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राजनाथ सिंह ने सांसदों को अग्निपथ की दी जानकारी, कुछ ने योजना वापस लेने की मांग की - राजनाथ सिंह सांसदों अग्निपथ की जानकारी दी

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को अग्निपथ योजना को लेकर सांसदों को जानकारी दी. इस दौरान कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और तृणमूल कांग्रेस ने के नेताओं ने इसे वापस लेने की भी मांग की.

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अग्निपथ योजना विवाद

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Published : Jul 11, 2022, 8:24 PM IST

नई दिल्ली : संसद के मानसून सत्र से पहले रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को रक्षा संबंधी संसदीय परामर्श समिति के सदस्यों को सैन्य भर्ती के लिए लाई गई 'अग्निपथ योजना' के बारे में प्रस्तुति दी. वहीं विपक्ष के कुछ सांसदों ने इस योजना को तत्काल वापस लेने की मांग की. सूत्रों ने यह जानकारी दी. करीब दो घंटे तक चली बैठक में राजनाथ सिंह के संबोधन के बाद तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने अपनी बात रखी. कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और तृणमूल कांग्रेस ने नई भर्ती योजना पर आपत्ति व्यक्त की और कहा कि इसे वापस लिया जाना चाहिए.

सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस सांसद शक्ति सिंह गोहिल ने विशेषज्ञों एवं उत्कृष्ट सैनिकों द्वारा इसकी आलोचना किए जाने का हवाला दिया और कहा कि इसे वापस लिया जाना चाहिए क्योंकि इससे बलों का मनोबल प्रभावित होता है और भ्रम की स्थिति पैदा होती है. उन्होंने कहा कि योजना को पहले पायलट परियोजना के तौर पर शुरू किया जाए और जो लोग प्रशिक्षित हों, उन्हें सैन्य बलों में भर्ती किया जाए. गोहिल ने यह भी कहा कि, 'विभिन्न रूपरेखाओं पर काम करने के बाद ही इसे पेश किया जाना चाहिए.'

वहीं कांग्रेस नेता का राकांपा की सुप्रिया सुले और तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने समर्थन किया. इन सांसदों ने रक्षामंत्री को एक ज्ञापन भी दिया और इस योजना को वापस लेने की मांग की. लेकिन कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने इस पर हस्ताक्षर नहीं किया. ज्ञात हो कि तिवारी सार्वजनिक तौर पर अग्निपथ योजना की सराहना कर चुके हैं. उन्होंने कहा था कि यह जरूरी सुधार है क्योंकि दुनिया के अन्य देशों के सशस्त्र बलों ने भी ऐसी योजना पेश की है.

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कहा जा रहा है कि इस प्रस्तुति का मकसद 18 जुलाई से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र से पहले विपक्षी नेताओं की चिंताओं को दूर करना है. समिति के सांसदों को प्रस्तुति देने के बाद रक्षामंत्री एवं तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने कई सवालों के जवाब भी दिए. गौरतलब है कि 14 जून को योजना की घोषणा किए जाने के बाद कई राज्यों में हिंसक विरोध प्रदर्शन की खबरें आई थी और कई विपक्षी दलों ने पहले भी योजना के वापस लेने की मांग की थी. भारतीय वायु सेना ने हाल में कहा कि उसे इस योजना के तहत 7.5 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं. पंजीकरण की प्रक्रिया 24 जून को शुरू हुई है.

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