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उत्तराखंड में शंभू नदी पर बन रही खतरनाक झील, कपकोट विधायक ने 'खतरे' से सरकार को कराया अवगत - पिंडर नदी के किनारे बसे कुंवारी गांव

उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के आपदाग्रस्त कुंवारी गांव की पहाड़ी काफी संवेदनशील है. यहां पर शंभू नदी बहती है, लेकिन यह नदी खतरनाक हो गई है. इस नदी में साल 2013 में भूस्खलन के कारण झील बन गई थी. तब लेकर अब तक लगातार नदी में मलबा जमा हो रहा है. जब भी झील बनती है, उसे पंचर कर पानी बहाना पड़ता है. इस बार भी मॉनसून सिर पर है. ऐसे में कपकोट विधायक सुरेश गड़िया सचिवालय पहुंचे और परमानेंट सॉल्यूशन की मांग की.

Shambhu river of Uttarakhand
बागेश्वर की शंभू नदी में झील

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Published : Jul 4, 2023, 10:57 PM IST

उत्तराखंड में शंभू नदी पर बन रही खतरनाक झील.

देहरादून (उत्तराखंड): बागेश्वर जिले के अंतिम गांव कुंवारी के पास बहने वाली शंभू नदी में हर साल मलबे के कारण झील बन जाती है. खासकर मॉनसून सीजन में बारिश के दौरान खतरा और बढ़ जाता है. यह झील ग्रामीणों के लिए कभी भी खतरा बन सकता है. ऐसे में ग्रामीण डर के साये में जीने को मजबूर हैं. लिहाजा, झील के परमानेंट सॉल्यूशन की मांग को लेकर कपकोट विधायक सुरेश गड़िया सचिवालय पहुंचे.

बागेश्वर जिले के कपकोट विधानसभा से निकलने वाली पिंडर नदी के किनारे बसे कुंवारी गांव के लोगों को मॉनसून सीजन में हर साल नदी से बनने वाली झील का डर सताता रहता है. थोड़ा सा भी बारिश होने पर नदी झील का रूप ले लेती है. जिससे पूरे गांव पर खतरा मंडराता है. कपकोट विधायक सुरेश गड़िया ने बताया कि पिछले दो तीन सालों से लगातार यहां झील बन रही है. स्थानीय प्रशासन की ओर से जब खतरा ज्यादा होता है तो इस झील को पंचर किया जाता है. उन्होंने बताया कि पिंडर नदी भी इसी इलाके से निकलती है और इस पूरे गांव की समस्या का कोई परमानेंट सॉल्यूशन अब तक नहीं मिल पाया है.

बागेश्वर की शंभू नदी
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अपने क्षेत्र की समस्या को लेकर सचिवालय पहुंचे पूर्व विधायक सुरेश गड़िया ने बताया कि बीते 2 सालों से लगातार उनकी विधानसभा के कुंवारी गांव के लोग मॉनसून सीजन में परेशान रहते हैं. पिछली बार उन्होंने सिंचाई विभाग के माध्यम से झील को पंचर करवाया था. इसके अलावा मॉनसून में आने वाले सिल्ट के चलते पिंडर नदी का जल भी दूषित रहता है. उन्होंने बताया कि इस बार भी वहां पर बारिश के चलते झील बन रही है. जिसके समाधान के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं.

शंभू नदी में झील

विधायक सुरेश गड़िया का कहना है कि उनकी विधानसभा का यह गांव पूरी तरह से आपदा की चपेट में है और इसको विस्थापित किया जाना है. जिसके विस्थापन को लेकर उनकी ओर से शासन में गुहार लगाई गई और विस्थापन के लिए अब 2 करोड़ 25 लाख का प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई है. वहीं, निकट भविष्य में जल्द ही भू वैज्ञानिकों का एक डेलीगेशन इस क्षेत्र का दौरा करेगा और ऊपरी इलाकों में बनने वाली इन झीलों पर अध्ययन करेगा.

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