भुवनेश्वर : ओडिशा में रहने वाले स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. नीरोज मिश्रा ने बताया कि यूके की एक खबर में कहा गया है कि एक नए अध्ययन के अनुसार भारत वर्तमान में जिन दो टीकों (कोवैक्सीन और कोविशिल्ड) का उपयोग कर रहा है, वे कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट के खिलाफ काम कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, वर्तमान में जो स्थिति बनी है उसमें घबराने की जरूरत नहीं है. बस हमें अच्छे सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों की आवश्यकता है.
बता दें कि कोरोना वायरस में लगातार म्यूटेशन हो रहा है, और डेल्टा प्लस वेरिएंट उनमें से एक म्यूटेशन है, जोकि मौजूदा समय में लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है. डेल्टा+ वैरीएंट दो तरह का है, जिसे AY.1 और AY.2 का नाम दिया गया है.
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कोरोना और डेल्टा प्लस वेरिएंट के लक्षण अलग नहीं हैं, लेकिन कुछ ऐसे लक्षण हैं जो इस वेरिएंट में नजर आ रहे हैं. तेज बुखार, शरीर पर हल्के रेशिज, गला खराब होना, पेट दर्द, स्मेल और टेस्ट न आना, सिर दर्द इस प्रकार के लक्षण आमतौर पर देखने को मिल रहे हैं, लेकिन जिस प्रकार से इस वेरिएंट के मामले सामने आ रहे हैं.
वैक्सीन की बात करें तो कोविशील्ड ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका और सीरम इंस्टीट्यूट ने संयुक्त रूप से विकसित किया है.वहीं देश की शीर्ष फार्मास्युटिकल कंपनी भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन टीका विकसित किया है. भारत के दोनों टीके अल्फा (बी.1.1.7), बीटा (बी.1.351), गामा (पी.1) और डेल्टा (बी.1.1617.2) सभी चार प्रकारों के खिलाफ काम करते हैं.