मौके पर कहा कि पतंजलि का ये गुरुकुलम विश्व का सबसे बड़ा गुरुकुल होगा. इसके निर्माण में 500 करोड़ की लागत आएगी. इस दौरान उन्होंने पतंजलि योगपीठ द्वारा आगामी 5 वर्षों में 5 हजार करोड़ रुपये के निवेश से भारतीय शिक्षा की बड़ी क्रांति का संकल्प लिया. बाबा रामदेव ने कहा कि यह पतंजलि की ओर से तीसरी बड़ी क्रांति होगी.
उन्होंने कहा कि पहली क्रांति योग, आयुर्वेद, अनुसंधान के माध्यम से चिकित्सा क्रांति होगी. दूसरी क्रांति इंटरनेशनल क्वालिटी के उत्पाद बनाकर बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा लूट के विरुद्ध स्वदेशी क्रांति होगी. बाबा रामदेव ने कहा कि गुरुकुलम और आचार्यकुलम के शिलान्यास पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी की गरिमामय उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ गई.
बाबा रामदेव ने कहा कि अब हरिद्वार दुनिया में शिक्षा का बड़ा केन्द्र बनेगा. 7 मंजिला भव्य पतंजलि गुरुकुलम में लगभग 1500 विद्यार्थियों की आवासीय व्यवस्था होगी. आचार्यकुलम की इस शाखा में लगभग 5,000 बच्चे डे-बोर्डिंग का लाभ ले सकेंगे. उन्होंने कहा कि आधुनिक महर्षि दयानंद अतिथि भवन बनाने की भी योजना है. इसके साथ ही बाबा रामदेव ने ये भी कहा कि 118 वर्ष पूर्व स्वामी दर्शनानंद जी द्वारा स्थापित यह गुरुकुलीय शिक्षा का पौधा अब वटवृक्ष बनकर दुनिया को ज्ञानाश्रय देने को तैयार है.
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