नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (Union Ministry of Health and Family Welfare) ने शुक्रवार को उन अफवाहों को खारिज कर दिया, जिनमें कहा जा रहा है कि कोविड के टीके बांझपन का कारण (covid vaccines cause infertility) बनते हैं. मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कोविड के टीके बांझपन का कारण नहीं (Covid vaccines do not cause infertility) बनते हैं.
मंत्रालय ने कहा, भारत में जल्द ही कम से कम छह अलग-अलग प्रकार के कोविड-19 टीके उपलब्ध (covid 19 vaccines available) होंगे. हमें एक महीने में 30-35 करोड़ खुराक खरीदने की उम्मीद है, ताकि एक दिन में एक करोड़ लोगों को टीका लगाया जा सके.
राष्ट्रीय टीकाकरण परामर्श समूह (ATAGI) के कोविड-19 कार्य समूह के अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र कुमार अरोड़ा ने कहा, जब पोलियो वैक्सीन आई थी और भारत तथा दुनिया के अन्य भागों में दी जा रही थी, तब उस समय भी ऐसी अफवाह फैली थी कि जिन बच्चों को पोलियो दी जा रही है, आगे चलकर उन बच्चों की प्रजनन क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.
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उन्होंने कहा कि इस तरह की गलत सूचना एंटी-वैक्सीन लॉबी (anti vaccine lobby) फैलाती है. हमें यह जानना चाहिए कि सभी वैक्सीनों को कड़े वैज्ञानिक अनुसंधान से गुजरना पड़ता है. किसी भी वैक्सीन में इस तरह का कोई बुरा असर नहीं होता.
मैं सबको पूरी तरह आश्वस्त करना चाहता हूं कि इस तरह का कुप्रचार लोगों में गलतफहमी पैदा करता है. हमारा मुख्य ध्यान खुद को कोरोना वायरस से बचाना है, अपने परिवार और समाज को बचाना है. लिहाजा, सबको आगे बढ़कर टीका लगवाना चाहिए.
अरोड़ा ने आगे कहा कि यदि किसी टीके की प्रभावशीलता 80 प्रतिशत है, तो टीकाकरण वाले 20 प्रतिशत लोग हल्के कोविड से संक्रमित हो सकते हैं.