रायपुर:छत्तीसगढ़ चुनाव से पहले कैबिनेट से 2 उप-समुदायों को एससी (अनुसूचित जाति) में शामिल करने की मंजूरी मिल सकती है. छत्तीसगढ़ के महरा और महारा उपसमूहों को एक कानून के माध्यम से एससी सूची में शामिल किया जाएगा. इस कानून को केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय संसद के आगामी मानसून सत्र में लेकर आएगा. इसी के साथ अब छत्तीसगढ़ में क्रेडिट लेने की होड़ मच गई है. विधानसभा चुनाव 2023 को देखते हुए कांग्रेस और भाजपा वोटर्स पर अपना प्रभाव जमाने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती.
कांग्रेस और भाजपा के अपने अपने दावे:भाजपा का कहना है कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के प्रयासों के कारण ही आज इस समुदाय को एससी में शामिल किया जा रहा है. वहीं कांग्रेस का कहना है कि 15 साल सत्ता में भाजपा सरकार थी तो उस समय इसे एससी में शामिल क्यों नहीं किया गया. यह भूपेश सरकार की कोशिश का ही नतीजा है कि आज इस समुदाय को एससी में शामिल किया गया है.
रमन सरकार ने 15 साल नहीं की पहल-कांग्रेस:सूबे की सत्ता पर काबिज कांग्रेस का तर्क है कि राज्य बनने के बाद से ही लगातार इस समुदाय के लोग उन्हें एससी में शामिल करने की मांग कर रहे थे. लेकिन तत्कालीन रमन सरकार ने इस संबंध में कोई ध्यान नहीं दिया और न ही कोई प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को भेजा. इस कारण केंद्र में यह मामला लंबे समय से अटका रहा. कांग्रेस की सरकार बनने के बाद इन्हें एससी में शामिल करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को भेजा गया और अब इन्हें एससी में शामिल किया जा रहा है. इसका हम स्वागत करते हैं. अब इस वर्ग के लोगों को उनके संवैधानिक लाभ मिलने शुरू हो जाएंगे.
2017 में प्रयास किए गए थे क्योंकि वह चुनावी साल था. चुनावी लाभ लेने के लिए भाजपा ने कोशिश की. उसके पहले कभी प्रयास नहीं किया. यदि किया गया होता तो इस बार को अब तक लाभ मिलना शुरू हो गया होता. भाजपा ने इतने बड़े वर्ग को उनके संवैधानिक अधिकार से वंचित रखा. इसके लिए यदि कोई दोषी था तो रमन सरकार थी. -सुशील आनंद शुक्ला, प्रदेश अध्यक्ष, मीडिया विभाग कांग्रेस
मनमोहन सरकार में कांग्रेस ने क्यों नहीं की पहल-भाजपा:इस समुदाय को एससी में पूर्ववर्ती भाजपा सरकार की ओर से शामिल नहीं किए जाने के आरोप पर भाजपा ने भी पलटवार किया. भाजपा का कहना था कि यदि पहले करना था तो 10 साल पहले जब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह थे, उस समय क्यों नहीं किया गया. उस समय शासन इनका था. हर समाज, हर वर्ग को उनका अधिकार दिलाने के लिए भाजपा लगातार प्रयास कर रही है. आदिवासी समाज के कई लोगों ने उनका अधिकार नहीं मिल पा रहा था. उन्हें भाजपा और केंद्र की मोदी सरकार ने अधिकार दिया. अब छत्तीसगढ़ भाजपा के प्रयासों से अनुसूचित जाति के भाइयों को एक नई सौगात मिलने जा रही है.