नई दिल्ली:नकली और घटिया दवाओं का उत्पादन करने वाली दवा कंपनियों के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई में ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने 20 राज्यों में 76 फार्मा कंपनियों के खिलाफ छापेमारी और तलाशी अभियान चलाया.
पिछले दो हफ्तों के दौरान की गई छापेमारी के बाद ऐसी 18 कंपनियों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के शीर्ष सूत्रों ने ईटीवी भारत को बताया कि नियमों का उल्लंघन करने वाली 26 फर्मों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. सूत्रों ने कहा कि इस तरह के छापे के पहले चरण में कुल 203 कंपनियों को इस तरह के राष्ट्रव्यापी संचालन के लिए चिन्हित किया गया है. तीन फर्मों के उत्पाद की अनुमति रद्द कर दी गई है. आने वाले दिनों में छापेमारी जारी रह सकती है.
रेड आंध्र प्रदेश, बिहार, दिल्ली, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पुडुचेरी, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल में की गई.
एक अधिकारी ने कहा कि , हम नकली और घटिया दवाओं के खिलाफ नकेल कसने के लिए कृतसंकल्प हैं. ये छापे जारी रहेंगे और अच्छी निर्माण पद्धतियों का पालन नहीं करने वाली किसी भी कंपनी को बंद कर दिया जाएगा. हमने 203 कंपनियों की पहचान की है और जिन 76 पर छापा मारा गया है, वह सिर्फ पहला चरण है. तीन फर्मों की उत्पाद अनुमति रद्द कर दी गई है और 26 अन्य को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.
सूत्रों ने बताया कि नकली और घटिया दवाओं का उत्पादन करने वाली अधिकांश कंपनियां हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और गुजरात हैं. सूत्रों ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में 70, उत्तराखंड में 45, मध्य प्रदेश में 23 और गुजरात में 16 फार्मा कंपनियों में छापेमारी की गई.
पिछले कुछ महीनों में कई मामले सामने आए हैं, जहां विभिन्न देशों को निर्यात किए जाने के बाद भारतीय दवा उत्पादों को अपर्याप्त गुणवत्ता वाला पाया गया. गाम्बिया में, भारत में निर्मित एक खांसी की दवाई को कई मौतों से जोड़ा गया था, हालांकि भारत सरकार ने इससे इनकार किया था.
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