बर्मिंघम:सुशीला देवी और विजय यादव के पदकों के साथ ही बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के कुल पदकों की संख्या आठ पहुंच गई है. भारत ने अब तक तीन स्वर्ण, तीन रजत और दो कांस्य जीते हैं. सुशीला से पहले बिंदियारानी देवी और संकेत सरगर ने वेटलिफ्टिंग में रजत जीता था. वहीं, मीराबाई चानू, जेरेमी लालनिरुंगा और अचिंता शेउली ने वेटलिफ्टिंग में स्वर्ण जीता था. विजय यादव और वेटलिफ्टिंग में गुरुराज पुजारी ने कांस्य जीता.
जूडो में सुशीला देवी ने 48 किलोग्राम भार वर्ग में रजत पदक अपने नाम किया. सुशीला देवी का पदक भारत का आज का पहला पदक है. फाइनल में सुशीला को दक्षिण अफ्रीका की मिकेला व्हीबोई ने आर्म लॉक के जरिए फंसा लिया और नीचे गिरा दिया. इसके बाद कुछ देर तक सुशीला मैट पर ही लॉक छुड़ाने की कोशिश करती रहीं. ऐसे में रेफरी ने दक्षिण अफ्रीका की व्हीटबोई को विजेता घोषित किया.
यह राष्ट्रमंडल खेलों में सुशीला का दूसरा रजत पदक है. इससे पहले उन्होंने साल 2014 ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों में भी रजत पदक हासिल किया था. सुशीला साल 2019 साउथ एशियन गेम्स में 48 किलोग्राम भार वर्ग में ही स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं.
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सुशीला का बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में सफर शानदार रहा. पहले मैच (क्वॉर्टर फाइनल) में सुशीला ने मलावी की हैरियेट बोनफेस को हराया था. वहीं, सेमीफाइनल में सुशीला ने मॉरिशस की प्रिसिल्ला मोरांद को हराया था.
भारत ने जूडो में ही दूसरा पदक जीत लिया है. विजय यादव ने साइप्रस के पेट्रोस क्रिसटोडूलाइड्स को हरा दिया. विजय ने पेट्रोस को 'इपपोन' से हराया. जूडो में तीन तरह से स्कोरिंग होती है. इसे इपपोन, वजा-आरी और यूको कहते हैं. इपपोन तब होता है, जब खिलाड़ी सामने वाले खिलाड़ी को थ्रो करता है और उसे उठने नहीं देता. इपपोन होने पर एक फुल पॉइंट दिया जाता है और खिलाड़ी जीत जाता है. विजय ने इसी तरह से जीत हासिल की.
वहीं, जसलीन सिंह सैनी पुरुषों के 66 किलोवर्ग के सेमीफाइनल में स्कॉटलैंड के फिनले एलेन से हारने के बाद कांस्य पदक के लिए खेलेंगे. सैनी सुबह सेमीफाइनल में आसानी से पहुंच गए थे, लेकिन ढाई मिनट से भी कम चले मैच में एलेन ने इप्पोन करके अंक जुटाए, जिससे सैनी को पराजय का सामना करना पड़ा.
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सैनी के पास अभी भी पदक जीतने का मौका है, जो कांस्य पदक के प्लेऑफ में आस्ट्रेलिया के नाथन काज से खेलेंगे. सुचिका तरियाल ने महिलाओं के 57 किलो रेपेशाज में दक्षिण अफ्रीका की डोन्ने ब्रेटेनबाश को हराकर कांस्य पदक के मुकाबले में जगह बना ली.