चमोली (उत्तराखंड): बीती 18 जुलाई की रात्रि को चमोली में अलकनंदा नंदी के तट पर चमोली पुराना बाज़ार स्थित नमामि गंगे के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में ड्यूटीरत ऑपरेटर गणेश का शव दिनांक 19 जुलाई सुबह के समय सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के बाहर सीढ़ियों के पास पड़ा हुआ मिला था. घटना की सूचना पर थाना चमोली से चौकी प्रभारी पीपलकोटी उपनिरीक्षक प्रदीप रावत, उपनिरीक्षक रामेश्वर प्रसाद भट्ट, होमगार्ड गोपाल, होमगार्ड मुकुन्दी लाल, पीआरडी जवान रामचन्द्र पंचायतनामा की कार्रवाई के लिए घटनास्थल पर पहुंचे थे.
करंट फैलने से पहले क्या हो रहा था: प्रथम दृष्टया ऑपेरटर की मृत्यु बिजली का करंट लगने के कारण होना प्रतीत हो रहा था. सम्पूर्ण परिसर में करंट फैले होने की आशंका के तहत पुलिस बल द्वारा परिसर में प्रवेश नहीं किया गया. विद्युत उपखंड कोठियालसैंण में संविदा पर तैनात लाइनमैन सैन सिंह द्वारा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट परिसर में करंट न होने की पुष्टि करने के पश्चात ही पंचायतनामे की कार्रवाई हेतु उपनिरीक्षक प्रदीप रावत द्वारा मय पुलिस बल के साथ एसटीपी परिसर में प्रवेश किया गया. इस दौरान वहां मृतक गणेश के शव को न उठाने व मृतक के परिजनों को तत्काल मुआवजा दिए जाने को लेकर बड़ी संख्या में ग्रामीण व स्थानीय निवासी जमा हो गये. मौके पर मौजूद पुलिस बल द्वारा लोगों को समझाने-बुझाने का प्रयास किया जा रहा था.
चमोली में करंट से हुई 16 मौत हुई ऐसे फैला प्लांट में करंट: इस दौरान लाइनमैन सैन सिंह, सतेन्द्र, गोपाल द्वारा निजमुला-कोठियालसैंण विद्युत लाइन में अल्कापुरी के पास आये फॉल्ट को ठीक करने के पश्चात लाइनमैन सैन सिंह द्वारा महेन्द्र सिंह को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में एक व्यक्ति के मृत पड़े होने की सूचना दी गयी. लेकिन महेन्द्र सिंह द्वारा इस पर सावधानीपूर्वक विचार नहीं किया गया. फॉल्ट मिलने पर समय दोपहर 11:12 बजे सब स्टेशन कोठियालसैंण से शटडाउन लिया तथा फॉल्ट ठीक करने पर बिना किसी जांच पड़ताल के समय लगभग दोपहर 11:25 बजे शटडाउन वापस ले लिया. इससे एसटीपी प्लांट पर करंट आ गया.
घायलों को एयर लिफ्ट कर एम्स ऋषिकेश भेजा गया. धमाके के साथ चंद मिनट में चली गई 16 लोगों की जान: इससे खुली हुयी लाइन एवं चेंज ओवर में धमाके के साथ चारों तरफ करंट फैल गया. जिससे वहां अफरा-तफरी फैल गयी. लोग एक दूसरे पर करंट लगने से गिर गये. जिसके पश्चात दोपहर लगभग 11:29 बजे पुलिस के हस्तक्षेप से लाइट बंद करायी गयी. घायलों को स्थानीय पुलिस व प्रशासन के द्वारा जिला अस्पताल गोपेश्वर पहुंचाया गया. इसमें उप निरीक्षक प्रदीप रावत और 03 होमगार्ड्स सहित कुल 16 लोगों की मृत्यु हो गयी थी. 11 व्यक्ति झुलस गए थे.
ऋषिकेश एम्स में घायलों का हालचाल लेते सीएम धामी जांच के लिए बनाई तीन टीमें: दिनांक 20.07.23 को कोतवाली चमोली पर हल्का पटवारी नीरज स्वरूप द्वारा दी गयी तहरीर के आधार पर थाना कोतवाली चमोली में मुकदमा अपराध संख्या 29/2023 धारा 304 भादवि तथा 13/31 खतरनाक मशीन विनियमन अधिनियम 1983 बनाम पवन चमोला पंजीकृत किया गया. अभियोग की विवेचना प्रभारी निरीक्षक कोतवाली चमोली कुलदीप रावत द्वारा की जा रही है. अभियोग की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक चमोली प्रमेन्द्र डोभाल द्वारा अभियोग के खुलासे और वास्तविक अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए क्षेत्राधिकारी चमोली प्रमोद कुमार शाह के नेतृत्व में 03 टीमों का गठन किया गया. सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के संचालन में विद्युत उपकरण सुरक्षा मानकों, अनुबंध की शर्तों, विद्युत सुरक्षा प्रमाण पत्र आदि बिंदुओं पर गहराई से विवेचना करने के निर्देश दिए गए.
सीएम धामी ने गोपेश्वर पहुंचकर घायलों का जाना हाल इस लापरवाही ने ली 16 लोगों की जान: विवेचना के दौरान विद्युत सुरक्षा विभाग, जल संस्थान के अधिकारियों से वार्ता के बाद एवं निरीक्षण घटनास्थल से इस बात की पुष्टि हुई कि एसटीपी प्लांट को चलाने वाली ज्वांइट वेंचर कम्पनी 1-जबीएम व 2-कॉन्फिडेंट इंजीनियरिंग इंडिया प्राइवेट लिमिलेट द्वारा नियुक्त सुपरवाइजर पवन चमोला तथा प्लांट के संचालन को देख रहे जल संस्थान के प्रभारी सहायक अभियन्ता हरदेव लाल आर्य तथा ज्वाइंट वेंचर कम्पनी के स्वामियों एवं अधिकारियों ने खतरनाक विद्युत उपकरणों के संचालन में घोर लापरवाही बरती. सुरक्षा मानकों के विपरीत चेंज ओवर को बॉक्स के ऊपर रखा.
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चमोली करंट हादसा: कांप उठी रूह जब एक साथ जलीं 15 चिताएं, मची चित्कार, अलकनंदा के तट पर बहा आंसूओं का सैलाब चमोली हादसे में 3 लोग गिरफ्तार: इस प्रकार पूरे सीवर ट्रीटमेंट प्लांट को टिनशेड एवं विद्युत सुचालक लौह धातु से बनी संरचना में इस प्रकार चलाया जा रहा था, जिससे दिनांक 19.07.2023 को करंट लीक होने से इतना बड़ा हादसा हुआ. विवेचना में एसटीपी प्लांट के संचालन एवं सुपुर्दगी के अनुबंध में गंभीर अनियमितताएं पायी गयी हैं. पुलिस टीम द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए घटना में संलिप्त 03 अभियुक्तों को दिनांक कड़ी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया. घटना में संलिप्त ज्वांइट वेंचर के स्वामी एवं प्रोजेक्ट मैनेजर एवं अन्य संलिप्त व्यक्तियों के संबंध में विवेचना प्रचलित है साक्ष्य संकलन जारी है.
गिरफ्तार अभियुक्तों का विवरण
पवन चमोला पुत्र बुद्धि बल्लभ चमोला निवासी ग्राम छैकुड़ा थाना थराली जनपद चमोली (सुपरवाइजर ज्वांइट वेंचर कम्पनी)
महेन्द्र सिंह पुत्र जयपाल सिंह निवासी ग्राम कुहेड़ थाना व जिला चमोली (लाइनमैन विद्युत विभाग)
हरदेव लाल आर्य पुत्र जतनी लाल निवासी ग्रमा इडक पोओ गडोली तहसील बड़कोट जिला उत्तरकाशी (प्रभारी सहायक अभियन्ता उत्तराखंड जल संस्थान गोपेश्वर चमोली)
11 घायलों में से 9 डिस्चार्ज: एम्स ऋषिकेश में भर्ती चमोली हादसे के 11 घायलों में से 9 लोगों को आवश्यक उपचार के बाद एम्स से डिस्चार्ज कर दिया गया है. जबकि अन्य 2 घायलों का अभी अस्पताल के ट्राॅमा वार्ड में इलाज चल रहा है. जिनमें से एक की स्थिति अभी गंभीर बनी हुई है. इस दौरान केंद्रीय राज्य रक्षा मंत्री अजय भट्ट ने एम्स पंहुचकर घायलों का हाल जाना.
ये लोग हुए डिस्चार्ज: 19 जुलाई को चमोली में हुए हादसे के 11 घायलों को उपचार हेतु एम्स अस्पताल में भर्ती किया गया था. दो दिन तक आवश्यक उपचार करने के बाद घायलों की स्थिति में सुधार होने पर शुक्रवार को इनमें से 9 लोगों को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया. डिस्चार्ज किए गए लोगों में अभिषेक पाल पुत्र राजेन्द्र पाल, पवन सिह राठौर पुत्र उदय सिंह, जयदीप पुत्र हरीश लाल, धीरेन्द्र रावत पुत्र राजेन्द्र रावत और सुभाष खत्री पुत्र दौलत सिंह के अलावा नरेन्द्र पुत्र असील दास, आनन्द पुत्र स्व गम्मा लाल, रामचन्द्र पुत्र पुष्कर लाल और महेश पुत्र रूप दास शामिल हैंं. इस बारे में एम्स के ट्रॉमा सर्जन डाॅ नीरज कुमार ने बताया कि डिस्चार्ज किए गए सभी घायल अब खतरे से बाहर हैं. उनका समुचित उपचार करने के बाद ही स्थिति सामान्य होने पर अस्पताल से छुट्टी दी गयी है.
ये दो लोग अभी हैं भर्ती: चिकित्सकों के अनुसार ट्राॅमा आईसीयू में भर्ती संदीप पुत्र सुलोचन राम की हालत में कुछ सुधार हुआ है. डाॅ0 नीरज कुमार ने बताया कि संदीप को अब वेन्टिलेटर से हटा दिया गया है. हांलाकि अभी उन्हें फेस मास्क सपोर्ट पर रखा गया है. शुक्रवार को उन्हें ऑरली लिक्विड डाइट भी दी गयी और वह बातचीत करने की स्थिति में हैं. उधर ट्राॅमा रेड जोन में भर्ती घायल सुशील पुत्र सुदामा की हालत में अभी ज्यादा सुधार नहीं हो पाया है. वह अब पूर्ण तौर से सेन्स में हैं, लेकिन उन्हें किडनी की समस्या से दिक्कतें अभी भी बनी हुई हैं.
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