अहमदाबाद/नई दिल्ली/मुंबई :चक्रवात बिपरजॉय को देखते हुए गुजरात सरकार ने एक विशेष बैठक की. इसमें मुख्य सचिव ने तटीय जिले के कलेक्टरों से बात की. इस दौरान जरूरी निर्देशों का पालन करने का आदेश दिया गया है. वहीं मौसम विभाग ने चक्रवाती हवाओं के साथ क्षेत्र में भारी बारिश की संभावना जताई है. इस वजह से प्रदेश के अधिकतर हिस्सों में मौसम में बदलाव देखा गया है. वहीं जूनागढ़ इलाके में भी मानसून की स्थिति देखी गई, जबकि वेरावल और सूत्रपाड़ा में भारी बारिश के कारण जगह-जगह जल जमाव की स्थिति पैदा हो गई. पांच इंच बारिश होने से निचले इलाकों में पानी भर गया है. दूसरी तरफ गिर सोमनाथ जिले के कोडिनार तालुका के माढवाड गांव में कल रात भारी बारिश और विशाल समुद्री लहरों के कारण छह घर ढह गए. घरों में रहने वाले सभी लोगों को मंदिर, प्राथमिक विद्यालय और सामुदायिक वाडी में आश्रय दिया गया है. वहीं द्वारका के समुद्र में स्थित ऑयल रिंग में काम कर रहे 50 लोगों को इंडियन कोस्ट गार्ड ने रेस्क्यू कर बचाया है. इससे पहले कल द्वारका और ओखा के बीच समुद्र में एक ऑयल रिंग में फंसे एक निजी कंपनी के 11 कर्मचारियों को भारतीय तटरक्षक के हेलीकॉप्टर की मदद से बचाया गया था. गुजरात सरकार ने 21,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है. साथ ही एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को मौके पर तैनात कर दिया गया है. साथ ही सौराष्ट्र और कच्छ जाने वाली करीब 90 ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं. गुजरात एसटी निगम द्वारा आज 350 बसों को रद्द कर दिया गया है.
चक्रवात की वजह से भुज, अंजार, भचाऊ, मांडवी, रापर और जामनगर में बारिश हुई. बारिश के साथ गांधीधाम और नलिया में जीरो विजिबिलिटी देखी गई. बता दें कि मौसम विभाग ने 15 और 16 जून को कच्छ, द्वारका, जामनगर, पोरबंदर, राजकोट, मोरबी में बेहद भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है. हालांकि गुजरात राज्य मौसम विभाग ने तूफान की स्थिति को देखते हुए ऑरेंज अलर्ट की घोषणा की है. मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, चक्रवात बिपरजॉय अरब सागर में उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ सकता है. मंगलवार दोपहर को, यह पोरबंदर से 300 किमी, द्वारका से 290 किमी, जाखौ बंदरगाह से 340 किमी, नलिया से 340 किमी और कराची, पाकिस्तान से 480 किमी दूर केंद्रित देखा गया था. हालांकि, तेज गति के कारण यह तेजी से आगे बढ़ रहा है.
बिपरजॉय की वजह से दोपहर के दौरान हवा की गति 135 किमी प्रति घंटे दर्ज की गई. वही बिपरजॉय की वजह से कच्छ और सौराष्ट्र के तट पर हल्की से भारी बारिश हो सकती है. जबकि कच्छ, द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, राजकोट, जूनागढ़ और मोरबी में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है. साथ ही 15 जून तक इस सिस्टम से भारी बारिश हो सकती है.
बिपरजॉय को देखते हुए मुख्य सचिव ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए सभी तटीय जिलों के कलेक्टरों के साथ स्थिति की समीक्षा की. इस दौरान जिले के प्रभारी मंत्री एवं विशेष प्रभार वाले मंत्री भी मौजूद रहे. बिपरजॉय के कारण ओखा, जाखौ, मांडवी, मुंद्रा, कांडला, नवलखी, सिक्का और बेदीबंदर को खतरे के संकेत में रखा गया है. साथ ही राज्य सरकार के केंद्र सरकार के अनुरोध पर एनडीआरएफ की चार टीमों को महाराष्ट्र की राजधानी पुणे से और दो टीमों को जयपुर से बुलाया गया था. यानी राज्य के बाहर से कुल छह अतिरिक्त टीमों को बुलाया गया है. वडोदरा में कुल 13 टीमें इकट्ठी हुईं. इसके अलावा छह अन्य दस्तों को स्टैंड बाई रखा गया है.
बिपरजॉय 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से कच्छ से गुजरेगा और राजस्थान राज्य में प्रवेश करेगा, जिससे भारी से बहुत भारी बारिश की पूरी संभावना है. मंगलवार को मिली रिपोर्ट के मुताबिक, 12 तालुकों में बारिश हुई. इससे देखा गया कि सौराष्ट्र में मानसून सक्रिय हो गया है.
भुज में दीवार गिरने से दो बच्चों की मौत- भुज में दीवार गिरने से दो बच्चों की मौत हो गई है. इनमें एक छह साल की लड़की और चार साल का लड़का शामिल है. इसके अलावा राजकोट जिले के जसदण तालुका में अपने पति के साथ जा रही हर्षबेन बावलिया की पेड़ गिरने से मौत हो गई. भारी बारिश के कारण कई पेड़ जड़ से उखड़ गए. बारिश की वजह से सौराष्ट्र कच्छ के आठ जिलों में कुल 6827 लोगों को सलामल स्थान पर स्थानांतरित किया गया है. जबकि बिजली विभाग की कुल 577 टीमों को स्टैंड बाई पर रखा गया है. फीडरों पर विशेष नजर रखी जा रही है.
चक्रवात बिपारजॉय गुजरात के कच्छ में जखौ बंदरगाह से तेजी से गुजरात की ओर बढ़ रहा है. इस वजह से यहां से 7 हजार लोगों को शिफ्ट किया गया है. इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को केंद्रीय अधिकारियों, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और मुख्य सचिव राजकुमार के साथ साइक्लोन को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंस से बात की थी.
सेना का दस्ता भी तैयार- इतना ही नहीं एनडीआरएफ ही नहीं सेना की टुकड़ी को भी स्टैंड बाई पर रखा गया है जामनगर से सेना की विशेष मदद ली जा सकती है. सेना के साथ ही तटरक्षक एजेंसी को भी विशेष आदेश दिए गए हैं. स्थिति को देखते हुए प्रभावित क्षेत्र में एसटी विभाग का कामकाज भी रोक दिया गया है.
गिर सोमनाथ में 6 घर गिरे -चक्रवात बिपरजॉय की वजह से गिर सोमनाथ जिले के कोडिनार तालुका के माढवाड गांव में कल रात भारी और विशाल समुद्री लहरों के कारण छह घर ढह गए. घरों में रहने वाले सभी लोगों को मंदिर, प्राथमिक विद्यालय और सामुदायिक वाडी में आश्रय दिया गया. माढवाड गांव मछुआरा समुदाय का गांव है. गांव ठीक तट पर स्थित है, इसलिए सामान्य मानसून के दिनों में भी समुद्र का पानी यहां लोगों के घरों में घुस जाता है. चक्रवात जैसी स्थिति में सरकारी सहायता को लेकर गांव के लोग सरकार और व्यवस्था के खिलाफ रोष व्यक्त कर रहे हैं. यहां के लोग वर्षों से वे मांग कर रहे हैं कि सरकार उन्हें तटीय क्षेत्र से स्थायी रूप से अन्य सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करे, लेकिन अभी तक कोई समाधान नजर नहीं आ रहा है. इसको लेकर ग्रामीणों में अब सरकार व व्यवस्था के खिलाफ आक्रोश है. माढवाड गांव में हुए नुकसान का जायजा लेने तालुका विकास अधिकारी वाई.एम. रावल गांव पहुंचे. उन्होंने कहा कि समुद्र की लहरों के कारण छह घर ढह गए हैं. इसके अलावा तटीय क्षेत्रों में अभी भी 100 से अधिक घर हैं. अगर इन घरों में रहने वाले लोगों को निकालने की स्थिति बनी तो माढवाड गांव से करीब 1500 से 2000 लोगों को शिफ्ट करना पड़ेगा. फिलहाल जिन लोगों के घर समुद्र की लहरों के कारण ढह गई हैं उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने गुजरात के भुज में तैयारी संबंधी कदमों की समीक्षा की
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को भुज में गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश गणेशभाई के साथ मिलकर चक्रवात बिपरजॉय के मद्देनजर केंद्र और राज्य प्रशासन द्वारा तैयारी के सिलसिले में उठाये गये कदमों की समीक्षा की. एक सरकारी बयान में कहा गया है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय गुजरात समेत पश्चिमी तट के सभी राज्यों के अपने क्षेत्रीय कार्यालयों के निरंतर संपर्क में है और उन्हें चक्रवात के सिलसिले में तैयारी हेतु जरूरी सहयोग देने का निर्देश दिया गया है. वैसे अबतक सहयोग का कोई अनुरोध मंत्रालय को नहीं प्राप्त हुआ है.
राममनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज (एलएचएमसी), सफदरजंग अस्पताल और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नयी दिल्ली, एम्स जोधपुर, और एम्स नागपुर के बहु-विषयक छह त्वरित कार्रवाई चिकित्सक दल आपात चिकित्सा देखभाल प्रदान करने की जरूरत की स्थिति के लिए तैयार रखे गए हैं. बयान के अनुसार बेंगलुरु के निमहैंस की कई टीम को भी प्रभावित लोगों को मनोचिकित्सा प्रदान करने के लिए तैयार रखा गया है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि सभी राज्यों में समेकित रोग निगरानी कार्यक्रम को राज्य एवं जिला निगरानी इकाइयों के मार्फत आपदा के बाद निगरानी/सर्वेक्षण का जिम्मा सौंपा गया है ताकि चक्रवात के बाद किसी भी संभावित महामारी का समय रहते पता लगा लिया जाए. उसने कहा कि राज्यों को किसी भी तरह के चिकित्सकीय उपकरणों की जरूरत की स्थिति के लिए एचएलएल लाइफकेयर लिमिटेड को उसकी आपूर्ति का जिम्मा सौंपा गया है. बयान के मुताबिक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय लगातार चक्रवात पर नजर रख रहा है और किसी भी आकस्मिक स्वास्थ्य स्थिति को ध्यान में रखते हुए सभी जरूरी कदम उठा रहा है.